रीना रॉय
रीना रॉय | |
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रीना रॉय (जन्म: 7 जनवरी, 1957) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। उन्होंने 1972 से 1985 तक कई फिल्मों में प्रमुख भूमिकाएं निभाई हैं और उस युग की एक प्रमुख अभिनेत्री थीं। वह अपने समय की सबसे अधिक कमाई वाली अभिनेत्री में से एक थीं। उन्हें हिन्दी सिनेमा में उनके योगदान के लिए शर्मिला टैगोर के साथ 1998 में फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया। वह सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार की प्राप्तकर्ता हैं, जो उन्हें फिल्म अपनापन (1977) में उनके प्रदर्शन के लिए दिया गया था। उन्हें नागिन (1976) और आशा (1980) के लिए फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार के लिए नामांकन मिला था।
व्यक्तिगत जीवन
उनकी दो और बहनें हैं, बरखा और अंजू और एक भाई राजा है। 1983 में, अपनी प्रसिद्धि की ऊँचाई पर, रीना रॉय ने पाकिस्तानी क्रिकेट खिलाड़ी मोहसिन खान से शादी करने के लिए फिल्म उद्योग छोड़ने का फैसला किया। बाद में दोनों ने तलाक ले लिया। रीना ने शुरू में तलाक में अपनी बेटी सनम की कस्टडी खो दी थी। उनके पूर्व पति के पुनर्विवाह करने के बाद, रीना को उनकी बेटी की कस्टडी मिल गई।[१]
करियर
फिल्मों में रीना रॉय के करियर की शुरुआत नई दुनिया नये लोग से एक और नवागंतुक डैनी डेन्जोंगपा के साथ हुई। लेकिन इस फिल्म को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया। दोनों अभिनेताओं को फिर से जरूरत (1972) में, एक और नवागंतुक विजय अरोड़ा के साथ लिया गया। इस अवधि के दौरान उनको जैसे को तैसा (1973) से पहचान मिली।
1976 वह वर्ष था जिसने रीना को नागिन और कालीचरण (1976) के साथ प्रमुख सफलता दिलाई।[२] सुभाष घई, असफल अभिनेता, अपने निर्देशन की शुरुआत कर रहे थे, और शत्रुघ्न सिन्हा, वह अभिनेता जो अपनी खलनायक भूमिकाओं के लिए जाने जाते थे, नायक के रूप में अपनी पहली पहचान बना रहे थे। लेकिन फिल्म ने सभी की उम्मीदों पर पानी फेर दिया और आश्चर्यजनक रूप से हिट बन गई। रीना और शत्रुघ्न ने अपने अच्छे प्रदर्शन के लिए दर्शकों का ध्यान आकर्षित किया और उन्होंने सुभाष घई की विश्वनाथ (1978), जैसी कई फिल्मों को एक साथ किया। प्रेस ने उनके रिश्ते को भी प्रचारित किया, जो तब समाप्त हुआ जब 1981 में शत्रुघ्न ने पूनम सिन्हा नाम की एक पूर्व अभिनेत्री से शादी की।[३]