खगोलीय धूल
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खगोलीय धूल अंतरिक्ष में मिलने वाले वह कण होते हैं जो आकार में कुछ अणुओं के झुण्ड से लेकर ०.१ माइक्रोमीटर तक होते हैं। इस धूल में कई प्रकार के पदार्थ हो सकते हैं। खगोलीय धूल ब्रह्माण्ड में कई जगह मिलती है -
- तारों के इर्द-गिर्द, जैसे हमारे सौर मण्डल के क्षुद्रग्रह घेरे में क्षुद्रग्रहों के अलावा बहुत सी धूल भी है
- ग्रहों के इर्द-गिर्द, जैसे शनि के छल्लों में
- तारों के बीच के व्योम में, जिसे "अंतरतारकीय धूल" बुलाया जा सकता है
- गैलॅक्सीयों के बीच के व्योम में, जिसे "अंतरगैलॅक्सीय धूल" बुलाया जा सकता है
अन्य भाषाओँ में
"खगोलीय धूल" को अंग्रेजी में "कॉस्मिक डस्ट" (cosmic dust) और उर्दू में "कायनाती ग़ुबार" (کائناتی غبار) कहते हैं।
खगोलीय धूल की भूमिका
खगोलशास्त्रियों का मानना है के खगोलीय धूल के कणों और गैस बादलों के जमावड़े से ही तारे और आदिग्रह चक्र बनते हैं। यह आदिग्रह चक्र बाद में जाकर अक्सर ग्रहीय मण्डल बन जाते हैं।[१] अंदाज़ा है के हमारा सौर मण्डल भी कुछ ऐसे ही शुरू हुआ था।
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ planetary systems, formation of स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।, David Darling, The Internet Encyclopedia of Science