बचना ऐ हसीनो
Bachna Ae Haseeno | |
---|---|
चित्र:Bachna Ae Haseeno.jpg Movie poster for Bachna Ae Haseeno. | |
निर्देशक | Siddharth Anand |
निर्माता |
Aditya Chopra Yash Chopra |
लेखक |
Aditya Chopra (story) Devika Bhagat (screenplay) |
अभिनेता |
Ranbir Kapoor Bipasha Basu Minissha Lamba Deepika Padukone |
संगीतकार | Vishal-Shekhar |
छायाकार | Sunil Patel |
संपादक | Ritesh Soni |
वितरक | Yash Raj Films |
प्रदर्शन साँचा:nowrap | 15 अगस्त 2008 |
समय सीमा | 148 minutes |
देश | India |
भाषा | हिन्दी |
लागत | Rs.18 crores |
बचना ऐ हसीनों (साँचा:lang-en, साँचा:lang-hi, 15 अगस्त 2008 को जारी एक बॉलीवुड फ़िल्म है। इसके कलाकार हैं रणबीर कपूर, बिपाशा बसु, मिनीषा लांबा और दीपिका पादुकोण. इस फ़िल्म को निर्देशित किया था सिद्धार्थ आनंद ने, जिनकी पिछली फ़िल्मों में शामिल हैं सलाम नमस्ते (2005) और ता रा रम पम (2007).
कथावस्तु
फ़िल्म, राज शर्मा (रणबीर कपूर) नामक एक युवा की ज़िंदगी के सफ़र का अनुसरण करती है, जो 18 से 30 साल के बीच अपने जीवन के अलग चरणों पर तीन लड़कियों से मिलता है: माही (मिनिषा लांबा) - पंजाब के एक छोटे शहर की लड़की, राधिका (बिपाशा बसु) - मुंबई की एक मॉडल और गायत्री (दीपिका पादुकोण) - ऑस्ट्रेलिया में एक अनिवासी भारतीय टैक्सी ड्राइवर और छात्रा. फ़िल्म एक ऐसे व्यक्ति की यात्रा से जुड़ी है जो एक प्रेम प्रसंग से दूसरे में उलझता जाता है और अंततः सच्चा प्यार पाता है।
1996 में राज अपनी यूरोप की यात्रा के दौरान यूरोरेल में माही से जा टकराता है। माही एक सपनों में डूबी युवा लड़की है जो रोमांस, सच्चे प्यार में विश्वास रखती है और उसे पूरा यक़ीन है कि एक दिन वह अपने "राज" (1995 में जारी फ़िल्म दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे का रोमांटिक किरदार) से ज़रूर मिलेगी, जो उसका दिल जीत लेगा। यात्रा के दौरान स्विट्ज़रलैंड में एक स्टेशन पर उतरने के बाद माही की ट्रेन छूट जाती है। उसी ट्रेन में सफ़र करने वाला राज यह देखता है और उसे लुभाने के लिए ट्रेन से उतर जाता है। जहां माही बिना पैसों के असहाय खड़ी होती है, राज खुद की भी ट्रेन छूट जाने का ढोंग करता है, उसको सांत्वना देता है और उसकी वापसी उड़ान से पहले, समय पर हवाई अड्डे पहुंचाने के लिए मदद की पेशकश करता है। रास्ते में, माही को राज से प्यार हो जाता है। राज द्वारा माही के प्रति अपनी भावनाओं को लेकर लिखी कविता उसे सुनाने के बाद वे एक दूसरे का चुंबन लेते हैं। राज माही को हवाई अड्डे पहुंचाता है, जहां वह अपने परिवार और दोस्तों से मिलती है। माही उन दोनों के बीच जो कुछ भी घटित होता है, उसके बारे में अपने दोस्तों को बताती है। जब वह उस काग़ज़ के टुकड़े को खोलती है, जिस पर राज ने कविता लिखी थी, तो उसे ख़ाली पाती है। वह राज की तलाश में निकलती है और उसे अपने दोस्तों के सामने उन दोनों को लेकर "अनाप शनाप" शेखी बघारते हुए छिप कर सुनती है, तथा उसकी झूठी बातें सुन कर चौंक जाती है और उसका दिल टूट जाता है। राज उसे देख लेता है और समझ जाता है कि माही ने उसकी बातें छिप कर सुन ली है और शर्मिंदा होकर, रोती और शोकाकुल माही को पीछे छोड़ कर चला जाता है।
वर्ष 2002 है। राज मुंबई चला आता है और माइक्रोसॉफ्ट में उसे गेम डिज़ाइनर की नौकरी मिल जाती है। वह मॉडल बनने की इच्छुक राधिका के साथ लिव-इन रिश्ते में जुड़ा है। यहां राज बयान करता है कि वह कैसे अपनी पड़ोसन राधिका से मिला था और उसके प्रति आकर्षित हो गया था। राज को एक हेलो 3 गेम के लॉन्च के लिए सिडनी स्थानांतरित होने का प्रस्ताव मिलता है। वह राधिका को छोड़ कर जाने और एक नए जीवन को अपनाने की उम्मीद करता है, यह सोच कर कि राधिका उसके साथ रहने वाली एक आधुनिक लड़की है और वह इस रिश्ते के टूटने पर भी खुद को संभाल लेगी. लेकिन, राधिका अप्रत्याशित रूप से घोषणा करती है कि वह राज से शादी करने के लिए बतौर मॉडल अपने कॅरियर को त्यागने और उसके साथ आस्ट्रेलिया जाने के लिए तैयार है। रिश्ता तोड़ने के लिए उसे मजबूर करने में कई अवसरों पर असफल रहने के बाद, वह सिडनी के लिए उस दिन उड़ान भरता है, जिस दिन राधिका के साथ शादी होनी थी, जिसकी ख़बर रजिस्ट्रार के दफ़्तर में राज की प्रतीक्षा करते हुए राधिका को मिलती है।
साल 2008 है। राज का अब सिडनी में एक सफल कॅरियर है। एक दिन वह गायत्री से जा टकराता है, जो शाम को टैक्सी चलाती है और दिन में एक बिज़नेस स्कूल में पढ़ती है। वह एक सुपर बाजार में भी अंशकालीन खजांची के रूप में काम करती है। राज उससे दोस्ती करता है और जान लेता है कि उसी के समान गायत्री भी विवाह जैसी संस्था में विश्वास नहीं करती है। बहरहाल, उसे एहसास होता है कि वह उसे प्यार करने लगा है और आख़िरकार विवाह का प्रस्ताव रखता है। गायत्री उसे अस्वीकार करती है और यह कहते हुए दूर चली जाती है कि वह जैसी भी उसकी ज़िंदगी कट रही है, बस उसी से खुश है। अस्वीकृति उसे गहरी चोट पहुंचाती है और वह अकेला खड़ा अपनी प्रेमिका को उसके जीवन से दूर जाता हुआ देखता रह जाता है, वह 1996 तथा 2002 की घटनाओं को याद करता है, जब ख़ुद उसने किसी का दिल तोड़ा था। वह उन दोनों से माफ़ी मांगने भारत लौटने का फ़ैसला लेता है।
अपनी वापसी पर, वह पहले माही के पास जाता है। माही अब शादीशुदा है जिसके दो बेटे हैं। वह माही के पति जोगिंदर (कुणाल कपूर द्वारा अभिनीत) से मिलता है, जो पहले उस पर नाराज़ होता है क्योंकि उसने माही की बहन से उसके बारे में सुना था कि कैसे माही राज से प्यार करने लगी थी और राज ने उसका दिल तोड़ा था। वह राज को यह भी बताता है कि माही एक सही गृहिणी और उसके बच्चों के लिए सही मां है। वह 15 साल पहले का वह समय भी याद करता है जब उसने पहली बार माही को देखा था। हालांकि माही एक अच्छी पत्नी है, पर प्यार या रोमांस से वह डरने लगी थी। राज उनके बीच हस्तक्षेप करने का फैसला करता है और माही से क्षमा याचना करता है। वह उसे यह भी महसूस कराता है कि उसका पति उसे कितना प्यार करता है और कहता है कि उसका पति ही वह असली "राज" है जिसकी वह प्रतीक्षा कर रही है - रोमांटिक, जो उसे जी-जान से चाहता है। वह राज को माफ़ कर देती है और अपने पति से प्यार का इज़हार करती है।
इसके बाद राज राधिका की तलाश करता है। जब वह उसे ढूंढ़ लेता है, तो पाता है कि राधिका ने अपना नाम बदल कर श्रेया राठौड़ रख लिया है और अब वह एक बेहद सफल और संपन्न सुपरमॉडल है। काफी प्रयास के बाद, वह उससे मिलने में सफल होता है और उससे माफ़ी मांगता है। श्रेया उनकी क्षमायाचना स्वीकार करने से मना कर देती है और उसे बताती है कि अगर वह सचमुच उससे क्षमा चाहता है, तो उसे कड़ी मेहनत से इसे हासिल करना होगा। ऐसा करने के लिए वह उसे निजी सहायक की नौकरी देती है। जैसे ही राज काम करना शुरू करता है, श्रेया उससे कड़ी मेहनत करवाती है - उसे हर तरह के काम सौंपती है, सफ़ाई से लेकर पार्टियों में सेवा, शॉपिंग बैग थामने तक. वह उसे हर संभव अवसर पर अपमानित करने की कोशिश करती है। लेकिन राज अपने संकल्प पर अटल रहता है और बिना किसी शिकायत के सेवा जारी रखता है। अंत में वह हार जाती है और उसे बताती है कि रजिस्ट्रार के कार्यालय के बाहर अकेले बैठे हुए उसने कितनी पीड़ा महसूस की थी। वह उसकी क्षमा याचना स्वीकार करने से मना कर देती है और राज को यह आशा छोड़ने तथा घर लौटने के लिए कहती है।
लेकिन जब वह सिडनी की अपनी उड़ान के लिए इंतज़ार कर रहा होता है, तो श्रेया हवाई अड्डे पर पहुंचती है और उससे मिलती है तथा बताती है कि उसने महसूस किया है कि उसकी कुंठाओं की जड़ राज के खिलाफ़ उसके मन में दबी नफ़रत है। वह उसे धन्यवाद देती है और उससे कहती है कि वह उसे माफ़ कर रही है। राज रोमांचित हो जाता है और ऑस्ट्रेलिया लौट आता है।
अपनी वापसी पर, राज गायत्री के कई पत्र पाता है। जब वह दूर था, गायत्री ने उसके प्रस्ताव पर दुबारा विचार किया था और उसे ठुकराने के लिए राज के प्रति खेद व्यक्त किया था। फ़िल्म राज द्वारा उसे ढूंढ़ने और उसके साथ पुनर्मिलन के दृश्य पर समाप्त होती है।
कलाकार
- रणबीर कपूर ... राज शर्मा
- बिपाशा बसु ... राधिका/श्रेया राठौड़
- मिनिषा लांबा ... माही / माही अहलूवालिया
- दीपिका पादुकोण ... गायत्री
- कुणाल कपूर ... मिस्टर जोगिंदर अहलूवालिया (माही का पति)
- पुनीत इस्सर ... माही के पिता
निर्माण
अप्रैल 2007 में सूत्रों ने संकेत दिया कि निर्देशक सिद्धार्थ आनंद ने अपनी अगली फ़िल्म के लिए बतौर नायक रणबीर कपूर को अनुबंधित किया है। हालांकि, यह सूचित करते हुए कि ख़बरें "केवल अटकलें" और "बिल्कुल झूठी" थीं,[१] बाद में उन्होंने पुष्टि की कि रणबीर कपूर उनकी फ़िल्म में अभिनय करने वाले हैं।[२]
निर्देशक प्रीति ज़िंटा, बिपाशा बसु, दीपिका पादुकोण और अमृता राव के साथ प्रश्नाधीन भूमिकाओं के लिए बातचीत कर रहे थे लेकिन सूचित किया कि "अनुबंध पर हस्ताक्षर होने तक उनके नाम ज़ाहिर करना हमारे लिए सही नहीं रहेगा."[२] जून 2007 में कैटरीना कैफ़ और दीपिका पादुकोण को दो नायिकाओं की भूमिकाओं के लिए निर्धारित किया गया[३] लेकिन फ़िल्म की कहानी काफ़ी लंबी हो जाने की वजह से कैटरीना की भूमिका को हटा दिया गया।[४] अभिनेत्री अमृता राव पर भी एक नायिका की भूमिका के लिए विचार किया गया, लेकिन उन्होंने स्वीकार नहीं किया।[५]
फ़िल्म में नायिकाएं परदे पर एक साथ बहुत ही सीमित समय साझा करती हैं और इसलिए उनके हिस्सों को अलग-अलग फ़िल्माया गया। दीपिका पादुकोण के अंश सिडनी, ऑस्ट्रेलिया में फ़िल्माए गए थे, जबकि गाना खुदा जाने को वेनिस और कैपरी सहित, ग्रीस तथा इटली के विभिन्न स्थानों में फ़िल्माया गया।[६] मिनिषा लांबा के हिस्से, जो यश चोपड़ा की फ़िल्म दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे से प्रेरित थे, उसी तरह से अमृतसर और स्विट्ज़रलैंड के आकर्षक स्थलों में फ़िल्माए गए। बिपाशा बसु के अंश भारत के मुंबई और कैपरी, इटली में फ़िल्माए गए।[७]
अपनी नवीनतम रिलीज़ के साथ आगामी फ़िल्मों के प्रदर्शन की पहली छवि को प्रदर्शन के लिए सजाने की परंपरा को जारी रखते हुए, यशराज फ़िल्म्स ने विजय कृष्ण आचार्य की फ़िल्म टशन की रिलीज़ के साथ 25 अप्रैल 2008 को फ़िल्म की पहली ट्रेलर और 27 जून 2008 को कुणाल कोहली की फ़िल्म थोड़ा प्यार थोड़ा मैजिक की रिलीज के साथ दूसरी ट्रेलर को प्रदर्शित किया।[८] आम तौर पर यशराज फ़िल्म्स अपनी फ़िल्मों को बढ़ावा देने के लिए ज़्यादा पैसे खर्च नहीं करते हैं, तथापि, बचना ऐ हसीनों इसका अपवाद रहा। फ़िल्म की रिलीज़ के 2-3 सप्ताह पहले सामान्य विज्ञापन के बजाय, निर्माण-गृह ने दो महीने पहले इसको बढ़ावा देने के लिए नई रणनीति की योजना बनाई। [९]
प्रतिक्रिया
फ़िल्म ने पहले सप्ताह में निवल 21 करोड़ रुपए की कमाई की। दूसरे सप्ताह के अंत में, फ़िल्म ने 31.20 करोड़ रुपए कमाए और इसे सेमी-हिट घोषित किया गया।[१०] फ़िल्म के प्रति आलोचकों की मिश्रित प्रतिक्रियाएं रहीं। Indiafm.com ने 5 में से 2.5 सितारे दिए, जहां तरुण आदर्श ने यह टिप्पणी की कि "समग्र रूप से, [इसका] पूर्वार्ध दिलचस्प है, लेकिन कमज़ोर दूसरा घंटा शो को बरबाद करता है।"[११] AOL भारत ने 5 में से 3 दिए, जहां नोयोन ज्योति पारासर ने कहा कि "कुल मिला कर, ता रा रम पम की फीकी सफलता के बाद लगता है इस बार सिद्धार्थ आनंद का तीर निशाने पर लगा है। कम से कम फ़िल्म के पूर्वार्ध से लगता है कि यह यशराज को बरबाद होने से बचाएगा!"[१२]
TVGuide.com और टाइम आउट न्यूयॉर्क, दोनों के लिए फ़िल्म की समीक्षा करने वाले अमेरिकी आलोचक मैटलैंड मॅकडोनाघ ने पूर्व वाली समीक्षा में कहा कि "चमकीले परिधानों वाली सुंदरियां, शानदार लोकेशन, उमंग भरे गाने और ग़ज़ब का रोमांस... बढ़िया, मुख्यधारा का मनोरंजन, जिसमें काफ़ी चौंकाने वाले दृश्य हैं जो आपको इतना तो महसूस करा सकते हैं कि फ़िल्म देखना बेवक़ूफ़ी नहीं है".[१३]
साउंडट्रैक
Bachna Ae Haseeno | ||||
---|---|---|---|---|
चित्र:bahcover.jpg | ||||
Studio album Vishal-Shekhar द्वारा | ||||
जारी |
4 जुलाई 2008 (India) | |||
संगीत शैली | Feature film soundtrack | |||
लंबाई | 30:59 | |||
लेबल | ||||
निर्माता | Aditya Chopra & Yash Chopra | |||
Vishal-Shekhar कालक्रम | ||||
|
साँचा:italic titleसाँचा:main other
फ़िल्म में रीमिक्स संस्करण सहित कुल सात गाने हैं। स्टैंड पर आगमन के चंद दिनों में ही एल्बम म्यूज़िक चार्ट के टॉप 3 में प्रविष्ट हो गया।[९] सभी गानों के बोल लिखे हैं अन्विता दत्त गुप्तन ने.
ट्रैक # | गीत | गायक | अवधि | ...पर फ़िल्मांकित |
---|---|---|---|---|
1 | ख़ुदा जाने | कृष्णकुमार कुन्नत, शिल्पा राव | 5:35 | रणबीर कपूर, दीपिका पादुकोण |
2 | लकी बॉय | सुनिधि चौहान, हार्ड कौर, राजा हसन | 4:15 | बिपाशा बसु |
3 | आहिस्ता आहिस्ता | लकी अली, श्रेया घोषाल | 5:52 | रणबीर कपूर, मिनीषा लांबा |
4 | जोगी माही | सुखविंदर सिंह, शेखर रावजियानी, हिमानी कपूर | 4:54 | रणबीर कपूर, मिनीषा लांबा, कुणाल कपूर |
5 | स्मॉल टाउन गर्ल | शंकर महादेवन | 3:49 | रणबीर कपूर, बिपाशा बसु |
6 | खुदा जाने संशोधित | कृष्ण कुमार कुन्नत, शिल्पा राव | 4:43 | रणबीर कपूर, दीपिका पादुकोण |
7 | बचना ऐ हसीनों | किशोर कुमार, सुमित कुमार, विशाल ददलानी | 3:31 | रणबीर कपूर, दीपिका पादुकोण, बिपाशा बसु, मिनीषा लांबा |
सन्दर्भ
- ↑ साँचा:cite web
- ↑ अ आ साँचा:cite web
- ↑ साँचा:cite web
- ↑ साँचा:cite web
- ↑ साँचा:cite web
- ↑ साँचा:cite web
- ↑ साँचा:cite web
- ↑ साँचा:cite web
- ↑ अ आ साँचा:cite web
- ↑ साँचा:cite web
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।