सुजलॉन एनर्जी

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सुजलॉन एनर्जी
प्रकार सार्वजनिक (BSE532667)
उद्योग रेनेवेबल एनर्जी
स्थापना 1995
मुख्यालय साँचा:flagicon पुणे, महाराष्ट्र, भारत
प्रमुख व्यक्ति साँचा:flagicon तुलसी तांती, स्थापक, अध्यक्ष और एमडी
राजस्व साँचा:profit $5.4अरब (2009)[१]
कर्मचारी 13,000
वेबसाइट www.suzlon.com
किंग सिटी, मिसौरी में ब्लूग्रास रिज विंड फ़ार्म पर एक पुराने गैस पंप के सामने रखे सुजलॉन जनरेटर

सुजलॉन एनर्जी (BSE532667) भारत में स्थित एक वैश्विक पवन ऊर्जा कम्पनी है। बाजार में हिस्सेदारी के मामले में, यह कंपनी एशिया में चौथी सबसे बड़ी विंड टरबाइन निर्माता है (और दुनिया भर में 8वीं सबसे बड़ी). निवल मूल्य के मामले में, यह दुनिया की सबसे मूल्यवान पवन ऊर्जा कम्पनी है,[२] लेकिन बाज़ार मूल्य के आधार पर मापने पर, यह कंपनी वेस्टास[३] से छोटी है और संभवतः जीई (GE), गमेसा कॉर्पोरेशन टेक्नोलोजीका, एनरकौन और सीमेंस से भी जिनका बाज़ार मूल्य जानना कठिन है क्योंकि उनका व्यापार स्वतंत्र संस्थाओं के रूप में नहीं किया जाता है। पुणे में मुख्यालय होने के अलावा, इस कम्पनी की भारत में कई निर्माण इकाइयां हैं जिनमें शामिल हैं पांडिचेरी, दमन, भुज और गांधीधाम साथ ही साथ मुख्य भूमि चीन, जर्मनी और बेल्जियम, में भी हैं। यह कंपनी भारत के राष्ट्रीय स्टॉक एक्सचेंज और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध है।

कंपनी विवरण

सुजलॉन एक लम्बवत एकीकृत पवन ऊर्जा कंपनी है। सुजलॉन, शुरुआत-से-अंत तक पवन ऊर्जा समाधानों को प्रदान करती है, एकीकरण से लेकर स्थापन और चालू करने तक.[४] कंपनी, हान्सेन ट्रांसमिशन के अपने आंशिक स्वामित्व के माध्यम से ब्लेड, जेनरेटर, पैनल, टावर इन-हाउस और गिअरबॉक्स का निर्माण करती है और अपनी सहायक कंपनी आरई पॉवर (REpower) के माध्यम से अत्याधुनिक तकनीक वाले विशाल या अपतटीय टर्बाइन बनाती है। कंपनी, अनुप्रवाह एकीकृत है और परियोजना प्रबंधन और स्थापन परामर्श और संचालन और रखरखाव सेवाओं के माध्यम से वर्तकुंजी परियोजना मुहैय्या कराती है। सुजलॉन एक बहुराष्ट्रीय कंपनी है जिसके कार्यालय, अनुसंधान एवं विकास और प्रौद्योगिकी केंद्र, विनिर्माण सुविधा और सेवा समर्थन केन्द्र दुनिया भर में फैले हैं।

ग्राहकों के लिए ब्लेड का रखरखाव करने के लिए सुजलॉन की जर्मनी, भारत और नीदरलैंड में डिजाइन इकाई और अनुसंधान एवं विकास सुविधाएं हैं। सुजलॉन का अंतरराष्ट्रीय बिक्री कारोबार आरहूस, डेनमार्क से प्रबंधित होता है, जबकि इसका वैश्विक प्रबंधन कार्यालय पुणे, भारत में है।

सुजलॉन और ऑस्ट्रिया की एलिन EBH मोटोरेन GmbH ने, एक संयुक्त उद्यम, सुजलॉन जेनरेटर (प्रा.) लिमिटेड में प्रवेश किया है ताकि स्लिप रिंग जेनरेटर का निर्माण किया जा सके, जिसकी आवश्यकता सुजलोन को महाराष्ट्र के पुणे में स्थित अपनी निर्माण इकाई में विंड टरबाइन जनरेटर (WTGs) के लिए होती है।[५] सुजलॉन ने हान्सेन ट्रांसमिशन, बेल्जियम का अधिग्रहण 2006 में किया। दुनिया की दूसरी प्रमुख गिअरबॉक्स निर्माता कम्पनी के अधिग्रहण से सुजलॉन को विंड गिअरबॉक्स के विनिर्माण और प्रौद्योगिकी के विकास की क्षमता मिल गई, जिससे वह और अधिक कुशल विंड टर्बाइनों का डिजाइन करने के लिए अब एक एकीकृत अनुसंधान एवं विकास दृष्टिकोण अपनाने में सक्षम हो गया है। यह सुजलॉन की आपूर्ति श्रृंखला में एक महत्वपूर्ण अंतराल को भरता है क्योंकि गिअर बॉक्स, WTG मूल्य श्रृंखला में सबसे लंबे समय तक के अग्रणी उत्पादों में से एक है। यह हान्सेन ट्रांसमिशन के पवन और औद्योगिक गिअरबॉक्स व्यवसाय के रूप में लम्बी अवधि के विकास वाहक का सृजन करता है।

सुजलॉन एनर्जी लिमिटेड (SEL), भारत की सबसे बड़ी पवन टरबाइन निर्माता, ने घोषणा की कि उसने भारत में संचयी स्थापनाओं में 5000 MV (मेगावाट) को पार कर लिया है और भारत की तेजी से बढ़ रहे पवन ऊर्जा बाजार को रेखांकित किया है। यह संचयी विद्युत उत्पादन क्षमता वार्षिक रूप से चालीस लाख घरों को प्रकाशित कर सकती है और इस प्रकार भारत के विद्युतीकरण में एक महती भूमिका निभाएगी. सुजलॉन ने 1500 से अधिक ग्राहकों के लिए 5000 मेगावाट पवन बिजली क्षमता को जोड़ा है जो भारत में जो आठ राज्यों में 40 साइटों में फैला है। सुजलॉन देश के पवन ऊर्जा स्थापनाओं में से लगभग आधे का योगदान देता है। तमिलनाडु, महाराष्ट्र और गुजरात के प्रमुख राज्यों में, सुजलॉन के अधिष्ठापन आधार 1000 मेगावाट से अधिक हैं। अग्रणी कंपनियां जैसे बजाज समूह, बिड़ला समूह, MSPL, डीएलएफ, टाटा ग्रुप, रिलायंस समूह, आईटीसी समूह, एल एंड टी, साथ ही साथ सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां जीएसपीएल, एचपीसीएल, भारतीय रेल, राजस्थान माइंस एंड मिनरल्स, जीएसीएल, जीएसपीसी, जीएसएफ़सी, इंडियन ऑयल, ओएनजीसी और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) के अलावा अन्य ने अपने पवन ऊर्जा परियोजनाओं के लिए सुजलॉन को चुना है। सुजलॉन भारत की सबसे बड़ी पवन टरबाइन निर्माता है और भारत में पिछले 12 वर्षों में पवन ऊर्जा बाज़ार में अग्रणी है जहन इसके नाम 50 प्रतिशत की बाजार की हिस्सेदारी है। इस कंपनी के भारत में 9,000 कर्मचारी हैं और देश भर में आठ विनिर्माण सुविधाएं हैं।

इतिहास

सुजलॉन कंपनी की स्थाना 1995 में तुलसी तंती द्वारा की गई जब वे पारिवारिक स्वामित्व वाली कपड़ा कंपनी में काम कर रहे थे। उस वर्ष, भारत का अस्थिर पावर ग्रिड और बिजली की बढ़ती लागत ने कंपनी को होने वाले किसी भी मुनाफे को सोख लिया।[६] कपड़ा कंपनी की ऊर्जा ज़रूरतों को पूरा करने के लिए उन्होंने राजकोट के अपने कुछ मित्रों की सहायता से पवन ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में प्रवेश किया और सुजलॉन एनर्जी की स्थापना की। [७] 2001 में, तंती ने कपड़ा व्यवसाय को बेच दिया, ताकि वे अपने पवन ऊर्जा कारोबार के विकास पर ध्यान केंद्रित कर सके। 2009 में, सुजलॉन अभी भी तुलसी तंती द्वारा सक्रिय रूप से संचालित है, जो अब इसके अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक की भूमिका में हैं।

2003 में, सुजलॉन को अमेरिका में अपनी पहली बिक्री मिली, जिसके तहत उन्हें डैनमार एंड एसोसिएट्स से दक्षिण-पश्चिमी मिनेसोटा में 24 टर्बाइनों की आपूर्ति का आर्डर मिला। [१]

सुजलॉन रोटर कॉर्पोरेशन ने 2006 में संयुक्त राज्य अमेरिका में पाइपस्टोन, मिनेसोटा में ब्लेड का उत्पादन शुरू किया। इसके ग्राहकों में है विंड कैपिटल ग्रुप.[८]

वर्ष 2006 में, विंड टर्बाइन के निर्माण में विशेषज्ञ बेल्जियम फर्म, हान्सेन ट्रांसमिशन के अधिग्रहण के लिए सुजलॉन $565 मीलियन के एक निश्चित समझौते पर पहुंचा। 2007 में, कंपनी ने US$ 1.6 बीलियन में जर्मनी की REpower में एक नियंत्रण हिस्सेदारी खरीदी.

जून 2007 में, सुजलॉन ने अमेरिका के एडीसन मिशन एनर्जी (ईएमई) के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे जिसके तहत उसे 2008 में 2.1 मेगावाट की 150 विंड टर्बाइन की आपूर्ति करनी थी और 2009 में भी उतनी संख्या में आपूर्ति करनी थी। ईएमई के पास यह विकल्प था की वह 2009 में की जाने वाली 150 टर्बाइन की आपूर्ति को खरीदने से मना कर सकता है, जो उसने किया।

नवम्बर 2009 में, कंपनी ने हान्सेन की 35% हिस्सेदारी को नए शेयर पेश करने के माध्यम से बेचने का फैसला किया। उसने इस काम के लिए बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच और मॉर्गन स्टेनले को प्रबंधक और बुक रनर नियुक्त किया।[९]

जनवरी 2011 में, सुजलॉन को लॉर्ड स्वराज पॉल के स्वामित्व वाली कपारो एनर्जी लिमिटेड की भारतीय शाखा से 1000MW की पवन ऊर्जा परियोजनाओं के निर्माण के लिए $1.28 बिलियन मूल्य का आर्डर प्राप्त हुआ।[१०]

विंड पार्क

सुजलॉन विश्व के सबसे बड़े विंड पार्क का संचालन करता है, जो तमिलनाडु के पश्चिमी घाट में 584 मेगावाट का विंड पार्क है। इसके अलावा, कंपनी कभी चलाता क्या महाराष्ट्र के सतारा जिले में कोयना जलाशय के पास एक 201 मेगावाट के विंड पार्क, वन्कुसवाडे विंड पार्क का भी संचालन करती है जो अपने निर्माण काल में एशिया में सबसे बड़ा था।[११]

सुजलॉन, AGL के लिए हैंलेट विंड फ़ार्म पर अपने S88 - 2.1 मेगावाट की विंड टर्बाइन की 45 इकाइयों की स्थापना करेगा जो दक्षिण ऑस्ट्रेलिया में एडीलेड के लगभग 220 किलोमीटर उत्तर में स्थित है।[१२]

इन्हें भी देखें

बाहरी कड़ियाँ

सन्दर्भ

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  1. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  2. "दुनिया के अरबपती, तुलसी तंती #368" स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। फोर्ब्स. 5 मार्च 2008 26 जुलाई 2008 को पुनःप्राप्त.
  3. वेस्टास विंड सिस्टम्स ए/एस मार्केट वेलुएशन मल्टीपल्स स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।, गैर-वित्तीय, 26 दिसम्बर 2009 को प्रयुक्त
  4. http://www.fletcher.tufts.edu/ScalingAlternativeEnergy/Suzlon.pdf स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। केस स्टडी: सुजलॉन
  5. http://www.suzlon.de/seiten/Suzlon_Group.pdf स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। Suzlon Energy Website
  6. पर्यावरण के नायक स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।, टाइम, 17 अक्टूबर 2007, 26 दिसम्बर 2009 को प्राप्त.
  7. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  8. अक्षय ऊर्जा विश्व
  9. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
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