कवि
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कवि वह है जो भावों को रसाभिषिक्त अभिव्यक्ति देता है और सामान्य अथवा स्पष्ट के परे गहन यथार्थ का वर्णन करता है। इसीलिये वैदिक काल में ऋषय: मन्त्रदृष्टार: कवय: क्रान्तदर्शिन: अर्थात् ऋषि को मन्त्रदृष्टा और कवि को क्रान्तदर्शी कहा गया है। "जहाँ न पहुँचे रवि, वहाँ पहुँचे कवि" लोकोक्ति प्रसिद्ध है।
"जो, शब्दों के उच्चतम सौंदर्य कलात्मक अनुप्रयोग के माध्यम से, कल्पना या वास्तविकता या दोनों के संयोजन में एक या एक से अधिक विषयों की एक अनूठी अवधारणा के मधुर, रचनात्मक, लयबद्ध उच्चारण को व्यक्त करता है, और पाठक के मन को मोहित और मोहित करता है; वह एक कवि हैं।"
कुछ प्रसिद्ध कवि
अशोक चक्रधर
माया गोविन्द
प्रभा ठाकुर
कुमार विश्वास
चिराग़ जैन
सरिता शर्मा
कीर्ति काले
सीता सागर
मनीषा शुक्ला
शायर
शायरी लिखने वाले कवि को शायर कहा जाता है। शायरी भारतीय उपमहाद्वीप में प्रचलित एक कविता का रूप हैं जिसमें हिन्दी-उर्दू भाषाओँ में कविताएँ लिखी जाती हैं। [१]
कुछ प्रसिद्ध शायर
- अमीर ख़ुसरो
- अशफाक उल्ला खाँ वारसी 'हसरत'
- अदीब मकनपुरी
- 'अना' क़ासमी
- दुष्यंत कुमार
- निदा फ़ाज़ली
- त्रित्य येळणे
- पण्डित राम प्रसाद 'बिस्मिल'
- बहादुर शाह ज़फ़र
- मिर्ज़ा ग़ालिब
- मीर तकी "मीर"
- मुहम्मद इक़बाल
- वीरेन्द्र खरे 'अकेला'
- राहत इन्दौरी
- कुँवर बेचैन
- मुनव्वर राणा
- त्रिपुरारि
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ Culture of Hindi स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।, Malik Mohammad, Kalinga Publications, 2005, ISBN 978-81-87644-73-6