जयसेन
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जयसेन बारहवीं सदी के दिगम्बर जैन आचार्य थे, जिन्होंने आचार्य कुन्दकुन्द स्वामी के प्रवचनसार पर एक टीका लिखी थी।[1]
सन्दर्भ
- Jaini, पद्मनाभ एस (1991), लिंग और मोक्ष: जैन पर बहस आध्यात्मिक मुक्ति की महिलाओं, कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के प्रेस, ISBN 0-520-06820-3