अरनाला का किला
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साँचा:infobox अर्नाला का किला महाराष्ट्र की राजधानी के निकट वसई गाँव में है। यह दुर्ग जल के बीच एक द्वीप पर बना होने के कारण इसे जलदुर्ग या जन्जीरे-अर्नाला भी कहा जाता है। यह मुम्बई से ४८ किमी दूरी पर ख्य अर्नाला से ८ कि॰मी॰ दूरी पर स्थित है।[१] इस किले पर १७३९ में पेशवा बाजीराव के भाई चीमाजी ने अधिकार कर लिया था।[२] वैसे इस किले पर अधिकार के अलावा उस युद्ध में मराठाओं ने अपनी सेना के एक बड़े भाग की हानि सही थी। १८०२ ई॰ में पेशवा बाजीराव द्वितीय ने ब्रिटिश सेना से द्वितीय वसई सन्धि कर ली और तदोपरान्त अर्नाला का किला अंग्रेजो के अधिकार में आ गया।
यह किला सामरिक दृष्टि से काफ़ी महत्त्वपूर्ण था। यहां से गुजरात के सुल्तान ,पुर्तगाली ,अंग्रेज और मराठाओं ने शासन किया है। अरनाला का किला तीनो ओर से समुद्र से घिरा हुआ है |
सन्दर्भ
- ↑ के 8 रहस्यमयी किले , जहा परिंदा भी पर नही मार सकता |साँचा:category handlerसाँचा:main otherसाँचा:main other[dead link] माली, राजकुमार। ८ नवम्बर २०१६। अभिगमन तिथि: २० फ़रवरी २०१८
- ↑ अर्नाला का किला स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।।बुकस्ट्रक।अभिगमन तिथि: २० फ़रवरी २०१८