कोई मिल गया
कोई मिल गया | |
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चित्र:कोई मिल गया पोस्टर.jpg कोई मिल गया का पोस्टर | |
निर्देशक | राकेश रोशन |
लेखक | जावेद सिद्दीकी (संवाद) |
अभिनेता |
ऋतिक रोशन, प्रीति ज़िंटा, रेखा, राकेश रोशन, प्रेम चोपड़ा |
संगीतकार | राजेश रोशन |
वितरक | यश राज फिल्म्स (विश्वभर) |
प्रदर्शन साँचा:nowrap | अगस्त 8, 2003 |
समय सीमा | 166 मिनट |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
कोई मिल गया 2003 में बनी हिन्दी भाषा की विज्ञान कथा साहित्य फिल्म है। इसका निर्देशन और निर्माण राकेश रोशन ने किया और मुख्य भूमिकाओं में ऋतिक रोशन और प्रीति जिंटा है। रेखा की भी महत्त्वपूर्ण सहायक भूमिका है। जारी होने पर फिल्म सफल रही थी और इसने कई पुरस्कार जीते थे। इसकी अगली दो कड़ी भी आई - कृष और कृष 3।
संक्षेप
वैज्ञानिक संजय मेहरा (राकेश रोशन) एक कंप्यूटर प्रोग्राम से अन्य ग्रह पर मौजूद जीवन से सम्पर्क साधने में कामयाब होता है। जब वो वैज्ञानिक समुदाय को यह बताने जाता है तो उसका यकीन नहीं किया जाता और तिरस्कार किया जाता है। वापस लौटते समय उसे एक अंतरिक्ष यान दिखाई देता है, जिसके कारण उसका ध्यान भटक जाता है और उसका वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो जाता है। वो वही मर जाता है और उसकी गर्भवती पत्नी सोनिया (रेखा) को चोटें आती हैं। उसका बेटा रोहित (ऋतिक रोशन) मानसिक रूप से अक्षम पैदा होता है। वो शारीरिक रूप से तो बड़ा होता है लेकिन उसका दिमाग बच्चे जैसा ही रहता है। उससे कई साल छोटे बच्चे उसके दोस्त हैं।
निशा (प्रीति जिंटा) नाम की युवती उनके कस्बे में आती है। शुरुआत में वो रोहित के प्रति विरोधपूर्ण व्यवहार रखती है क्योंकि उसने उसके साथ कई मजाक किये। इससे उसका साथी, राज (रजत बेदी) और उसके दोस्त रोहित को लगातार परेशान करते हैं। बाद में, निशा रोहित के प्रति सहानुभूति रखती हैं जब वो उसकी मां से उसके मानसिक विकलांगता के बारे में जानती है। वह रोहित को अपने घर में आमंत्रित करती है और उसे अपने माता-पिता से परिचय कराती है। वो भी रोहित से सहानुभूति रखते हैं। रोहित और निशा संजय मेहरा के कंप्यूटर प्रोग्राम को खेल-खेल में छेड़ते है और अनजाने में उन जीवों को फिर बुला लेते हैं। आने वाले एलियंस जल्दबाजी में चले जाते हैं और गलती से एक को पीछे छोड़ जाते हैं। रोहित, निशा और रोहित के दोस्त को वो मिलता है और वह उसे 'जादू' का नाम देते हैं। जादू सूर्य की रोशनी से प्राप्त अपनी विशेष शक्तियों का उपयोग करके रोहित के दिमाग की ताकत को बढ़ा देता है। इससे वो बहुत बुद्धिमान, शक्तिशाली और हर चीज में अच्छा हो जाता है।
निशा और रोहित एक साथ अधिक समय बिताते हैं और निशा रोहित को रूमानी रूप में देखना शुरू कर देती है। बाद में रोहित उससे प्यार का इजहार करता है और वह स्वीकार करती है। रोहित, निशा, रोहित के दोस्तों और रोहित की मां को छोड़कर जादू की मौजूदगी हर किसी से एक रहस्य रखी गई है। बाद में राज और उसके दोस्त रोहित एक दिन अकेला देखकर हमला करते हैं। उसमें जादू जो उसके बैग में था, गिर जाता है जिसे हवलदार चेलाराम (जॉनी लीवर) देख लेता है। फिर रोहित के पीछे पुलिस लग जाती है कि क्योंकि उस जीव को वैज्ञानिक अनुसंधान के लिये चाहते हैं। रोहित उनके अंतरिक्ष यान को दोबारा बुलाता है और जादू को पुलिस द्वारा विमान से भेजने से पहले पकड़ लेता है और उसे उसके साथियों के पास भेज देता है। रोहित उसके द्वारा दी गई शारीरिक और मानसिक शक्तियों को खो देता है और दोबारा अपने कमअक्ल रूप में आ जाता है। जिससे वह भारतीय सरकार द्वारा सजा से बच जाता है। सबकुछ खत्म होने के बाद, राज और उसके दोस्त रोहित को परेशान करने के लिए लौट आते हैं। वहाँ जादू रोहित की शक्तियों को स्थायी रूप से लौटाता है। रोहित और निशा जादू का शुक्रिया अदा करते हैं और उसके बाद शांतिपूर्ण जीवन जीते हैं।
कलाकार
- ऋतिक रोशन — रोहित मेहरा
- जादू — इन्द्र वर्धान पुरोहित
- प्रीति ज़िंटा — निशा
- रेखा — सोनिया मेहरा
- रजत बेदी — राज सक्सेना
- प्रेम चोपड़ा — हरबंस सक्सेना
- मुकेश ऋषि — इंस्पेक्टर खान
- जॉनी लीवर — चेलाराम
- अंजना मुमताज़ — श्रीमती सक्सेना
- राकेश रोशन — संजय मेहरा
- राजीव वर्मा — निशा के पिता
- बीना बैनर्जी — निशा की माँ
- हंसिका मोटवानी — रोहित की दोस्त
संगीत
संगीत राजेश रोशन द्वारा दिया गया है और बोल देव कोहली ने दिए। साँचा:tracklist
नामांकन और पुरस्कार
- 2003 - फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म पुरस्कार - राकेश रोशन
- 2003 - फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ निर्देशक पुरस्कार - राकेश रोशन
- 2003 - फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार - ऋतिक रोशन
- 2003 - आई आई एफ ए सर्वश्रेष्ठ निर्देशक पुरस्कार - राकेश रोशन
- 2003 - आई आई एफ ए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार - ऋतिक रोशन