टाटा समूह

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टाटा समूह
प्रकार Private
उद्योग Conglomerate
स्थापना 1868
संस्थापक जमशेदजी टाटा
मुख्यालय Bombay House
Mumbai, India
क्षेत्र Worldwide
प्रमुख व्यक्ति Natrajan Chandrshekhran
Chairman[१]
उत्पाद Steel
Automobiles
Telecommunications
Software
Hotels
Consumer goods
राजस्व साँचा:loss US$ 67.4 billion (2009-10)[२]
कुल संपत्ति साँचा:profit US$ 52.8 billion (2009-10)
कर्मचारी 396,517 (2009-10)
सहायक कंपनियाँ Tata Steel
Tata Steel Europe
Tata Motors
Tata Consultancy Services
Tata Technologies
Tata Tea
Titan Industries
Tata Power
Tata Communications
Tata Teleservices
Tata AutoComp Systems Limited
Taj Hotels
वेबसाइट Tata.com

टाटा समूह एक निजी व्यवसायिक समूह है जिसका मुख्यालय मुंबई में स्थित है। वर्तमान में इसके अध्यक्ष रतन टाटा हैं। टाटा समूह के चेयरमेन रतन टाटा ने 28 दिसम्बर 2012 को सायरस मिस्त्री को टाटा समूह का उत्तराधिकारी नियुक्त किया। रतन टाटा पिछले 50 सालों से टाटा समूह से जुड़े हैं वे 21 सालों तक टाटा समूह के अध्यक्ष रहे। रतन टाटा ने जे आर डी टाटा के बाद 1991 में कार्यभार संभाला। टाटा परिवार का एक सदस्य ही हमेशा टाटा समूह का अध्यक्ष रहा है। इसका कार्यक्षेत्र अनेक व्यवसायों व व्यवसाय से सम्बंधित सेवाओं के क्षेत्र में फैला हुआ है - जैसे: अभियांत्रिकी, सूचना प्रौद्योगिकी, संचार, वाहन, रासायनिक उद्योग, ऊर्जा, सॉफ्टवेयर, होटल, इस्पात एवं उपभोक्ता सामग्री।

टाटा समूह की सफलता को इसके आंकडे बखूबी बयां करते हैं। 2005-06 में इसकी कुल आय $967229 मिलियन थी। ये समस्त भारत कि GDP के 2.8 % के बराबर है। 2004 के आंकड़ों के अनुसार टाटा समूह में करीब 2 लाख 46 हज़ार लोग काम करते हैं। market capitalization का आंकड़ा $57.6 बिलियन को छूता है। टाटा समूह कि कुल 96 कम्पनियां 7 अलग अलग व्यवसायिक क्षेत्रों में सक्रिय हैं। इन 96 में से केवल 28 publicly listed कम्पनियाँ हैं। टाटा समूह ६ महाद्वीपों के 40 से भी अधिक देशों में सक्रिय है। टाटा समूह दुनिया के 140 से भी अधिक देशों को उत्पाद व सेवाएँ निर्यात करता है। इसके करीब 65.8% भाग पर टाटा के Charitable Trust का मालिकाना हक है।

टिस्को (TISCO), जिसे अब टाटा स्टील (Tata steel) के नाम से जाना जाता है, की स्थापना 1907 में भारत के पहले लोहा व इस्पात कारखाने के तौर पर हुई थी। इसकी स्थापना जमशेदपुर में हुई थी जिसे लोग टाटा नगर भी पुकारते हैं। इस्पात (steel) व लोहे का असल उत्पादन 1912 में शुरू हुआ। यह दुनिया में सबसे किफायती दरों पर इस्पात का निर्माण करता है। इसका मुख्य कारण है कि समूह की ही एक अन्य कंपनी इसे कच्चा माल, जैसे कोयला और लोहा आदि, उपलब्ध कराती है। 1910 में टाटा जलविद्युत शक्ति आपूर्ति कम्पनी (Tata Hydro-Electric Power Supply Company) की स्थापना हुई। 1917 में टाटा आईल मिल्स (Tata Oil Mill) की स्थापना के साथ ही समूह ने घरेलू वस्तुयों के क्षेत्र में कदम रखा और साबुन, कपडे धोने के साबुन, डिटर्जेंट्स (detergents), खाना पकाने के तेल आदि का निर्माण शुरू किया। 1932 में टाटा एयरलाइन्स (Tata Airlines) की शुरुआत हुई। टाटा केमिकल्स (Tata Chemicals) का आगमन 1939 में हुआ। टेल्को (TELCO), जिसे अब टाटा मोटर्स (TataMotors) के नाम से जाना जाता है, ने 1945 में रेल इंजनों और अन्य मशीनी उत्पादों का निर्माण शुरू किया।

जनवरी 2007 का महीना टाटा समूह के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में दर्ज किया जाएगा। टाटा स्टील ने यूनाइटेड किंगडम (UK) में स्थित कोरस समूह (Corus Group) की सफल बोली लगा कर उसे हासिल किया। कोरस समूह दुनिया की सबसे बड़ी लोहा व इस्पात निर्माण कंपनी है। बोली के अप्रत्याशित 9 दौर चले जिसके अंत में टाटा समूह ने कोरस का 100 प्रति शत हिस्सा 608 पाउंड प्रति शेयर (नकद) के हिसाब से कुल 12. 04 बिलियन डालर में खरीदने में सफलता पाई। यह किसी भी भारतीय कंपनी के द्वारा किया गया सबसे बड़ा अधिग्रहण है।

टाटा पावर भारत में निजी क्षेत्र की सबसे बड़ी कम्पनियों में से एक है। यह मुंबई एवं दिल्ली के कुछ हिस्सों को बिजली प्रदान करती है। टाटा केमिकल्स और टाटा पिगमेन्ट्स (Tata Pigments) का भी अपने अपने क्षेत्रों में काफी नाम है। सेवा क्षेत्र में भी टाटा समूह की कई कम्पनियां होटल, बीमा व जीवन बीमा उद्योग में सक्रिय हैं। टाटा समूह प्रबंधन व आर्थिक सलाहकार सेवाओं में भी काफी सफल साबित हुआ है। शेयरों व निवेष की दुनिया में भी टाटा का खासा नाम है। जहाँ तक शिक्षा का सवाल है, तो इस के लिए तो केवल टाटा मैक्ग्रा (Tata Mcgraw) का नाम लेने मात्र से ही इस क्षेत्र में टाटा समूह की सफलता को बयां किया जा सकता है। पर टाटा का शिक्षा से जुड़ाव केवल इस मशहूर प्रकाशन कंपनी तक ही सीमित नहीं है। अनेक सरकारी संस्थानों व कम्पनियों की शरुआत टाटा द्वारा ही की गयी, जैसे - भारतीय विज्ञाना संस्थान (Indian Institute of Science), टाटा मूलभूत अनुसंधान केन्द्र (Tata Institute of Fundamental Research), टाटा समाज विज्ञान संस्थान (Tata Institute of Social Sciences) और टाटा ऊर्जा अनुसंधान संस्थान (Tata Energy Research Institute)। यहाँ तक की भारत की आधिकारिक विमान सेवा एयर इन्डिया का भी जन्म टाटा एयरलाइन्स के रूप में हुआ था। इसके अलावा टाटा मैनेजमेन्ट ट्रेनिंग सेन्टर, पुणे और नेशनल सेन्टर फार पर्फार्मिंग आर्ट्स भी ऐसे संस्थान हैं जिनका श्रेय टाटा समूह को दिया जाना चाहिए।

टाटा का नाम चाय में टाटा चाय (Tata Tea) और घड़ियों में टाइटन (Titan) से जुड़ा है। Tata Trent (Westside) और टाटा स्काय (Tata Sky) भी अपने अपने क्षेत्रों के ऐसे नाम हैं जो टाटा समूह का ही हिस्सा हैं।

सूचना व संचार के क्षेत्र में भी टाटा का नाम INCAT, Nelco, Nelito Systems, TCS और Tata Elxsi से जुड़ा है। इसके अलावा साफ्टवेयर बनाने वाली भी कम्पनियां हैं जो टाटा का हिस्सा हैं- जैसे - टाटा इंटरैक्टिव सिस्टम्स (Tata Interactive Systems), टाटा इन्फोटेक (Tata Infotech), टाटा टटेक्नालोजीज लि (Tata Technologies Ltd), टाटा टेलीसर्विसेस, टाटानेट (Tatanet) आदि। टाटा ने 2005 में बरमूडा से संचालित कनेडियन कंपनी टेलीग्लोब (Teleglobe) से भारतीय दूरसंचार क्षेत्र की विशाल कंपनी विदेश संचार निगम लिमिटेड (VSNL) को हासिल किया।

टाटा समूह का उद्देश्य समझदारी, जिम्मेदारी, एकता और बेहतरीन काम से समाज में जीवन के स्तर को उंचा उठाना है। टाटा समूह (Tata Group) के नाम से जाने जाने वाले इस परिवार का हर सदस्य इन मूल्यों का अनुसरण करता है। भारत के शिक्षा, विज्ञान और तकनीकी क्षेत्र में टाटा का योगदान अति महत्वपूर्ण है। इसके बारे में विस्तार से लिखा जा चुका है और लगभग हर भारतीय इस बात का सम्मान करता है। टाटा का नीले रंग का चिन्ह (Logo) निरंतर प्रवाह की और तो इशारा करता ही है, यह कल्प-तरु या बोधि वृक्ष (Tree of Knowledge) का भी प्रतीक है। इसे एक ऐसा वृक्ष भी माना जा सकता है जिसके नीचे हर कोई शरण पा सकता है, सकून पा सकता है।

टाटा परिवार का विदेशों में प्रसार

टाटा समूह के दो ट्रक
  • मार्च २००८ टाटा मोटर्स ने फोर्ड से जैगुआर और लैंड रोवर को ख़रीदा।
  • जनवरी २००७ टाटा स्टील ने कोरस स्टील को ख़रीदा।
  • जून २००६ अमरीकी कंपनी ८ ओक्लॉक कॉफी कंपनी का क़रीब १००० करोड़ रुपए में अधिग्रहण किया।
  • अगस्त २००६ अमरीकी कंपनी ग्लेसॉ (उर्जा कंपनी) के ३० प्रतिशत शेयर खरीदे
  • जुलाई २००५ टेलीग्लोब इंटरनेशनल को २३.९ करोड़ डॉलर में अधिग्रहित किया।
  • अक्टूबर २००५ टाटा टी ने तीन करोड़ २० लाख डॉलर में गुड अर्थ क्राप का अधिग्रहण किया।
  • अक्टूबर २००५ ब्रिटेन के आईएनसीएटी इंटरनेशनल को ४११ करोड़ रुपए में खरीदा।
  • अक्टूबर २००५ सिडनी स्थित कंपनी एफएनएस को अधिग्रहित किया।
  • नवंबर २००५ बिज़नेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग कंपनी कोमीकॉर्न को क़रीब १०८ करोड़ में खरीदा।
  • दिसम्बर २००५ थाईलैंड की मिलेनियम स्टील का अधिग्रहण १८०० करोड़ रुपए में किया।
  • दिसम्बर २००५ ब्रिटेन की ब्रूनर मोंड ग्रुप के ६३.५ प्रतिशत शेयर ५०८ करोड़ रुपए में लिए।
  • मार्च २००४ कोरियाई कंपनी देवू कमर्शियल वेहिकल्स का ४५९ करोड़ रुपए में अधिग्रहण किया।
  • अगस्त २००४ सिंगापुर की नैटस्टील को १३०० करोड़ रुपए में खरीदा।
  • फरवरी २००० १८७० करोड़ रुपए में ब्रिटेन की टेटली टी को खरीदा[३]
  • टाटा समूह एक भारतीय बहुराष्ट्रीय संगठन होल्डिंग कंपनी है जिसका मुख्यालय मुंबई, महाराष्ट्र, भारत में है। यह जमशेदजी टाटा द्वारा 1868 में स्थापित किया गया था और कई वैश्विक कंपनियों को खरीदने के बाद अंतर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त हुई थी। यह भारत का सबसे बड़ा समूह है 2015-2016 में, टाटा कंपनियों का राजस्व 103.51 अरब डॉलर था। [3] ये कंपनियां 660,000 लोगों को सामूहिक रूप से रोजगार देती हैं। [3] प्रत्येक टाटा कंपनी या उद्यम अपने स्वयं के बोर्ड निदेशक और शेयरधारकों के मार्गदर्शन और पर्यवेक्षण के अंतर्गत स्वतंत्र रूप से संचालित होता है मार्च 2016 तक लगभग 116 अरब डॉलर के संयुक्त बाजार पूंजीकरण के साथ 30 सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध टाटा उद्यम हैं। [3] टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, टाटा पावर, टाटा केमिकल्स, टाटा ग्लोबल बेवरिजेज, टाटा टेलीसर्विसेज, टाइटन, टाटा कम्युनिकेशंस और ताज ग्रुप शामिल हैं। टाटा समूह ने 2.20 बिलियन (5 करोड़ डॉलर) का दान किया बोस्टन, मैसाचुसेट्स में संस्थान के परिसर में शैक्षिक और आवासीय भवन बनाने के लिए हार्वर्ड बिजनेस स्कूल (एचबीएस) नई इमारत को टाटा हॉल कहा जाता है और इसका उपयोग संस्थान के कार्यकारी शिक्षा कार्यक्रमों के लिए किया जाता है। [15] यह राशि अंतरराष्ट्रीय दाता से हार्वर्ड बिजनेस स्कूल को सबसे बड़ी दी गई राशि है। रतन टाटा- रतन टाटा, टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष [16] एक टाटा प्रोजेक्ट ने कॉम्पैक्ट, इन-होम वाटर-शुिफिकेशन डिवाइस विकसित करने में टाटा समूह की कंपनियों (टीसीएस, टाइटन इंडस्ट्रीज और टाटा केमिकल्स) को एक साथ लाया। इसे टाटा स्काच कहते हैं, जिसका अर्थ है "हिंदी में स्वच्छ", और 1000 रुपये से कम (यूएस $ 21) का खर्च आएगा। हिंद महासागर में 2004 के सुनामी से उत्पन्न विचार, जो बिना स्वच्छ पेयजल के हजारों लोगों को छोड़ देता है इस उपकरण में फिल्टर हैं, जो पांच साल के परिवार के लिए लगभग एक वर्ष तक रहता है। यह उन लोगों के लिए एक कम लागत वाले उत्पाद उपलब्ध है जिनके पास अपने घरों में सुरक्षित पेयजल तक पहुंच नहीं है। [17] इस डिवाइस का लाभ यह है कि इसे बिजली के उपयोग की आवश्यकता नहीं है। [18] टीसीएस ने भी एक अभिनव सॉफ्टवेयर पैकेज का डिज़ाइन किया और दान किया, जो कि अशिक्षित वयस्कों को सिखाने का दावा करता है कि 40 घंटों में कैसे पढ़ा जाए। टीसीएस के लिए कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी के वैश्विक प्रमुख पंकज बलिगा ने कहा, "जो लोग हमारे साक्षरता कार्यक्रम के माध्यम से रहे हैं, वे सभी स्कूल में हैं।" [17] 1 9 12 में टाटा समूह ने कार्यस्थल में शामिल करने के लिए सामुदायिक परोपकार के अपने सीईओ की अवधारणा का विस्तार किया उन्होंने दुनिया में लगभग किसी भी अन्य कंपनी से पहले, आठ घंटे का कार्यदिवस लगाया। 1 9 17 में, उन्होंने टाटा कर्मचारियों के लिए एक चिकित्सा-सेवा नीति की सिफारिश की। आधुनिक पेंशन प्रणाली, श्रमिक मुआवजा, मातृत्व लाभ, और लाभ-साझाकरण योजनाओं को व्यवस्थित करने के लिए कंपनी दुनिया भर में पहली बार थी। [17] टाटा समूह के धर्मार्थ ट्रस्ट विभिन्न प्रकार की परियोजनाओं को निधि देते हैं, उदाहरण के लिए, टाटा स्काच और टीसीएस परियोजना। उन्होंने भारतीय विज्ञान संस्थान, टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च, नेशनल सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स और टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल के रूप में ऐसे पोषित संस्थानों की स्थापना की और अभी भी समर्थन किया। प्रत्येक टाटा समूह की कंपनी अपने ऑपरेटिंग आय से 4 प्रतिशत से ज्यादा ट्रस्टों को चैनल देती है, और टाटा परिवार के हर पीढ़ी ने अपने लाभ का बड़ा हिस्सा उन्हें छोड़ दिया है। [17] मुंबई के हमलों के बाद, पुनर्निर्माण के लिए होटल बंद होने के बावजूद हमला हुआ ताज होटल कर्मचारियों के वेतन का भुगतान किया गया। लगभग 1600 कर्मचारियों को कर्मचारी, आउटरीच केन्द्रों के माध्यम से भोजन, पानी, स्वच्छता और प्राथमिक चिकित्सा प्रदान की गई। रतन टाटा व्यक्तिगत रूप से प्रभावित सभी कर्मचारियों के परिवारों का दौरा किया। कर्मचारियों के रिश्तेदारों को बाहर के क्षेत्रों से मुंबई भेजा गया था और सभी को तीन हफ्तों तक इंतजाम किया गया था। टाटा ने रेलवे कर्मचारियों, पुलिस कर्मचारी और पैदल चलने वालों के लिए मुआवजा भी शामिल किया। हमले के बाद बाजार विक्रेताओं और दुकान के मालिकों को देखभाल और सहायता दी गई थी टाटा समूह के सोशल साइंस के साथ एक मनश्चिकित्सीय संस्था की स्थापना की गई थी, जो उन लोगों से परामर्श करने की जरूरत थी जो मददगार थे और मदद की ज़रूरत थी। टाटा ने आतंकवादी हमलों के पीड़ितों के 46 बच्चों की शिक्षा भी दी। [1 9] [20] 2013 में, टाटा रिलीफ कमेटी और सर रतन टाटा ट्रस्ट के सहयोगी संगठन, हिमोत्तोटन सोसायटी के माध्यम से, राज्य के तीन जिलों में प्रभावित स्थानीय समुदायों को राहत देने के लिए उत्तराखंड सरकार के करीबी सहयोग में काम किया। राहत गतिविधियों, जिसमें भोजन और घरेलू सामग्री का प्रावधान शामिल था, 65 से अधिक गांवों और 3,000 परिवारों को शामिल किया गया था। राहत के पहले चरण में समूह 100 से अधिक गांवों तक पहुंचने की उम्मीद कर रहा है। टाटा समूह प्रभावित समुदायों और क्षेत्रों के आर्थिक, पारिस्थितिकी और संसाधनों की स्थिरता के लिए दीर्घकालिक उपायों को भी लागू करने की योजना बना रहा है। यह योजना टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टीआईएसएस), मुंबई में स्थित स्थानीय संगठनों और समुदायों के सहयोग से प्रभावित क्षेत्रों के सर्वेक्षणों पर आधारित होगी। [21] [22] 2017 में, टाटा फुटबॉल अकादमी ने फुटबॉल क्लब बनाने की बोली जीती है

स्रोत

  1. साँचा:cite web
  2. साँचा:cite web
  3. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।

इन्हें भी देखें

बाहरी कड़ियाँ