सुनील दत्त
सुनील दत्त | |
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जन्म | साँचा:br separated entries |
मृत्यु | साँचा:br separated entries |
जन्म का नाम | बलराज दत्त |
राजनीतिक दल | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
जीवन संगी | नरगिस दत्त (1958 से 1981) |
बच्चे | संजय दत्त, प्रिया दत्त, एवं नम्रता दत्त |
निवास | बान्द्रा (पश्चिम), मुंबई, महाराष्ट्र, भारत |
व्यवसाय | फिल्म अभिनेता, निर्माता निर्देशक एवं राजनीतिज्ञ |
धर्म | हिन्दू |
साँचा:center |
सुनील दत्त (अंग्रेजी: Sunil Dutt, पंजाबी: ਸੁਨੀਲ ਦੱਤ, जन्म: 6 जून 1929, मृत्यु: 25 मई 2005), जिनका असली नाम बलराज दत्त था, भारतीय फिल्मों के विख्यात अभिनेता, निर्माता व निर्देशक थे, जिन्होंने कुछ पंजाबी फिल्मों में भी अभिनय किया। इसके अतिरिक्त उन्होंने भारतीय राजनीति में भी सार्थक भूमिका निभायी। मनमोहन सिंह की सरकार में 2004 से 2005 तक वे खेल एवं युवा मामलों के कैबिनेट मन्त्री रहे। उनके पुत्र संजय दत्त भी फिल्म अभिनेता हैं।[१]
उन्होंने 1984 में कांग्रेस पार्टी के टिकट पर मुम्बई उत्तर पश्चिम लोक सभा सीट से चुनाव जीता और सांसद बने। वे यहाँ से लगातार पाँच बार चुने जाते रहे। उनकी मृत्यु के बाद उनकी बेटी प्रिया दत्त ने अपने पिता से विरासत में मिली वह सीट जीत ली। भारत सरकार ने 1968 में उन्हें पद्म श्री सम्मान प्रदान किया। इसके अतिरिक्त वे बम्बई के शेरिफ़ भी चुने गये।
आरम्भिक जीवन
सुनील का जन्म ब्रिटिश भारत में पंजाब राज्य के झेलम जिला स्थित खुर्दी नामक गाँव में हुआ था। यह गाँव अब पाकिस्तान मे है। बँटवारे के दौरान उनका परिवार भारत आ गया। सुनील ने मुम्बई के जय हिन्द कालेज में दाखिला लिया और जीवन यापन के लिये बेस्ट में कण्डक्टर की नौकरी भी की।
करियर
उनके कैरियर की शुरुआत रेडियो सीलोन पर, जो कि दक्षिणी एशिया का सबसे पुराना रेडियो स्टेशन है, एक उद्घोषक के रूप में हुई जहाँ वे बहुत लोकप्रिय हुए। इसके बाद उन्होंने हिन्दी फ़िल्मों में अभिनय करने की ठानी और बम्बई आ गये। 1955 मे बनी "रेलवे स्टेशन" उनकी पहली फ़िल्म थी पर 1957 की 'मदर इंडिया' ने उन्हें बालीवुड का फिल्म स्टार बना दिया। डकैतों के जीवन पर बनी उनकी सबसे बेहतरीन फिल्म मुझे जीने दो ने वर्ष 1964 का फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार जीता। उसके दो ही वर्ष बाद 1966 में खानदान फिल्म के लिये उन्हें फिर से फ़िल्मफ़ेयर का सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार प्राप्त हुआ।
1957 में बनी महबूब खान की फिल्म मदर इण्डिया में शूटिंग के वक़्त लगी आग से नरगिस को बचाते हुए सुनील दत्त बुरी तरह जल गये थे। इस घटना से प्रभावित होकर नरगिस की माँ ने अपनी बेटी का विवाह 11 मार्च 1958 को सुनील दत्त से कर दिया।
1950 के आखिरी वर्षों से लेकर 1960 के दशक में उन्होंने हिन्दी फिल्म जगत को कई बेहतरीन फिल्में दीं जिनमें साधना (1958), सुजाता (1959), मुझे जीने दो (1963), गुमराह (1963), वक़्त (1965), खानदान (1965), पड़ोसन (1967) और हमराज़ (1967) प्रमुख रूप से उल्लेखनीय हैं।
फिल्म "मुझे जीने दो" में उनके बेहतरीन अभिनय ने उन्हें बहुत लोकप्रिय स्टार बना दिया।
प्रमुख फिल्में
बतौर निर्माता
वर्ष | फ़िल्म | टिप्पणी |
---|---|---|
1991 | यह आग कब बुझेगी | |
1982 | दर्द का रिश्ता | |
1971 | रेशमा और शेरा | |
1963 | ये रास्ते हैं प्यार के |
बतौर निर्देशक
वर्ष | फ़िल्म | टिप्पणी |
---|---|---|
1991 | यह आग कब बुझेगी | |
1982 | दर्द का रिश्ता | |
1981 | रॉकी | |
1978 | डाकू और जवान | |
1971 | रेशमा और शेरा | |
1968 | गौरी | |
1964 | यादें |
सम्मान और पुरस्कार
- 1964 - फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार - मुझे जीने दो
- 1966 - फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार - खानदान
- 1967 - बंगाल फिल्म जर्नलिस्ट ऐसोसिएशन का सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार - मिलन[२]
- 1968 - पद्म श्री
- 1982 - बम्बई के शेरिफ़
- 1995 - फिल्म फेयर का लाइफटाइम अचीवमेण्ट अवार्ड
- 1997 - स्टार स्क्रीन का लाइफटाइम अचीवमेण्ट अवार्ड
- 1998 - राजीव गान्धी राष्ट्रीय सद्भावना सम्मान[३]
- 2005 - दादा साहब फाल्के अकादमी का फाल्के अवार्ड[४]
- 2005 - आईआईएफएस लन्दन का भारत गौरव सम्मान[५]
लोक कल्याण के कार्य
सुनील दत्त और नरगिस - दोनों पति पत्नी ने मिलकर "अजन्ता आर्ट्स कल्चरल ट्रुप" नाम से एक सांस्कृतिक संस्था का निर्माण बहुत पहले ही कर लिया था। इस संस्था के माध्यम से वे फिल्म निर्माण से लेकर राष्ट्र व लोक कल्याण के कार्य निरन्तर करते रहे। 1981 में यकृत कैंसर से हुई उनकी पत्नी नरगिस दत्त की मृत्यु के बाद सुनील दत्त ने "नरगिस दत्त मैमोरियल कैंसर फाउण्डेशन" की स्थापना की। इतना ही नहीं, प्रति वर्ष उनकी स्मृति में "नरगिस अवार्ड" भी देना प्रारम्भ किया। अब ये दोनों कार्य उनकी बेटियाँ व बेटा मिलकर देखते हैं।
25 मई 2005 को मुम्बई में पाली हिल बान्द्रा स्थित बँगले पर हृदय गति बन्द हो जाने से उनकी मृत्यु हो गयी।
सन्दर्भ
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- ↑ साँचा:cite news
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इन्हें भी देखें
बाहरी कड़ियाँ
- आधिकारिक जालस्थल (अंग्रेज़ी)