शांतिसागर
चरित्र चक्रवर्ती आचार्य श्री शांतिसागर जी महाराज | |
---|---|
लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found। आचार्य शांतिसागर | |
धर्म | जैन धर्म |
उपसंप्रदाय | साँचा:br separated entries |
व्यक्तिगत विशिष्ठियाँ | |
जन्म | साँचा:br separated entries |
निधन | साँचा:br separated entries |
शांतचित्त स्थान | साँचा:br separated entries |
जीवनसाथी | लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found। |
बच्चे | लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found। |
पिता | लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found। |
माता | लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found। |
पद तैनाती | |
उत्तराधिकारी | वीरसागर |
स्क्रिप्ट त्रुटि: "check for unknown parameters" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
साँचा:sidebar with collapsible lists
आचार्य शांति सागर महाराज, चरित्र चक्रवर्ती (१८७२-१९५५) २०वीं सदी के एक प्रमुख दिगंबर आचार्य थे। वह कईं सदियों बाद उत्तरी भारत में विचरण करने वालें प्रथम दिगम्बर जैन संत थे।
कालानुक्रमिक रूपरेखा
आचार्य शांति सागर का जन्म वर्ष १८७३ में यालागुडा गाँव (भोज), कर्नाटक में हुआ था। उनकें पिता का नाम भीमगौडा पाटिल और माता का नाम सत्यवती था।[१] नौ वर्ष की आयु में इच्छा के विरुद्ध इनकी शादी कर दी गयी थी। जिनसे शादी करी गयी थी, उनकी ६ माह पश्चात ही मृत्यु हो गयी थी। इसके पश्चात इन्होने कभी शादी नहीं की और आजीवन ब्रह्मचर्य व्रत का पालन किया।[१]
१९१२ में इनकी माता का देहांत हो गया था, जिससे कुछ समय पूर्व पिता का भी हो गया था।[२]
सल्लेखना
आचार्य शांतिसागर जी की सल्लेखना पूर्वक समाधी १८ सितम्बर १९५५ को हुई थी।[३]
सन्दर्भ
- ↑ अ आ Tukol 1976, पृ॰ 98.
- ↑ Desjarlais, Robert R.; Eisenberg, Leon (1995).
- ↑ Tukol 1976, पृ॰ १०४.