भारतीय खाना
यह एक शृंखला है जो भारतीय खाना के बारे में है। |
भारतीय खाना |
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भारत प्रवेशद्वार |
भारतीय भोजन या भारतीय खाना अपने भीतर भारत के सभी क्षेत्र, राज्य के अनेक भोजनों का नाम है। जैसे भारत मैं सब कुछ अनेक और विविध है, भारतीय भोजन भी उसी तरह विविध है। पूरब पश्चिम, उत्तर और दक्षिण भारत का आहार एक दूसरे से बहुत अलग है। भारतीय भोजन पे अनेक तत्वों का प्रभाव पड़ा है, जैसे उतर भारत मैं हम मुगलय प्रभाव देकते है। हर क्षेत्र का खाना दुसरे क्षेत्र से बहुत अलग हौता है, यह भरतीय भोजन को अपनी एक निराला व अनोखा रूप देती है। पूरन पूरी हो या दाल बाटी, तंदूरी रोटी हो या शाही पुलाव, पंजाबी खाना हो या मारवाड़ी खाना, भारतीय भोजन की अपनी एक विशिष्टता है और इसी कारण से आज संसार के सभी बड़े देशों में भारतीय भोजनालय पाये जाते हैं जो कि अत्यंत लोकप्रिय हैं। विदेशों में प्रायः सप्ताहांत अथवा अवकाशों पर भोजन के लिये लोग भारतीय भोजनालयों में ही जाना अधिक पसंद करते हैं।साँचा:citation needed स्वादिष्ट खाना बनाना एक कला है, इसी कारणवश भारतीय संस्कृति में इसे पाक कला कहा गया है। भारतीय भोजन विभिन्न प्रकार की पाक कलाओं का संगम है। इसमें पंजाबी खाना, मारवाड़ी खाना, दक्षिण भारतीय खाना, शाकाहारी खाना, मांसाहारी खाना आदि सभी सम्मिलित हैं।
भारतीय ग्रेव्ही, जिसे कि अक्सर करी/तरी भी कहा जाता है, का अपना अलग ही इतिहास है। जी हाँ, आपको जानकर आश्चर्य होगा कि भारतीय करी का इतिहास 5000 वर्ष पुराना है। प्राचीन काल में, जब भारत आने के लिये केवल खैबर-दर्रा ही एकमात्र मार्ग था क्योंकि उन दिनों समुद्री मार्ग की खोज भी नहीं हुई थी। उन दिनों में भी यहाँ आने वाले विदेशी व्यापारियों को भारतीय भोजन इतना अधिक पसंद था कि वे इसे पकाने की विधि सीख कर जाया करते थे और भारत के मोतियों के साथ ही साथ विश्वप्रसिद्ध गरम मसाला खरीद कर अपने साथ ले जाना कभी भी नहीं भूलते थे।
करी शब्द तमिल के कैकारी, जिसका अर्थ होता है विभिन्न मसालों के साथ पकाई गई सब्जी, से बना है। ब्रिटिश शासनकाल में कैकारी अंग्रेजों को इतना पसंद आया कि उन्होंने उसे काट-छाँट कर छोटा कर दिया और करी बना दिया। आज तो यूरोपियन देशों में करी इंडियन डिशेस का पर्याय बन गया है।[१]
सामग्री
भारतीय भोजन में बहुत सारे सामग्रीयो का उपयोग होता है, जैसे की दालचीनी, काली मिर्च, लौंग, इलायची का प्रयोग होता है। अदरक लहसुन और प्याज का भी प्रयोग होता है, लेकिन जैन धर्म व कुछ ब्राह्मण जड़(रूट) सब्जियों को नहीं खाते। मौसमी सामग्री क भी प्रयोग होता है। अलग -अलग प्रकार के दाल का भी उपयोग होता है जैसे मसूर, तूर, उड़द मूंग दाल जैसे भिन्न-भिन्न दालो का इस्तमल होता है।
उत्तर भारतीय खाना
उत्तर भारत का खाना पुरी दुनिया मैं प्रसिद्ध है। उत्तर भारतीय खाना काश्मीर, पंजाब, उत्तर प्रदेश हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंडजैसे राज्यों को अपने अन्दर लेता है। उत्तर भारतीय भोजन-
- अवधी व्यंजन
- बिहारी व्यंजन
- भोजपुरी व्यंजन
- कुमाउनी व्यंजन
- कश्मीर का भोजन
- मुगलय भोजन
- पंजाबी व्यंजन
- उत्तर प्रदेश के भोजन
कश्मीरी खाना
कश्मीरी खाना इस क्षेत्र की प्राचीन परंपरा पर आधारित है। इस क्षेत्र में प्रसिद्ध सामग्री मास है। इस क्षेत्र के प्रसिद्ध व्यंजन है - दम आलू; रोगन ज़ोश एक मास आधारित पकवान है। इस पकवान में बहुत सारा तेल का उपयोग होत है, इसे तीव्र गर्मी पर पकाया जाता है। इस पकवान के मुख्य सामग्री है- कश्मीरी रेड चिलीज, मास, दही, सोंठ आदि का प्रयोग होता है।
पंजाबी खाना
खाना पंजाब और पाकिस्तान के पकवानो को अपने भीतर लेता है। यह अपने मसालो व पकवानो के रंगो के लिए प्रसिद्ध है। पंजाबी खाना न केवल भारत मै, पर पुरी दुनीया बहुत जाना माना है। पंजाबी खाने मैं घी, दही, मक्खन, पूरी गेहूं का उपयोग होता है। पंजाबी खाने के मसाला ज्यादा तर अदरक -लहसुन प्याज का अप्रमाद होता है। हम आलु पराठा, अनारदाना मुर्ग, छ्हित, खीर, सर्सोन का साग पंजाबी खाने के माशुर खान है। तंदूरी खाना यहाँ की विशेषता है।
विशिष्ट व्यंजन
नाश्ता
- पराठा
- हलवा पुरी
- फालुदा
- लस्सी
- छाछ
मांसाहारी
- चिकन: तंदूरी चिकन, चिकन रोस्ट, चिकन रसा, चिकन मसाला,
- मटन: मटन मसाला, मटन रोस्ट
, चिकन टिक्का
- मास: रोगन जोश, भुना गोश्त, रान गोश्त, दाल गोश्त, साग गोश्त, नीहरी गोश्त, दुर्लभ गोश्त, पाये दा शोरबा
- कबाब: मास, चिकन और बीफ हिस्सा
- बिरयानी: मास, चिकन और बीफ विविधताओं
शाकाहारी
शाकाहारी
- पल्स, सेम और / या मसूर की तैयारी:
- सरसों दा साग (हरे सरसों के पत्तों से तैयार एक डिश) और मक्की दी रोटी, मकई का आटा द्वारा किए गए एक रोटी के साथ
- मशरूम और सेम सब्जी
- दाल मखानी (क्रीम और मक्खन के साथ दाल)
- राजमा (लाल मूंग) और चावल
- रूगि (काले आंखवाले मटर)
- छोले (नान या कुल्छा के साथ खाया)
- आलू (पुरी के साथ खाया)
- कढ़ी पकोड़ा (पकोड़े के साथ परंपरागत करी) और चावल
- शाही पनीर, खोया पनीर और तरह तरह के पनीर के व्यंजन खा सकते है
- फिरिनी,
, मालपुअ, जैसे मीठे व्यंजन
- हरी चटनी, समोसे
- अलग - अलग प्रकार के ब्रेड जैसे नान, पुरी, पराठा आदि
दक्षिण भारतीय खान
दक्षिण भारतीय खाना भारत के द्रविड़ राज्यों के खाने को कहा जाता है। इसमें मुख्यतः तमिल नाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और केरल राज्य गिने जाते है। प्रसिद्ध पकवाने है- पेरुगु पुरी, इडली, डोसा, सांभर, पोंगल आदि। यहाँ का प्रमुख भोजन चावल है। नारियल, इमली, हरी मिर्च का प्रयोग होता है।
प्रकार
तमिल खाना मैं चावल, फलियां और मसूर की दाल का प्रयोग होता है। अपनी विशिष्ट सुगंध और स्वाद करी पत्ते, सरसों के बीज, धनिया, अदरक, लहसुन, मिर्च, काली मिर्च, दालचीनी, लौंग, हरी इलायची, जीरा, जायफल, नारियल और गुलाब जल हर एक पकवान को सुगंधित और स्वादिष्ट बनाते है। चेट्टीनाद व्यंजन पूरे दुनीया मैं प्रसिद्ध है। प्रसिद्ध खान है- मीन कोज़हमबु, पोलि, पोगल, इड्डीअपम, इडली, रस्म, पारुपु डोसा।
मलयाली खाना बहुत विविध है। शाकाहारी व मांसाहरी पकवाने यहाँ मिलती है। प्रसिद्ध पकवान है-पुटू, आपम, इडीआपम, अवीयल, अलग- अलग प्रकार के मछली करी, मालाबार बिरयानी, पेडी, चिकन स्टू, पायसम। मलयाली खाने मैं केरल (चोर) चावल पसंद करते हैं। यहाँ का सबसे प्रसिद्ध पकवान सादया है।
केरला के पकवान के तरह हि कन्नड़ पकवान मैं शाकाहारी व मांसाहरी पकवाने मिलती है। दक्षिण राज्यों का प्रभाव कन्नड़ खाने पर बहुत पड़ा है। प्रसिद्ध पकवान है - कोसमबारी, बिसी बेले बाथ, अक्कि रोटी, रागी मुद्दे, कायी चटनी, नुपुत्तु, टमाटर बाथ, मैसूर पाक, पानदि करी, अलग- अलग प्रकार के अचार। उडुपी व्यंजन पूरे राज्य व दुनीया मैं प्रसिद्ध है।
आंध्र खाना अपने नोंकदार, मसालेदार खाने के लिए जाना जाता है। दल, टमाटर और इमली इनके प्रमुक सामग्रीया है। प्रसिद्ध पकवान है- पेरुगु पुरी, पाचहि पुलुसु, बदाम हलवा, बिरयानी। इस राज्य के अन्दर बहुत सारे व्यंजन मिलेगे जैसे-
- हैदराबादी व्यंजन
- तेलंगाना के खान- पान
- रायलसीमा के खान- पान
हर एक व्यंजन अपनी विशेषता बानाए रकता है।
पश्चिम भारतीय खाना
गुजराती खाना मैं लग-भग सारे पकवान शाकाहारी है। गुजराती खाने एक साथ मीठे, नमकीन वह मसालेदार होते है। प्रधान पकवान खिचड़ी, अचार, छाछ है। प्रसिद्ध खाने है-
- ब्रेड/रोटी- पूरन पोली, थेपला, पोडा, बाकरी।
- चावल-खिचड़ी, पुलाव, खट्टे और मीठे चावल
- सब्जी-कढ़ी, सेव टमेटा, उन्धियो।
- साइड डिश/फारस्न- पकोड़ा, ढोकला, बटाका पौंआ, हांडवो, दाळ ठोकळी, दही वड़ा, कहान्डवी, कच्होरी, सेव, मालपुआ।
राजस्थानी खाना
दाल बाटी, चूरमा, वैसे तो दाल बाटी एक राजस्थानी व्यंजन है, किन्तु आजकल यह संपूर्ण भारत में पसंद की जाने लगी है। राजस्थान में छुट्टी हो या घर में मेहमान आए हों, बारिश ने दस्तक दी हो या कोई भी मंगल त्यौहार हो, दाल बाटी का कोई विकल्प नहीं।
राजस्थान के रेगिस्तानी आँचल की सब्जी (कैर सांगरी) के बारे में तो यहाँ तक कहा गया है कि- " कैर, कुमटिया सांगरी, काचर बोर मतीर | तीनूं लोकां नह मिलै, तरसै देव अखीर ॥ "
कैर, कुमटिया, सांगरी, काचर, बेर और मतीरे राजस्थान को छोड़कर तीनों लोकों में दुर्लभ है इनके स्वाद के लिए तो देवता भी तरसतें रहते है।
मराठी खाना
पुरण पोळी, आंबट वरण, पुरण पोळी महाराष्ट्र का सांस्क्रुतिक मिष्टान्न हैं। हर मंगल प्रसंग पुरण पोळी के बिना अधुरा हैं। चनेकी दाल, गुड और गेंहुका आटा ये पुरण पोळी बनानेकी सामग्री हैं। चनेकी दाल उबालके गुडके साथ मिलाके पिस ले। फिर ये मिश्रण परोंठेके तरह गुंदेहुए आटेंमें भरके सेंक ले। इसके साथ ही महाराष्ट्र में मुबई का वडापाव बहुत पसंद किया जाता है।
पूर्व भारतीय खाना
पारंपरिक क्षेत्रीय खनपान
कश्मीरी
पंजाबी
अवधी खाना
राजस्थानी
- दाल बाटी
- चूरमा
- लापसी
- घेवर
- कैर की सब्जी
- कड़ी
- मावा कचौरी
- गट्टे की सब्जी
- हल्दी की सब्जी
- मंगोड़ी और पिथोड़ी की सब्जी
- मूंग दाल, आटे और सिंगोड़े का हलवा
- गुंद के लड्डू
- पंचमेल सब्जी
- सांगरी की सब्जी
- कुमटिया की सब्जी
गुजराती
महाराष्ट्री
- वड़ा पाव
- श्रीखंड
- भेलपूरी
- पुरण पोळी
- झुणका भाकर
- गुर्जर वाल भाजी
- गुर्जरोयनी वरण बट्टी
- गुर्जरी सफेद कढ़ी
- गुर्जरी वाल ना दाना अनं वांगु
- गुर्जरी तोर ना दाना अनं वांगु
- गुर्जरी वांगा नी घोटेल भाजी
- गुर्जरी सग्गा वांगा
- गुर्जरी पातोडे नी भाजी
- गुर्जर दराबा ना लाडू
कोंकणी/गोआनी
केरल
दक्षिण भारतीय
हैदराबादी
पूर्वी
पूर्वोत्तर
इन्हें भी देखें
चित्रदालन
बाहरी कड़ियाँ
सन्दर्भ
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।