चौंसठ योगिनी मंदिर, खजुराहो
चौसठ योगिनी मन्दिर | |
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धर्म संबंधी जानकारी | |
सम्बद्धता | साँचा:br separated entries |
देवता | देवी |
अवस्थिति जानकारी | |
अवस्थिति | साँचा:if empty |
ज़िला | छत्तरपुर |
राज्य | मध्य प्रदेश |
देश | भारत |
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भौगोलिक निर्देशांक | साँचा:coord |
वास्तु विवरण | |
निर्माता | साँचा:if empty |
स्थापित | ९वीं शताब्दी |
ध्वंस | साँचा:ifempty |
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चौसठ योगिनी मंदिर, मध्य प्रदेश के खजुराहो में स्थित देवी का एक ध्वस्त मंदिर है। यह खजुराहो का सबसे प्राचीन मंदिर है जो अब भी विद्यमान है। अन्य स्थानों पर भी चौसठ योगिनी मंदिर हैं, किन्तु यह अकेला ऐसा मन्दिर है जिसका प्लान, आयताकार है।
शिवसागर झील के दक्षिण-पश्चिम में स्थित चौसठयोगिनी मंदिर चंदेल कला की प्रथम कृति है। यह मंदिर भारत के सेमस योगिनी मंदिरों में उत्तम है तथा यह निर्माण की दृष्टि से सबसे अधिक प्राचीन है। यह मंदिर खजुराहो की एक मात्र मंदिर है, जो स्थानीय कणाश्म पत्थरों से बनी है तथा इसका विन्यास उत्तर-पूर्व से दक्षिण-पश्चिम की ओर है तथा यह मंदिर १८ फुट जगती पर आयताकार निर्मित है। इसमें बहुत सी कोठरियाँ बनी हुई हैं। प्रत्येक कोठरी २.५ फुट चौड़ी और ४ फुट लंबी है। इनका प्रवेश द्वार ३२ इंच ऊँचा और १६ इंच चौड़ा है। हर एक कोठरी के ऊपर छोटे-छोटे कोणस्तुपाकार शिखर है। शिखर का निचला भाग चैत्यगवाक्षों के समान त्रिभुजाकार है।