हुगली नदी
हुगली नदी Hooghly River হুগলী নদ हुगली-भागीरथी नदी | |
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Native name | साँचा:native name checker |
Location | |
देश | साँचा:flag/core |
राज्य | पश्चिम बंगाल |
ज़िले | मुर्शिदाबाद, नदिया, पूर्व बर्धमान, हुगली, उत्तर 24 परगना, कोलकाता, दक्षिण 24 परगना, पूर्व मिदनापुर |
Physical characteristics | |
Mouth | बंगाल की खाड़ी में विलय |
• location | दक्षिण 24 परगना ज़िला, पश्चिम बंगाल |
• coordinates | साँचा:coord |
Length | साँचा:convert साँचा:error |
हुगली नदी (Hooghly River), जिसे भागीरथी-हुगली नदी (Bhāgirathi-Hooghly) भी कहा जाता है, भारत के पश्चिम बंगाल राज्य में बहने वाली एक नदी है। कुछ स्रोतों में इसे गंगा नदी की वितरिका बताया जाता है। इसको विश्व का सबसे अधिक विश्वास घाति नदी कहते है। इसी के तट पर कोलकाता बन्दरगाह स्थित है।[१][२][३]
मार्ग
हुगली नदी का प्राकृतिक स्रोत मुर्शिदाबाद ज़िले में गिरिया के समीप है, लेकिन नदी का अधिकांश जल वहाँ से न होकर फ़रक्का बांध द्वारा तिलडांगा के समीप गंगा नदी का जल लाने वाली फ़रक्का फ़ीडर नहर से आता है। यह नहर गंगा के समानांतर चलती हुइ धुलियान के पास से गुज़रती है और फिर जांगीपुर में भागीरथी नदी में विलय हो जाती है। भागीरथी फिर दक्षिण की ओर मुर्शिदाबाद ज़िले में जियागंज-आज़िमगंज, मुर्शिदाबाद और बहरामपुर को पार कर पलाशी के उत्तर में गुज़रती है। पहले यह इस स्थान में बर्धमान ज़िले और नदिया ज़िले की सीमा बनाती थी। वर्तमान काल में नदी का मार्ग ज़रा बदल गया है लेकिन ज़िला सीमा वहीं रखी गई है जहाँ पहले थी। फिर यह दक्षिण की ओर बहती हुई काटोया, नवद्वीप, कालना और जिराट को पार करती है। कालना के समीप इसका मार्ग पहले नदिया ज़िले और हुगली ज़िले की सीमा हुआ करता था। यहाँ से लगातार दक्षिण चलते हुए यह हुगली ज़िले और उत्तर 24 परगना ज़िले के बीच बहती है, और हालिशहर, हुगली-चुचुड़ा, श्रीरामपुर तथा कमारहाटी पार करती है। यहाँ से यह कोलकाता और हावड़ा के जुड़वा शहरों में पहुँचने से पहले दक्षिणपश्चिम मोड़ लेती है और नूरपूर में गंगा नदी के एक पुराने नाले का प्रयोग करती हुई बंगाल की खाड़ी में बह जाती है।
अन्य तथ्य
हुगली नदी की दो सहायक नदियों के दामोदर नदी और रूपनारायण नदी हैं। गंगा नदी की अन्य धाराओं की भांति हुगली-भागीरथी नदी को भी हिन्दुओं द्वारा पवित्र माना जाता है।
नदी की गहराई
हुगली एक काफी गहरी, एक सबसे बड़ी गहराई है, इसकी औसत गहराई 108 फीट (32 मीटर) और अधिकतम गहराई है 381 फीट (117 मीटर) है। यह दूर की गहराई 95 फीट (29 मीटर) है। बैली में, हावड़ा, यह अधिकतम गहराई 147 फीट (46 मीटर) है। बैरकपुर और सेरामपूर में, यह अधिकतम गहराई 300 फीट (90 मीटर) है। नैहाटी और बैंडेल, तो इसकी अधिकतम गहराई 48 फीट (15 मीटर की दूरी पर है) के बीच. गहराई बढ़ती 100 फीट (30 मीटर) है। ज्वार की सबसे बड़ी वृद्धि का मतलब है, लगभग 85 फीट (26 मीटर), मार्च, अप्रैल या मई में जगह लेता है - 40 फीट (12.60 मीटर) के एक मतलब गहराई के लिए बरसात के मौसम के दौरान गिरावट का एक सीमा के साथ और एक न्यूनतम ताजायों के दौरान गहराई 110 फीट (33.15 मीटर) है।
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ Chakraborty, Satyesh C. "The Story of River Port". Kolkata Port Trust. Archived from the original on 2011-07-21. Retrieved 2007-12-10.
- ↑ साँचा:cite web
- ↑ https://archive.org/details/ainiakbarivolum00mubgoog The Ain I Akbary Abul Fazl Allammi Vol-2,Translated by Colonel H.S.Jarrett published by The Asiatic Society of Bengal Printed at the Baptist Mission Press in 1891 Calcutta page-120.