धर्मेन्द्र
धर्मेन्द्र | |
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पद बहाल 2004–09 | |
उत्तरा धिकारी | अर्जुन राम मेघवाल |
चुनाव-क्षेत्र | बीकानेर |
जन्म | साँचा:br separated entries |
राष्ट्रीयता | भारत |
राजनीतिक दल | भारतीय जनता पार्टी |
निवास | मुंबई महाराष्ट्र |
व्यवसाय | अभिनेता, राजनीतिज्ञ |
धर्म | सिख जट |
पुरस्कार/सम्मान | पद्म भूषण (2012) |
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धर्मेन्द्र (पंजाबी: ਧਰਮਿੰਦਰ ਸਿੰਘ ਦਿਉਲ जन्म: ८ दिसंबर, १९३५) हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता हैं। यह सिख (जाट) परिवार में पैदा हुए इनकी पत्नी हेमा मालिनी, पुत्र बॉबी देओल और सनी देओल भी फ़िल्मों में काम करते हैं। धर्मेन्द्र 2004 से 2009 तक बीकानेर से भारतीय जनता पार्टी के लोकसभा सांसद थे।
व्यक्तिगत जीवन
वे फगवाड़ा में पंजाब राज्य के कपूरथला जिले में पैदा हुए थॆ। धर्मेंद्र नॆ दो बार शादी की और अपनी दोनों पत्नियों को बनाए रखा है। उनकी पहली शादी प्रकाश कौर से 19 वर्ष की उम्र में 1954 में हुई। उनकी दूसरी शादी बॉलीवुड अभिनेत्री हेमा मालिनी के साथ हुई। असल में धर्मेन्द्र का गाँव जिला लुधिआना के अंतर्गत साहनेवाल है। जो अब कसबे का रूप ले चुका है। धर्मेन्द्र की पढाई फगवाडा के आर्य हाई स्कूल एवं रामगढ़िया स्कूल में हुई। ये उनकी बुआ का शहर है। जिनका बेटा वीरेंदर पंजाबी फ़िल्मों का सुपर स्टार तथा प्रोड्यूसर डायरेक्टर था। आतंक के दौर में लुधिआना में ही फ़िल्म जट ते ज़मीन की शूटिंग के दौरान आतंकियों ने गोली मार कर उनकी हत्या कर दी थी।
कैरियर
रोल चाहे फ़िल्म सत्यकाम के सीधे सादे ईमानदार हीरो का हो, फ़िल्म शोले के एक्शन हीरो का हो या फिर फ़िल्म चुपके चुपके के कॉमेडियन हीरो का, सभी को सफलता पूर्वक निभा कर दिखा देने वाले धर्मेंद्र सिंह देओल अभिनय प्रतिभा के धनी कलाकार हैं। सन् 1960 में फ़िल्म दिल भी तेरा हम भी तेरे से अभिनय की शुरुवात करने के बाद पूरे तीन दशकों तक धर्मेंद्र चलचित्र जगत में छाये रहे। उन्होंने केवल मेट्रिक तक ही शिक्षा प्राप्त की थी। उन्हें स्कूल के समय से ही फ़िल्मों का इतना चाव था कि दिल्लगी (1949) फ़िल्म को 40 से भी अधिक बार देखा था। अक्सर क्लास में पहुँचने के बजाय सिनेमा हॉल में पहुँच जाया करते थे। फ़िल्मों में प्रवेश के पहले रेलवे में क्लर्क थे, लगभग सवा सौ रुपये तनख्वाह थी। 19 साल की उम्र में ही प्रकाश कौर के साथ उनकी शादी भी हो चुकी थी और अभिलाषा थी बड़ा अफसर बनने की।
फ़िल्मफेयर के एक प्रतियोगिता के दौरान अर्जुन हिंगोरानी को धर्मेंद्र पसंद आ गये और हिंगोरानी जी ने अपनी फ़िल्म दिल भी तेरा हम भी तेरे के लिये 51 रुपये साइनिंग एमाउंट देकर उन्हें हीरो की भूमिका के लिये अनुबंधित कर लिया। पहली फ़िल्म में नायिका कुमकुम थीं। पहली फ़िल्म से कुछ विशेष पहचान नहीं बन पाई थी इसलिये अगले कुछ साल संघर्ष के बीते। संघर्ष के दिनों में जुहू में एक छोटे से कमरे में रहते थे। फ़िल्म अनपढ़ (1962), बंदिनी (1963) तथा सूरत और सीरत (1963) से लोगों ने उन्हें जाना, पर स्टार बने ओ.पी. रल्हन की फ़िल्म फूल और पत्थर (1966) से। धर्मेंद्र ने200 से भी अधिक फ़िल्मों में काम किया है, कुछ अविस्मरणीय फ़िल्में हैं अनुपमा, मँझली दीदी, आँखे, सत्यकाम, यादों कि बारात, शोले, धरमवीर, राजा जानी, चुपके चुपके आदि।
धर्मेन्द्र अपने स्टंट दृश्य बिना डुप्लीकेट की सहायता के स्वयं ही करते थे। धर्मेंद्र ने चिनप्पा देवर की फ़िल्म मां में एक चीते के साथ सही में फाइट किया था ।