दीवार (1975 फ़िल्म)

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
दीवार
चित्र:दीवार पोस्टर.jpg
दीवार का पोस्टर
निर्देशक यश चोपड़ा
निर्माता गुलशन राय
लेखक सलीम ख़ान,
जावेद अख्तर
पटकथा सलीम ख़ान, जावेद अख्तर
अभिनेता अमिताभ बच्चन,
शशि कपूर,
निरूपा रॉय,
नीतू सिंह,
परवीन बॉबी,
इफ़्तेख़ार
संगीतकार राहुल देव बर्मन
साहिर लुधियानवी (गीत)
प्रदर्शन साँचा:nowrap साँचा:start date
देश भारत
भाषा हिन्दी

साँचा:italic title

दीवार 1975 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। यश चोपड़ा निर्मित दीवार हिन्दी सिनेमा की सबसे सफ़लतम फिल्मों में से है जिसने अमिताभ को "एंग्री यंग मैन" के खिताब में स्थापित कर दिया। इस फिल्म ने अमिताभ के करियर को नयी बुलंदियों पर पहुँचा दिया। कहा जाता है की फिल्म की कहानी अंडरवर्ल्ड डॉन हाजी मस्तान के जीवन पर आधारित है और अमिताभ बच्चन ने यही किरदार निभाया है। फिल्म की कहानी है दो भाईयों की कहानी है जो बचपन में अपने और अपने परिवार पर अत्याचारों को झेलकर जिंदगी में दो अलग अलग रास्ते चुनते हैं, जो दोनों के बीच मे एक दीवार खड़ी कर देते हैं।[१]

पटकथा

आनंद वर्मा (सत्यन कप्पू) मजदूर संघ का नेता है और मजदूरों के हक़ के लिए फैक्ट्री मालिकों से लड़ाई करता है, पर फैक्ट्री मालिक उसे, उसके परिवार को जान से मारने की धमकी देते है, जिससे डरकर आनंद उनकी बात मान लेता है। मजदूर इससे गुस्साकर आनंद पर जानलेवा हमला कर देते है। आनंद घर छोड़कर भाग जाता है। मजदूर, विजय के हाथ पर "मेरा बाप चोर है" लिख देते हैं। मजदूरों से परेशान होकर आनंद की बीवी सुमित्रा (निरुपमा रॉय) अपने बच्चों, विजय (अमिताभ बच्चन) और रवि (शशि कपूर) के साथ बंबई चली आती है। अपने बच्चों को पालने के लिए सुमित्रा मज़दूरी करने लगती है। विजय भी पढ़ाई छोड़कर मज़दूरी करने लगता है ताकि उसका भाई रवि पढ़ सके। बड़े होकर विजय एक फैक्ट्री में मज़दूर बन जाता है और रवि एक पुलिस अफ़सर। विजय को लगता है की दुनिया उसी की सुनती है जिसके पास पैसा है और सच्चाई के रास्ते पर चलने से सिर्फ़ नाकामी मिलती है। पर रवि को सच्चाई और क़ानून पर पूरा विश्वास होता है। पर उसे क़ानून और भाई मे से किसी एक को चुनना है। पैसे कमाने की चाह में विजय सोने की तस्करी करने लगता है और फिर शुरू होती है दोनों भाईयों मे तकरार की कहानी।

फिल्म के संवाद बहुत ही दमदार हैं और आज तक इस्तेमाल किये जाते हैं। फिल्म के गाने दर्शकों ने पसंद किए हैं और फिल्म की कहानी दर्शकों को कुर्सी से बाँधे रखती है।

कुछ प्रसिद्द संवाद है:

"मेरा बाप चोर है"

"आज मेरे पास बंगला है, गाड़ी है, बैंक बॅलेन्स है, तुम्हारे पास क्या है-मेरे पास माँ है"

"मैं आज भी फैंके हुए पैसे नहीं उठाता"

"ये चाबी अपनी जेब मैं रख ले पीटर, अब ये ताला मैं तेरी जेब से चाबी निकाल कर ही खोलूँगा"

"पीटर तुम मुझे वहाँ ढूंढ रहे हो और मैं तुम्हारा यहाँ इंतज़ार कर रहा हूँ."

निर्देशक: यश चोपड़ा

निर्माता : गुलशन राई

कथा लेखक: जावेद अख़्तर, सलीम ख़ान

मुख्य कलाकार

दल

संगीत

गीत गायक टिप्पणी
"कहदूं तुम्हे" किशोर कुमार, आशा भोसले लोकप्रिय गीत
"मैंने तुझे माँगा तुझे पाया है" किशोर कुमार, आशा भोसले
"कोई मरजाए" आशा भोसले, उषा मंगेशकर
"दीवारों का जंगल" मन्ना डे
"इधर का माल उधर" भूपेंद्र सिंह
"आइ एम फालिंग इन लव विथ ए स्ट्रेंजर" उर्सुला वाज़

रोचक तथ्य

परिणाम

बौक्स ऑफिस

समीक्षाएँ

नामांकन और पुरस्कार

दीवार ने वर्ष 1976 फिल्मफेयर पुरस्कारों में सर्वश्रेष्ठ सह-अभिनेता व सह-अभिनेत्री भागों को छोड़ लगभग सभी पुरस्कारों को जीता।[२]

उल्लेख

साँचा:reflist

बाहरी कड़ियाँ

  1. साँचा:cite web
  2. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  3. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।