ज़ीनत अमान
ज़ीनत अमान | |
---|---|
जन्म |
19 November 1951 |
व्यवसाय | अभिनेत्री |
ज़ीनत अमान (जन्म: 19 नवंबर, 1951) हिन्दी फ़िल्मों की अभिनेत्री और पूर्व मॉडल हैं। इन्हें 1970 और 1980 के दशक के दौरान हिन्दी फिल्मों में अपने काम के लिए जाना जाता हैं। बॉलीवुड में अपनी शुरुआत करने पर, ज़ीनत अमान को परवीन बॉबी के साथ, हिन्दी सिनेमा की अग्रणी अभिनेत्रियों को आधुनिक रूप देकर उनकी छवि पर स्थायी प्रभाव छोड़ने का श्रेय दिया गया है।
व्यक्तिगत जीवन
ज़ीनत अमान का जन्म बम्बई में 1951 में एक मुस्लिम पिता और हिन्दू मां के घर हुआ था। उनकी मां महाराष्ट्र की हैं। जीनत अभिनेता रज़ा मुराद की चचेरी बहन और अभिनेता मुराद की भतीजी हैं। जब ज़ीनत अमान 13 साल की थी, उनके पिता की मृत्यु हो गई।[१] उनकी माँ ने बाद में हेंज नाम के एक जर्मन व्यक्ति से शादी की और जर्मन नागरिकता भी प्राप्त की। ज़ीनत ने मज़हर ख़ान से शादी की थी, हालांकि वैवाहिक जीवन सुखमय नहीं था।
फिल्मी सफर
ज़ीनत का फ़िल्मी करियर 1971 में हलचल में एक छोटी भूमिका के साथ शुरू हुआ।[२] हंगामा (1971) में उनकी दूसरी संक्षिप्त भूमिका थी; लेकिन दोनों फिल्में असफल रहीं। बाद में देव आनन्द ने उन्हें हरे रामा हरे कृष्णा (1971) में अपनी बहन का किरदार दिया। हरे रामा हरे कृष्णा (1971) में, ज़ीनत अमान ने आर॰ डी॰ बर्मन के गीत "दम मारो दम" की सहायता से, जेनिस के रूप में दर्शकों का दिल जीत लिया।[३] उन्होंने फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का पुरस्कार अर्जित किया।
1970 के दशक में, देव-जीनत की जोड़ी को आधा दर्जन फिल्मों में देखा गया; हीरा पन्ना (1973), इश्क इश्क इश्क (1974), प्रेम शस्त्र (1974), वारंट (1975), डार्लिंग डार्लिंग (1977) और कलाबाज़ (1977)। इनमें से, वारंट, बॉक्स ऑफिस पर सबसे बड़ी सफलता थी। 1973 की यादों की बारात में "चुरा लिया है तुमने" गीत से भी वह बहुत लोकप्रिय हुई।
1978 में शालीमार और सत्यम शिवम सुन्दरम जैसी उनकी फिल्में तो फ्लॉप रही। लेकिन हीरालाल पन्नालाल और चोर के घर चोर उनकी सफल फिल्म रही। डॉन (1978) भी उनकी सफल फिल्मों में से एक रही। उन्होंने धरम वीर (1977), छलिया बाबू (1977), द ग्रेट गैम्बलर (1979), कुर्बानी (1980), अलीबाबा और चालीस चोर, दोस्ताना (1980) और लावारिस (1981) जैसी हिट फिल्मों में अभिनय करना जारी रखा।
प्रमुख फिल्में
1970 हलचल ।। ।।