धनु ए

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धनु ए
Sagittarius A
खगोलमिति
रेडियल वेग (Rv)46 किमी/सै
विवरण
द्रव्यमान~41 लाख M
त्रिज्या31.6 R
सतही गुरुत्वाकर्षण (log g)?
तेजस्विता? L
तापमान? K
धातुता?
घूर्णन?
आयु+10.000 वर्ष
अन्य नाम
AX J1745.6-2900, SAGITTARIUS A, W 24, Cul 1742-28, SGR A, [DGW65] 96, EQ 1742-28, RORF 1742-289, [SKM2002] 28.
डेटाबेस संदर्भ
सिम्बादdata
धनु ए पश्चिम के भीतरी हिस्सों की चमकवेग - बाएँ-ऊपर के ग्राफ़ की रेखा वेग दर्शा रही है और देखा जा सकता है कि इसके बीच के क्षेत्र में वेग बहुत ऊँचा है क्योंकि यहाँ पर स्थित धनु ए* नामक विशालकाय काले छिद्र का भयंकर गुरुत्वाकर्षण प्रभाव डाल रहा है

धनु ए या सैजीटेरियस ए (Sagittarius A या Sgr A) हमारी गैलेक्सी, क्षीरमार्ग, के केन्द्र में स्थित एक खगोलीय रेडियो स्रोत है। यह खगोलीय धूल के विशाल बादलों द्वारा प्रत्यक्ष वर्णक्रम में दृष्टि से छुपा हुआ है। इसके पश्चिमी भाग के बीच में धनु ए* (Sagittarius A*) नामक एक बहुत ही प्रचंड और संकुचित रेडियो स्रोत है, जिसे वैज्ञानिक एक विशालकाय काला छिद्र मानते हैं। धनु ए आकाश में धनु तारामंडल के क्षेत्र में स्थित है।[१]

तीन भाग

आकाश में खगोलीय गोले पर देखे जाने पर धनु ए के तीन भाग प्रतीत होते हैं:

  • धनु ए पूर्व (Sagittarius A East) - यह एक महानोवा अवशेष है, जो लगभग २५ प्रकाशवर्ष चुड़ा है। खगोलशास्त्री अनुमान लगाते हैं कि यह महानोवास विस्फोट आज से ४०,००० से १,००,००० वर्ष पूर्व हुआ था।
  • धनु ए पश्चिम (Sagittarius A West) - यह एक सर्पिल प्रतीत होने वाला ढांचा है, जिसकी पृथ्वी से देखे जाने पर तीन भुजाएँ दिखती हैं। लेकिन कम्प्यूटर पर जब इसका त्रिआयामी ढांचा बनाया जाता है तो यह स्पष्ट हो जाता है कि यह वास्तव में सर्पिल नहीं है, बल्कि कई खगोलीय धूल और गैस के बने बादल हैं जो धनु ए पश्चिम के ठीक बीच में स्थित धनु ए* नामक काले छिद्र की परिक्रमा कर रहें हैं और १००० किमी प्रति सैकिंड की गति से उसमें गिरते जा रहे हैं। इन बादलों में १०० से अधिक ओबी श्रेणी के तारे देखे गए हैं जिनसे भयंकर वेग के कारण आयनीकृत गैस रिस कर इन बादलों में फैल रही है।
  • धनु ए* - धनु ए पश्चिम के बीच में यह एक अत्यंत शक्तिशाली रेडियो स्रोत है। माना जाता है कि यह हमारी आकाशगंगा (क्षीरमार्ग) के बीच का एक विशालकाय काला छिद्र है। इसके इर्द गिर्द घूम रहे तारे क्षीरमार्ग के किसी भी अन्य तारे से अधिक परिक्रमा वेग रखते हैं। इनमें से एक तारा ऍस२ (S2) का अपनी कक्षा में चरम वेग ५,००० किमी/सैकंड है जो प्रकाशगति का १/६० है।

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ