मझगांव दुर्ग

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साँचा:infobox building मझगाँव दुर्ग भारत के राज्य महाराष्ट्र में स्थित एक दुर्ग है जिसका निर्माण तत्कालीन बॉम्बे (वर्तमान मुम्बई) में १६८० में हुआ था। यह किला वर्तमान के यूसुफ बाप्तिस्ता गार्डन में, भंडारवाड़ा पहाड़ी पर डॉकयार्ड रोड रेलवे स्टेशन के बाहर स्थित है।

इतिहास

इस किले पर जून १६९० में सिद्दी जनरल याकूत खान ने आक्रमण किया था। अठारहवीं सदी तक, बंबई कई छोटे द्वीपों में शामिल थे। पुर्तगालियों द्वारा १६६१ में महाराष्ट्र के ७ द्वीप इंग्लैंड के राजा चार्ल्स द्वितीय से पुर्तगाली राजा ब्रगांजा की राजकुमारी कैथेरिन से विवाह किया था तो दहेज के रूप में दिये गए थे। यह बंदरगाह उत्कृष्ट एवं सर्वथा योग्य था, अतः ब्रिटिश ने सूरत से अपना बंदरगाह यहाँ लाने की योजना बनाई। तब अफ्रीका से आये सिद्दियों के मुग़लों से अच्छे सम्बन्ध थे व उनकी नौसेना भी अच्छी थी। तब ईस्ट इंडिया कंपनी से ब्रिटिश और मुग़ल के बीच लगातार युद्ध जारी था। मुग़लों के साथ अच्छे सम्बन्ध होने से सिद्दियों ने भी ब्रिटिश कंपनी से शत्रुता बनाये रखी। १६७२ में सिद्दियों द्वारा किये गए कई निर्दयी हमलो के बाद, अंग्रेज़ों ने कई जगह से किलेबंदी की, और १६८० में सिवरी किले का निर्माण पूर्ण हो जाने पर वहां स्थानांतरित हो गये।[१]

यह दुर्ग भी पूर्वी समुद्र तट पर नजर रखे हुए मझगाँव द्वीप पर ही स्थित था । १६८९ में सिद्दी जनरल याकूत खान ने २०,००० की पैदल सेना के साथ बॉम्बे प्रेसिडेन्सी पर आक्रमण किया। इनके पहले बेड़े ने सेवरी किले पर अधिकार कर लिया, फिर मझगाँव किला और फिर माहिम पर भी। १६८९ में सिद्दियों ने ब्रिटिशों की दक्षिण किलेबंदी को घेर लिया। वहां के ब्रिटिश राज्यपाल सर जॉन चाइल्ड ने मुगल बादशाह औरंगज़ेब से समझौता किया व एक निश्चित राशि के एवज में साकट पर अधिकार करने को राजी कर लिया। इस पर फरवरी १६९० में औरंगज़ेब सहमत हो गया और १.५ लाख रुपये (१ अरब डॉलर) की कीमत तय हुई, साथ ही चाइल्ड को नौकरी से अलग करने का भी निर्णय लिया। चाइल्ड की १६९० में अचानक मृत्यु हो जाने से वह नौकरी छोड़ने की बदनामी से बच गया। वस्तु विनिमय पर गुस्से में आकर, मझगाँव किला गिराने के बाद, ८ जून १६९० को सकत ने अपनी सेना वापिस ले ली। १८८४ में ब्रिटिशों ने भंडारवाद पहाड़ी पर एक बड़ा जलाशय विकसित किया। आज यही जलाशय यह दक्षिण और मध्य मुम्बई को पानी की आपूर्ति करता है। यहां की जमीन के दो भागों में से एक लोकप्रिय यूसुफ बप्तिस्ता के नाम पर है और दूसरी स्वतंत्रता सेनानी और भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के कार्यकर्ता बाल गंगाधर तिलक के नाम पर।[२][३]

सन्दर्भ

  1. साँचा:cite news
  2. साँचा:cite news
  3. [ मझगांव दुर्ग]। बुकस्ट्रक


इन्हें भी देखें

बाहरी सूत्र

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