अजितनाथ
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अजितनाथ | |
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द्वितीय तीर्थंकर | |
अजितनाथ जी की प्रतिमा | |
विवरण | |
अन्य नाम | अजीतनाथ |
पूर्व तीर्थंकर | ऋषभदेव |
अगले तीर्थंकर | सम्भवनाथ |
गृहस्थ जीवन | |
वंश | इक्ष्वाकु |
पिता | राजा जितशत्रु |
माता | विजयादेवी |
पंचकल्याणक | |
जन्म | ५ × १०२२३ वर्ष पूर्व (माघ शु० १०) |
मोक्ष | चैत्र शु ५ |
मोक्ष स्थान | सम्मेद शिखरजी |
लक्षण | |
रंग | स्वर्ण |
चिन्ह | हाथी |
ऊंचाई | ४५० धनुष (१३५० मीटर) |
आयु | ७२,००,००० पूर्व (५०८.०३२ × १०१८ वर्ष) |
शासक देव | |
यक्ष | महायक्ष |
यक्षिणी | अजितबाला |
गणधर | |
प्रथम गणधर | चक्रयुध स्वामी |
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अजितनाथ जैन धर्म के २४ तीर्थकरो में से वर्तमान अवसर्पिणी काल के द्वितीय तीर्थंकर है।[१]अजितनाथ का जन्म अयोध्या के राजपरिवार में माघ के शुक्ल पक्ष की अष्टमी में हुआ था। इनके पिता का नाम जितशत्रु और माता का नाम विजया था। अजितनाथ का चिह्न हाथी था।[२]
जैन ग्रन्थों के अनुसार द्वितीय तीर्थंकर, अजितनाथ का जन्म प्रथम तीर्थंकर ऋषभनाथ के जन्म के बाद 50 लाख करोड़ वर्गरोस पम और 12 लाख पूर्व बीत जाने के बाद हुआ था। उनकी ऊंचाई 450 धनुष थी। उन्होंने 18 लाख पूर्व युवा अवस्था (कुमारकाल) में व्यतीत किए। उन्होंने अपने राज्य पर 53 लाख पूर्व और १ पूर्वांग तक शासन किया (राज्यकाल)। उन्होंने १ पूर्वांग कम १ लाख पूर्व काल संयम साधना में व्यतीत किया (संयमकाल)। भगवान अजिताथ की कुल आयु 72 लाख पूर्व की थी।