ईश्वर गुप्ता सेतु
ईश्वर गुप्ता सेतु कल्याणी सेतु | |
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निर्देशांक | लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found। |
आयुध सर्वेक्षण राष्ट्रीय ग्रिड | साँचा:gbmappingsmall |
वहन | लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found। |
पार | लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found। |
स्थान | लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found। |
आधिकारिक नाम | लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found। |
अन्य नाम | कल्याणी सेतु |
नामस्रोत | लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found। |
मालिक | लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found। |
रखरखाव | लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found। |
विरासत स्थिति | लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found। |
पहचान अनुक्रामक | लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found। |
प्रतिप्रवाह सेतु | लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found। |
अनुप्रवाह सेतु | लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found। |
लक्षण | |
डिज़ाइन | सन्तुलित कैण्टिलीवर पुल |
सामग्री | लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found। |
कुल लम्बाई | लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found। |
चौड़ाई | लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found। |
ऊँचाई | लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found। |
दीर्घतम स्पैन | लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found। |
स्पैन संख्या | लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found। |
सेतु फर्श के नीचे | लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found। |
व्यास | लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found। |
रेल | |
रेल गेज | लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found। |
इतिहास | |
वास्तुशास्त्री | लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found। |
डिज़ाइनर | लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found। |
निर्माणकर्ता | लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found। |
निर्माण लागत | लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found। |
खुला | लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found। |
उद्घाटन | लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found। |
बंद हुआ | लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found। |
ध्वस्त हुआ | लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found। |
जिसे हटाकर बना | लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found। |
जो इसके स्थान पर बना | लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found। |
सांख्यिकी | |
टोल | लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found। |
ईश्वर गुप्ता सेतु या कल्याणी सेतु, हुगली और नदिया ज़िले के बीच, हुगली नदी पर निर्मित एक सेतु है। इस सेतु की कुल लम्बाई १.०४ किलोमीटर (०.६५ मील) है, जिसके पूर्वी छोर पे, पश्चिम बंगाल का कल्याणी शहर, और पशिमी छोर पर बाँसबेड़िया स्थित है। इस सेतु द्वारा, नदिया और उत्तर चौबीस परगना ज़िले के संग, बर्धमान, हुगली और बीरभूम ज़िले सड़कमार्ग द्वारा जुड़ते हैं। यह सेतु, कल्याणी गतिमार्ग द्वारा कोलकाता महानगर से जुड़ता है। यह, राष्ट्रीय राजमार्ग-३४ को राष्ट्रीय राजमार्ग-२ से जोड़ता है। इस पुल का उपयोग प्रतिदिन २००० वाहन करते हैं।[१]
निर्माण और इतिहास
इस ३४०० फ़ीट लंबे पुल का उद्घाटन, वर्ष १९८९ में पश्चिम बंगाल के तत्कालीन मुख्यमंत्री, ज्योति बसु ने किया था। इसके निर्माण के बाद से यह, कल्याणी एक्सप्रेसवे और राष्ट्रीय राजमार्ग ३४ के बीच की मुख्य कड़ी है।[१]
आघात
इस सेतु के निर्माण के २६ साल बाद, वर्ष २०१६ के दिसम्बर महीने की १७ तारीख को इस सेतु के एक गर्डर के धँस जाने के कारण इस सेतु पर वाहनों की आवजाही पर रोक लगा दी गयी थी।[२] पुल एक एक हिस्से को मरम्मत के लिए बंद कर दिया गया था, और दोनों तरफ की ट्रैफिक एक ही हिस्से से गुज़रती थी। मरम्मत के बाद, छोटे और हल्के वाहनों के आवाजाही को अनुमति दे दी गयी, मगर भारी गाड़ियों की आवाजाही अभी भी नियन्त्रित है। तथा इस पुल की लगातार मरम्मत की जाती है।[१]
दूसरी कल्याणी सेतु
ईश्वर गुप्ता सेतु की "उत्तर बंग की सञ्जीवनी" होने की हैसियत और इसकी खराब हालत के मद्देनज़र, पश्चिम बंगाल राजमार्ग निर्माणी प्राधिकरण ने इसके बगल में एक नई सेतु निर्मित करने की योजना तैयार की है। नवीन ससेतु का निर्माणकार्य, २०१८, में शुरू हो गया, और योजनानुसार, इस निर्माण को वर्ष २०२१ तक पूर्ण होने की बात है। यह पुल भारत का पहला तिरछे-स्तम्भ युक्त एनक्लोसेड केबल-स्टेड पुल होगा।[३]