बकुलाही नदी

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बकुलाही नदी
Bakulahi River
बलकुनी नदी
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बकुलाही नदी
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Location
देशसाँचा:flag/core
राज्यउत्तर प्रदेश
Physical characteristics
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Mouthसई नदी (गोमती नदी)
 • location
खजुरनी, प्रतापगढ़ ज़िला
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विश्वनाथगंज के शनि देव मंदिर से गुज़रती बकुलाही नदी

बकुलाही नदी (Bakulahi River) भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में बहने वाली एक नदी है। यह रायबरेली ज़िले के भरतपुर झील से उत्पन्न होकर उत्तर प्रदेश के कई ज़िलों से गुज़रती है।[१][२][३][४]

इतिहास

बकुलाही नदी अति प्राचीन वेद वर्णित नदी है। इस नदी का प्राचीन नाम 'बालकुनी' था, किन्तु बाद में परिवर्तित होकर 'बकुलाही' हो गया। बकुलाही शब्द लोक भाषा अवधी का शब्द है। जनश्रुति के अनुसार बगुले की तरह टेढ़ी-मेढ़ी होने के कारण भी इसे बकुलाही कहा जाता है।

उद्गम

बकुलाही नदी उद्गम का उत्तर प्रदेश के रायबरेली ज़िला के भरतपुर झील से हुआ है। वहां से चलते हुए यह नदी बेंती झील, मांझी झील और कालाकांकर झील से जलग्रहण करते हुए बड़ी नदी का स्वरूप प्राप्त करती है।प्रतापगढ़ मुख्यालय के दक्षिण में स्थित मान्धाता ब्लॉक को हरा-भरा करते हुए यह नदी आगे जाकर खजुरनी गांव के पास गोमती नदी की सहायक नदी सई में मिल जाती है।

पौराणिक उल्लेख

बकुलाही नदी का संक्षिप्त वर्णन वेद पुराण तथा कई धर्मग्रंथों में है। महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित वाल्मीकि रामायण में बकुलाही नदी का उल्लेख किया गया है। वाल्मीकि रामायण में बकुलाही नदी का जिक्र इस प्रकार है, जब भगवान राम के वन से वापस आने की प्रतीक्षा में व्याकुल भरत के पास हनुमान जी राम का संदेश लेकर पहुंचते हैं। हनुमान जी से भरत जी पूछते हैं कि मार्ग में उन्होंने क्या-क्या देखा। इस पर हनुमान जी का उत्तर होता है-

सो अपश्यत राम तीर्थम् च नदी बालकुनी तथा बरूठी,
गोमती चैव भीमशालम् वनम् तथा।

वहीं इस नदी का वर्णन श्री भयहरणनाथ चालीसा के पंक्ति क्रमांक 27 के इन शब्दों में है-

बालकुनी इक सरिता पावन।
उत्तरमुखी पुनीत सुहावन॥

इन्हें भी देखें

बाहरी कड़ियाँ

सन्दर्भ

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