अमृतराव

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अमृत राव (c. 1770 - 1824) पेशवा रघुनाथराव के दतक पुत्र थे।

पूर्व जीवन

अमृत राव का जन्म १७७० में हुआ। उनको मराठा पेशवा रघुनाथराव नें दतक पुत्र बनाया जिन्होंने १७७५ में ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कम्पनी से सम्बंध स्थापित किये। यद्यपि १७८२ में सालबाई की संधि ने के स्थान पर उनके प्रतिद्वंद्वी माधव राव द्वितीय को पेशवा बना दिया।उसके बाद वर्ष १७८३ में रघुनाथ राव का निधन हो गया और पेशवा के मंत्री नाना फडणवीस ने उनके परिवार को कारावस में रखा। उनकी पत्नी आनंदी बाई, पुत्र बाजी राव द्वितीय और चिमाजी राव द्वितिय तथा दतक पुत्र अमृत राव को १७९३ तक कोपड़गाँव कारावास में रखा। उसके पश्चात् वो वर्ष १७९४ में आनन्दवाली (नासिक में) चले गये, जहाँ वो शिवनेरी दुर्ग में रहे। पेशवा माधव राव द्वितीय के निधन के पश्चात् नाना फडनविस और शक्तिशाली दौलत राव सिंधिया ने अमृत राव के भाइयों पहले चिमाजी और बाद में बाजी राव द्वितीय को नाममात्र के पेशवा बनाया।[१]

सन्दर्भ

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