टाटा इस्पात
टाटा इस्पात | |
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रात में टाटा स्टील के जमशेदपुर संयंत्र |
टाटा स्टील (पूर्व में टाटा आयरन ऐंड स्टील कंपनी लिमिटड) अर्थात टिस्को के नाम से जाने जाने वाली यह भारत की प्रमुख इस्पात कंपनी है। जमशेदपुर स्थित इस कारखाने की स्थापना 1907 में की गयी थी। यह दुनिया की पांचवी सबसे बडी इस्पात कंपनी है जिसकी वार्षिक उत्पादन क्षमता २८ मिलियन टन है। यह फार्च्यून ५०० कंपनियों में भी शुमार है जिसमें इसका स्थान ३१५ वां है। कम्पनी का मुख्यालय मुंबई में स्थित है।[१][२] यह बृहतर टाटा समूह की एक अग्रणी कंपनी है। टाटा स्टील भारत की सबसे ज्यादा मुनाफा कमाने वाली नीजि क्षेत्र की दूसरी बडी कंपनी भी है जिसकी सकल वार्षिक आय १,३२,११० करोड रुपये है जिसमें ३१ मार्च २००८ को समाप्त हुए वर्ष में शुद्ध लाभ १२,३५० करोड रुपये दर्ज किया गया था।[३][४]
कंपनी का मुख्य प्लांट जमशेदपुर, झारखंड में स्थित है हलाकि हाल के अधिग्रहणो के बाद इसने बहुराष्ट्रीय कम्पनी का रूप हासिल कर लिया है जिसका काम कई देशों में होता है। वर्ष २००० में इसे दुनिया में सबसे कम लागत में इस्पात बनाने वाली कंपनी का खिताब भी हासिल हुआ। २००५ में इसे दुनिया में सर्वश्रेष्ट इस्पात बनाने का खिताब भी मिला था वर्ल्ड स्टील डायनेमिक्स। कंपनी मुंबई स्टॉक एक्सचेंज के साथ साथ नेशनल स्टाक एक्सचेंज में भी सूचित है एवं वर्ष २००७ के आंकडो के अनुसार इसमें लगभग ८२,७०० कर्मचारी कार्यरत हैं।
टाटा लौह इस्पात मुम्बई, कोलकाता, रेल्वे मागॆ के बहुत निकट स्थित है। सयंत्र को प्रयाप्त जल सुवणॆ रेखा,खार, कोई नदियो से, लोहा नोआमण्ङी और बादाम पहाड से मिल जाता है। कोयला झारिया व रानीगंज, बोकारो से प्राप्त होता है।
240 किलोमीटर दूर कोलकाता बन्दरगाह है, जँहा से मशीनो का आयात एवं इस्पात के निर्यात कि सुविघा रहती है।
यह भारत का पहला कारखाना है जँहा भारत का 20% इस्पात तैयार होता है।