विनोद खन्ना
विनोद खन्ना | |
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खन्ना २०१२ में | |
जन्म |
6 October 1946[१] पेशावर (1901–55), ब्रितानी भारत (अभी, पाकिस्तान) |
मृत्यु |
27 अप्रैल 2017 [२] |
व्यवसाय | अभिनेता ,राजनीतिज्ञ |
जीवनसाथी |
गीताजंलि (1971–1985 तलाक) कविता (1990–2017 (निधन तक)) |
बच्चे |
राहुल खन्ना (पुत्र) अक्षय खन्ना (पुत्र) साक्षी खन्ना (पुत्र) श्रद्धा खन्ना (पुत्री) |
विनोद खन्ना (जन्म: रविवार, ६ अक्टूबर, १९४६ - निधन: गुरुवार, २७ अप्रैल २०१७) हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता थे जिनका जन्म पेशावर (ब्रितानी भारत) में हुआ था जबकि इनका लम्बे समय से कैंसर से पीड़ित रहने की वजह से २७ अप्रैल २०१७ को मुम्बई के एच एन रिलायंस अस्पताल में निधन [३] हो गया [४]।
जीवन
विनोद खन्ना का जन्म एक व्यापारिक परिवार में ०६ अक्टूबर १९४६ को पेशावर ,ब्रितानी भारत (वर्तमान पाकिस्तान) में हुआ था। उनका परिवार अगले साल १९४७ में हुए भारत-पाक विभाजन के [५] बाद पेशावर से मुंबई आ गया था। उनके माता-पिता का नाम कमला और किशनचंद खन्ना था। १९६० के बाद की उनकी स्कूली शिक्षा नासिक के एक बोर्डिग स्कूल में हुई वहीं उन्होंने सिद्धेहम कॉलेज से वाणिज्य में स्नातक किया था।[६]
इनके तीन पुत्र और एक पुत्री है जिसमें अक्षय खन्ना और राहुल खन्ना जो कि दोनों फ़िल्म अभिनेता है। २७ अप्रैल २०१७ को लम्बे समय से कैंसर से पीड़ित रहने के कारण मुम्बई के एच एन रिलायंस अस्पताल में निधन हो गया।[७][८][९]
कैरियर
फिल्मी सफर
उन्होंने अपने फ़िल्मी सफर की शुरूआत १९६८ में आयी फ़िल्म "मन का मीत" से की जिसमें उन्होंने एक खलनायक का अभिनय किया था। कई फ़िल्मों में उल्लेखनीय सहायक और खलनायक के किरदार निभाने के बाद १९७१ में उनकी पहली एकल हीरो वाली फ़िल्म हम तुम और वो आयी। कुछ वर्ष के फ़िल्मी संन्यास, जिसके दौरान वे आचार्य रजनीश के अनुयायी बन गए थे, के बाद उन्होंने अपनी दूसरी फ़िल्मी पारी भी सफलतापूर्वक खेली और २०१७ तक फ़िल्मों में सक्रिय रहे।[६]
राजनैतिक कैरियर
वर्ष १९९७ और १९९९ में वे दो बार पंजाब के गुरदासपुर क्षेत्र से भाजपा [८][१०] की ओर से सांसद चुने गए थे। जबकि २००२ में वे संस्कृति और पर्यटन के केन्द्रिय मंत्री भी रहे। इसके बाद सिर्फ ६ माह पश्चात ही उनको अति महत्वपूर्ण विदेश मामलों के मंत्रालय में राज्य मंत्री बना दिया गया था।[६]
प्रमुख फिल्में
बतौर निर्माता
वर्ष | फ़िल्म | टिप्पणी |
---|---|---|
1997 | हिमालय पुत्र |
नामांकन और पुरस्कार
1999 में उनको फ़िल्मों में उनके 30 वर्ष से भी ज्यादा समय के योगदान के लिए फिल्मफेयर के लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित भी किया गया।[६] 2018 में उन्हें मरणोपरांत भारतीय सिनेमा के सर्वोच्च पुरस्कार, दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया।[११]
सन्दर्भ
- ↑ साँचा:cite web
- ↑ साँचा:cite news
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- ↑ साँचा:cite web
- ↑ अ आ इ ई साँचा:cite web
- ↑ साँचा:cite web
- ↑ अ आ साँचा:cite web
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- ↑ विनोद खन्ना को दादा साहेब फाल्के अवार्ड; पिछले साल लंबी बीमारी के चलते हुआ था निधन स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।. एनडीटीवी. 13 अप्रैल 2018