भारतीय गणितज्ञों की सूची
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सिन्धु सरस्वती सभ्यता से आधुनिक काल तक भारतीय गणित के विकास का कालक्रम नीचे दिया गया है। सरस्वती-सिन्धु परम्परा के उद्गम का अनुमान अभी तक ७००० ई पू का माना जाता है। पुरातत्व से हमें नगर व्यवस्था, वास्तु शास्त्र आदि के प्रमाण मिलते हैं, इससे गणित का अनुमान किया जा सकता है। यजुर्वेद में बड़ी-बड़ी संख्याओं का वर्णन है।साँचा:fix
ईसा पूर्व
- याज्ञवल्क्य, शतपथ ब्राह्मण के एक श्रुतर्षि |
वेदत्रयी सम्बद्ध ज्योतिषविद्-
- लगधमुनि, वेदांगज्योतिष के रचयिता। 1350 ई पू अ.स.
- बौधायन, शुल्ब सूत्र 800 ई. पू अनुमानित समय
- मानव,शुल्ब सूत्र 750 ई पू अ. स.
- आपस्तम्ब, शुल्ब सूत्र 700 ई पू अ.स.
- अक्षपाद गोतम, न्याय सूत्र 550 ई पू
- कात्यायन, शुल्ब सूत्र 400 ई पू अ.स.
- पाणिनि, 400 ई पू, अष्टाध्यायी
- पिंगल, 400 ई पू छन्दशास्त्र
- भरत मुनि, 400 ई पू, अलंकार शास्त्र, संगीत
ईस्वी सन् 1-1000
- आर्यभट - 476-550, ज्योतिष
- यतिवृषभ (लगभग 500-570) - दूरी तथा समय मापने की इकाइयों की समीक्षा
- वराहमिहिर, ज्योतिष
- भास्कर प्रथम, 620, ज्योतिष
- ब्रह्मगुप्त - ज्योतिष
- मतंग मुनि - संगीत
- विरहाङ्क (750) -
- श्रीधराचार्य 750
- लल्ल, 720-790, ज्योतिष
- गोविन्दस्वामिन् (850)
- वीरसेन
- महावीर (850)
- जयदेव (850)
- पृथूदक, 850
- हलायुध, 850
- आर्यभट २, 920-1000, ज्योतिष
- वटेश्वर (930)
ईस्वी सन् 1000-1800
- ब्रह्मदेव, 1060-1130
- श्रीपति, 1019-1066
- गोपाल (1135 ई के पूर्व)
- हेमचन्द्र (1088-1173)
- भास्कर द्वितीय - ज्योतिष
- गंगेश उपाध्याय, 1250, नव्य न्याय
- पक्षधर, नव्य न्याय
- शंकर मिश्र, नव्य न्याय
- माधव - ज्योतिष
- परमेश्वर (1360-1455), ज्योतिष
- नीलकण्ठ सोमयाजि,1444-1545 - ज्योतिष
- महेन्द्र सूरी (1450)
- शंकर वारियर (c. 1530)
- वासुदेव सार्वभौम, 1450-1525, नव्य न्याय
- रघुनाथ शिरोमणि, (1475-1550), नव्य न्याय
- ज्येष्ठदेव, 1500-1610, ज्योतिष
- अच्युत पिशराटि, 1550-1621,
- मथुरानाथ तर्कवागीश, c. 1575, नव्य न्याय
- जगदीश तर्कालंकार, c. 1625, नव्य न्याय
- गदाधर भट्टाचार्य, c. 1650, नव्य न्याय
- मुनीश्वर (1650)
- कमलाकर (1657)
- जगन्नाथ सम्राट (1730)
ईस्वी सन् 19वीं सदी
- श्रीनिवास रामानुजन् (1887-1920)
- ए॰ ए॰ कृष्णस्वामि अय्यंगार (1892-1953)
- प्रशान्त चन्द्र महालनोबिस (1893-1972
- सत्येन्द्र नाथ बसु (1894-1974)
- संजीव शाह(1803- 1896)
- रघुनाथ पुरुषोत्तम परांजपे(1876-1966)
२०वीं सदी
भारतीय गणित ग्रन्थ
क्रमांक -- ग्रंथ -- रचनाकार
- वेदांग ज्योतिष -- लगध
- बौधायन शुल्बसूत्र -- बौधायन
- मानव शुल्बसूत्र -- मानव
- आपस्तम्ब शुल्बसूत्र -- आपस्तम्ब
- सूर्यप्रज्ञप्ति --
- चन्द्रप्रज्ञप्ति --
- स्थानांग सूत्र --
- भगवती सूत्र --
- अनुयोगद्वार सूत्र
- बख्शाली पाण्डुलिपि
- छन्दशास्त्र -- पिंगल
- लोकविभाग -- सर्वनन्दी
- आर्यभटीय -- आर्यभट प्रथम
- आर्यभट्ट सिद्धांत -- आर्यभट प्रथम
- दशगीतिका -- आर्यभट प्रथम
- पंचसिद्धान्तिका -- वाराहमिहिर
- महाभास्करीय -- भास्कर प्रथम
- आर्यभटीय भाष्य -- भास्कर प्रथम
- लघुभास्करीय -- भास्कर प्रथम
- लघुभास्करीयविवरण -- शंकरनारायण
- यवनजातक -- स्फुजिध्वज
- ब्राह्मस्फुटसिद्धान्त -- ब्रह्मगुप्त
- करणपद्धति -- पुदुमन सोम्याजिन्
- करणतिलक -- विजय नन्दी
- गणिततिलक -- श्रीपति
- सिद्धान्तशेखर -- श्रीपति
- ध्रुवमानस -- श्रीपति
- महासिद्धान्त -- आर्यभट द्वितीय
- अज्ञात रचना -- जयदेव (गणितज्ञ), उदयदिवाकर की सुन्दरी नामक टीका में इनकी विधि का उल्लेख है।
- पौलिसा सिद्धान्त --
- पितामह सिद्धान्त --
- रोमक सिद्धान्त --
- सिद्धान्त शिरोमणि -- भास्कर द्वितीय
- ग्रहगणित -- भास्कर द्वितीय
- करणकौतूहल -- भास्कर द्वितीय
- बीजपल्लवम् -- कृष्ण दैवज्ञ -- भास्कराचार्य के 'बीजगणित' की टीका
- बुद्धिविलासिनी -- गणेश दैवज्ञ -- भास्कराचार्य के 'लीलावती' की टीका
- गणितसारसंग्रह -- महावीराचार्य
- सारसंग्रह गणितमु (तेलुगु) -- पावुलूरी मल्लन (गणितसारसंग्रह का अनुवाद)
- वासनाभाष्य -- पृथूदक स्वामी -- ब्राह्मस्फुटसिद्धान्त का भाष्य (८६४ ई)
- पाटीगणित -- श्रीधराचार्य
- पाटीगणितसार या त्रिशतिका -- श्रीधराचार्य
- गणितपंचविंशिका -- श्रीधराचार्य
- गणितसार -- श्रीधराचार्य
- नवशतिका -- श्रीधराचार्य
- क्षेत्रसमास -- जयशेखर सूरि (भूगोल/ज्यामिति विषयक जैन ग्रन्थ)
- सद्रत्नमाला -- शंकर वर्मन ; पहले रचित अनेकानेक गणित-ग्रन्थों का सार
- सूर्य सिद्धान्त -- रचनाकार अज्ञात ; वाराहमिहिर ने इस ग्रन्थ का उल्लेख किया है।
- तन्त्रसंग्रह -- नीलकण्ठ सोमयाजिन्
- वशिष्ठ सिद्धान्त --
- वेण्वारोह -- संगमग्राम के माधव
- युक्तिभाषा या 'गणितन्यायसंग्रह' (मलयालम भाषा में) -- ज्येष्ठदेव
- गणितयुक्तिभाषा (संस्कृत में) -- रचनाकार अज्ञात
- युक्तिदीपिका -- शंकर वारियर
- लघुविवृति -- शंकर वारियर
- क्रियाक्रमकरी (लीलावती की टीका) -- शंकर वारियर और नारायण पण्डित ने सम्मिलित रूप से रची है।
- भटदीपिका -- परमेश्वर (गणितज्ञ) -- आर्यभटीय की टीका
- कर्मदीपिका -- परमेश्वर -- महाभास्करीय की टीका
- परमेश्वरी -- परमेश्वर -- लघुभास्करीय की टिका
- विवरण -- परमेश्वर -- सूर्यसिद्धान्त और लीलावती की टीका
- दिग्गणित -- परमेश्वर -- दृक-पद्धति का वर्णन (१४३१ में रचित)
- गोलदीपिका -- परमेश्वर -- गोलीय ज्यामिति एवं खगोल (१४४३ में रचित)
- वाक्यकरण -- परमेश्वर -- अनेकों खगोलीय सारणियों के परिकलन की विधियाँ दी गयी हैं।
- गणितकौमुदी -- नारायण पंडित
- तगिकानि कान्ति -- नीलकान्त
- यंत्रचिंतामणि -- कृपाराम
- मुहर्ततत्व -- कृपाराम
- भारतीय ज्योतिष (मराठी में) -- शंकर बालकृष्ण दीक्षित
- दीर्घवृत्तलक्षण -- सुधाकर द्विवेदी
- गोलीय रेखागणित -- सुधाकर द्विवेदी
- समीकरण मीमांसा -- सुधाकर द्विवेदी
- चलन कलन -- सुधाकर द्विवेदी
- वैदिक गणित -- स्वामी भारती कृष्ण तीर्थ
- सिद्धान्ततत्वविवेक -- कमलाकर (१६५८)
- रेखागणित -- जगन्नाथ सम्राट
- सिद्धान्तसारकौस्तुभ -- जगन्नाथ सम्राट
- सिद्धान्तसम्राट -- जगन्नाथ सम्राट (१७१८)
- करणकौस्तुभ -- कृष्ण दैवज्ञ
- गणितसारकौमुदी -- ठक्कर फेरू (१४वीं शताब्दी का पूर्वार्ध)
- यन्त्रराज -- महेन्द्र सुरि (१३७० ई में) -- इसमें ७० RSine के मान दिये हैं।(R=३६००)
- सिद्धान्तसुन्दर -- ज्ञानराज (1503)
- सिद्धान्तराज -- नित्यानन्द (१६३९)
- सिद्धान्तसार्वभौम -- मुनीश्वर (१६४६)
सन्दर्भ
इन्हें भी देखें
- भारतीय गणित
- भारतीय ज्योतिषी - भारतीय खगोलशास्त्रियों के नाम एवं उनके कार्यों का विवरण
- भारतीय वैज्ञानिकों की सूची
बाहरी कड़ियाँ
- भारत के महान गणितज्ञ (गूगल पुस्तक ; लेखक - महेश शर्मा)
- भारत में गणित का इतिहास
- प्राचीन भारत में गणित (अंग्रेजी में)
- Cultural foundations of mathematics: the nature of mathematical proof and transmission of the calculus from India to Europe in the 16th Century (Google book ; By C. K. Raju)
- गणित शास्त्र के विकास की भारतीय परम्परा (गूगल् पुस्तक ; लेखक - सुद्युम्न आचार्य)