करावली

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
imported>InternetArchiveBot द्वारा परिवर्तित ०८:५२, २४ जुलाई २०२० का अवतरण (Rescuing 1 sources and tagging 0 as dead.) #IABot (v2.0.1)
(अन्तर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अन्तर) | नया अवतरण → (अन्तर)
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ

कन्नड़ क्षेत्र (टुलु:ಕರಾವಳಿ) या करावली क्षेत्र कर्नाटक राज्य के तीन तटीय जिलों, दक्षिण कन्नड़, उडुपी एवं उत्तर कन्नड़ को मिलाकर कहा जाता है। यह कोंकण तटरेखा का दक्षिणी भाग बनाता है। इस क्षेत्र की उत्तर से दक्षिण लंबाई ३०० कि.मी तक और चौड़ाई ३० से ११० कि.मी तक जाती है। क्षेत्र में बहती हवा के साथ झूलते हुए चीड़ के वृक्ष दृश्य होते हैं।

नामकरण

भगवान परशुराम जल के देवता वरुण को आदेश देते हुए कि सागर का जल पीछे हट जाये और कोंकण के लिये स्थान दे।

एक मिथक के अनुसार भगवान विष्णु के अवतार परशुराम ने इस स्थान को सागर में अपना परशु फेंककर उससे खाली करवाया था। सागर उस क्षेत्र तक हट गया जहां उनका परशु गिरा था। इस कारण से इसे परशुराम क्षेत्र भि कहा जाता है।[१] साँचा:coord


इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

साँचा:reflist

बाहरी कड़ियाँ