इलाचंद्र जोशी
इलाचन्द्र जोशी हिन्दी के प्रसिध उपन्यस्कार थे। उनके उपन्यास का नाम संन्यासी है।[१]
कृतियाँ
उपन्यास :
मणिमाला,
लज्जा(1929)— इसमें पूर्व में ‘घृणामयी’ शीर्षक से प्रकाशित लज्जा’ में लज्जा नामक आधुनिका, शिक्षित नारी की काम भावना का वर्णन किया गया है।
सन्यासी(1941),
पर्दे की रानी(1941),
प्रेत और छाया(1946),
निर्वासित(1948),
मुक्तिपथ(1950),
जिप्सी(1952),
सुबह के भूले(1952),
जहाज का पंछी(1955),
ऋतुचक्र(1969),
त्याग का भोग।
कहानी : धूपरेखा, दीवाली और होली, रोमांटिक छाया, आहुति, खँडहर की आत्माएँ, डायरी के नीरस पृष्ठ, कटीले फूल लजीले काँटे।
समालोचना तथा निबन्ध : साहित्य सर्जना, विवेचना, विश्लेषण, साहित्य चिंतन, शरत:व्यक्ति और कलाकार, रवीन्द्रनाथ, देखा-परखा।
विविध : दैनिक जीवन और मनोविज्ञान-ऐतिहासिक कथाएँ, उपनिषदों की कथाएँ, गोर्की के संस्मरण, इक्कीस विदेशी उपन्यासकार, महापुरुषों की प्रेम कथाएँ, सूदखोर की पत्नी तथा दोस्ता-एव्सकी की दो कहानियों का अनुवाद।
संपादन : चांद, सुधा, विश्वामित्र, संगम
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
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