प्रताप सहगल

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प्रताप सहगल हिन्दी के कवि, नाटककार, कहानीकार और आलोचक हैं।

व्यक्तिगत जीवन

प्रताप सहगल का जन्म 10 मई 1945, झंग, पश्चिम पंजाब (अब पाकिस्तान) में हुआ। इन्होने हिन्दी विषय से स्नातकोत्तर की शिक्षा प्राप्त कर ज़ाकिर हुसैन स्नातकोत्तर (सांध्य) महाविद्यालय (दिल्ली विश्वविद्यालय) के हिन्दी विभाग में प्राध्यापक के पद पर नियुक्त हुये और इसी महाविद्यालय से एसोसिएट प्रोफेसर के पद से सेवानिवृत भी। देश भर में महत्व्पूर्ण नाट्य निर्देशकों यथा सतीश आन्न्द, रवि बासवानी, राजा बुंदेला, सुभाष सहगल तथा अखिलेश अखिल द्वारा बार बार मंचन. अंवेषक तथा रंग बसंती बहु-चर्चित, बहु प्रशंसित अंवेषक का परिषद रंग मंडल द्वारा 2003 में, फिर इसी वर्ष संगीत नाटक अकादमी के रंग-स्वर्ण समारोह में शामिल और इसी नाटक से चंडीगढ़ में राष्ट्रीय नाट्य समारोह की शुरुआत अनेक नाटक दूरदर्शन एवं रेडियो पर प्रसारित अनेक रचनाओं का भारतीय एवं विदेशी भाषाओं में अनुवाद प्रकाशित प्रसारित तथा ये कई स्वय़ं सेवी संस्थाओं से सम्बद्ध हैं।[१][२][३]

प्रकाशित रचनाएँ

कविता संग्रह

  • सवाल अब भी मौजूद है (1983),
  • आदिम आग (1988),
  • अंधेरे में देखना (1994),
  • इस तरह से (छ्ह लंबी कविताएं- 1997)
  • छवियां और छवियां (2005) — नचिकेता’स ओडिसी (अंग्रेज़ी में- 1989),
  • एक दूसरे से अलग (1981),
  • अलग अलग होने के बावजूद (1986)

नाटक

  • अंवेषक (1992),
  • चार रुपांत (1992),
  • रंग-बसंती (1984),
  • मौत क्यों रात भर नहीं आती (1988),

कथा साहित्य

  • अनहद नाद (उपन्यास-1999),
  • अब तक (कहानी संग्रह-1978)

आलोचना

  • रंग-चिंतन (1988),
  • समय के निशान (2003),
  • समय के सवाल (2005)

अन्य

  • नौ लघु नाटक (1994),
  • नहीं कोई अंत (1988),
  • रास्ता इधर भी है (2002),
  • अंधेरे में (1987),
  • किस्सा तीन गुलाबों का (1991),
  • पांच रंग नाटक (2002),
  • कोई और रास्ता तथा अन्य लघु नाटक (2008)
  • छू मंतर (बाल नाटक- 2004)

सम्मान

सन्दर्भ

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बाहरी कड़ियाँ