एलोरा गुफाएं

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युनेस्को विश्व धरोहर स्थल
एलोरा गुफाएँ
243 विश्व धरोहर सूची में अंकित नाम
कैलाशनाथ मन्दिर, (गुफा 16) चट्टान के ऊपर से लिया चित्र
देश साँचा:flag/core
प्रकार सांस्कॄतिक
मानदंड (i)(iii)(vi)
सन्दर्भ b 243
युनेस्को क्षेत्र एशिया-प्रशांत
शिलालेखित इतिहास
शिलालेख 1983 (7th सत्र)

वेरुळ या एलोरा (मूल नाम वेरुळ) एक पुरातात्विक स्थल है, जो भारत में औरंगाबाद, महाराष्ट्र से 30 कि॰मि॰ (18.6 मील) की दूरी पर स्थित है। इन्हें राष्ट्रकूट वंश के शासकों द्वारा बनवाया वेेेरुळ। अपनी स्मारक गुफाओं के लिए प्रसिद्ध, वेरुळ युनेस्को द्वारा घोषित एक विश्व धरोहर स्थल है।

वेरुळ भारतीय पाषाण शिल्प स्थापत्य कला का सार है, यहाँ 34 "गुफ़ाएँ" हैं जो असल में एक ऊर्ध्वाधर खड़ी चरणाद्रि पर्वत का एक फ़लक है। इसमें हिन्दू बौद्ध और जैन गुफा मन्दिर बने हैं। ये पाँचवीं और दसवीं शताब्दी में बने थे। यहाँ 12 बौद्ध गुफाएँ (1-12), 17 हिन्दू गुफाएँ (13-29) और 5 जैन गुफाएँ (30-34) हैं। ये सभी आस-पास बनीं हैं और अपने निर्माण काल की धार्मिक सौहार्द को दर्शाती हैं।

वेरुळ के 34 मठ और मंदिर औरंगाबाद के निकट 2 कि॰मि॰ के क्षेत्र में फैले हैं, इन्हें ऊँची बेसाल्ट की खड़ी चट्टानों की दीवारों को काट कर बनाया गया हैं।अपनी समग्रता में २ समग्र६ फीट लम्बा, १५४ फीट चौड़ा यह मंदिर केवल एक खंड को काटकर बनाया गया है। इसका निर्माण ऊपर से नीचे की ओर किया गया है। इसके निर्माण के क्रम में अनुमानत: ४० हज़ार टन भार के पत्थरों को ताला से बचाया गया है। इसके निर्माण के लिए पहले खंड अलग किया गया और फिर इस पर्वत खंड को भीतर से काट - काट कर 90 फुट ऊँचा मंदिर गंगा गया।] मंदिर के बाहर चारों ओर मर्ति - अलंकरणों से भरा हआ है। दुर्गम पहाड़ियों वाला एलोरा 600 से 1000 ईसवी के काल का है, यह प्राचीन भारतीय सभ्यता का जीवन्त प्रदर्शन करता है। बौद्ध, हिन्दू और जैन धर्म को भी समर्पित पवित्र स्थान एलोरा परिसर न केवल अद्वितीय कलात्मक सृजन और एक तकनीकी उत्कृष्टता है, बल्कि यह प्राचीन भारत के धैर्यवान चरित्र की व्याख्या भी करता है।[१] यह यूनेस्को की विश्व विरासत में शामिल है।[२]

चित्र दीर्घा

Ellora cave

सन्दर्भ

इन्हें भी देखें

बाहरी कड़ियाँ

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