सुवर्णरेखा नदी

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सुवर्णरेखा नदी
Subarnarekha River
সুবর্ণরেখা নদী
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पश्चिम बंगाल में गोपीवल्लभपुर के समीप सुवर्णरेखा (सितम्बर 2005)
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Native nameसाँचा:native name checker
Location
देशसाँचा:flag/core
राज्यझारखण्ड, ओड़िशा, पश्चिम बंगाल
नगरराँची, चांडिल, जमशेदपुर, घाटशिला, गोपीवल्लभपुर
Physical characteristics
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Mouthबंगाल की खाड़ी
 • location
सुवर्णरेखा बंदर / चौमुखा गाँव, ओड़िशा में बङ्गाल की खाड़ी में विलय
 • coordinates
साँचा:coord
Lengthसाँचा:convert[१] साँचा:error
Basin sizeसाँचा:convert[१]साँचा:main other
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Basin features
Tributaries 
 • leftदुलंग नदी
 • rightकाँची नदी, खड़कई नदी, करकरी नदी, रारू नदी, गर्रु नदी

साँचा:template other

सुवर्णरेखा या स्वर्णरेखा भारत के झारखण्ड, पश्चिम बङ्गाल और ओड़िशा राज्यों में बहने वाली एक नदी है।[३][४]

विवरण

यह राँची नगर से 16 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में स्थित नगड़ी गाँव में रानी चुआं नामक स्थान से निकलती है और उत्तर पूर्व की ओर बढ़ती हुई मुख्य पठार को छोड़कर प्रपात के रूप में गिरती है। इस प्रपात (झरना) को हुन्डरु जलप्रपात (hundrughagh) कहते हैं। प्रपात के रूप में गिरने के बाद नदी का बहाव पूर्व की ओर हो जाता है और मानभूम जिले के तीन संगम बिंदुओं के आगे यह दक्षिण पूर्व की ओर मुड़कर सिंहभूम में बहती हुई उत्तर पश्चिम से मिदनापुर जिले में प्रविष्टि होती है। इस जिले के पश्चिमी भूभाग के जंगलों में बहती हुई बालेश्वर जिले में पहुँचती है। यह पूर्व पश्चिम की ओर टेढ़ी-मेढ़ी बहती हुई बालेश्वर नामक स्थान पर बंगाल की खाड़ी में गिरती है। इस नदी की कुल लंबाई 474 किलोमीटर है और लगभग 28928 वर्ग किलोमीटर का जल निकास इसके द्वारा होता है। इसकी प्रमुख सहायक नदियाँ काँची एवं कर्कारी हैं। भारत का प्रसिद्ध एवं पहला लोहे तथा इस्पात का कारखाना इसके किनारे स्थापित हुआ। कारखाने के संस्थापक जमशेद जी टाटा के नाम पर बसा यहाँ का नगर जमशेदपुर या टाटानगर कहा जाता है। अपने मुहाने से ऊपर की ओर यह 16 मील तक देशी नावों के लिए नौगम्य (navigable) है।

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ