सिद्धसेन
नेविगेशन पर जाएँ
खोज पर जाएँ
साँचा:sidebar with collapsible lists सिद्धसेन दिवाकर पाँचवी शताब्दी के प्रसिद्ध जैन आचार्य थे। वे दिवाकर (सूर्य) की भांति जैन धर्म को प्रकाशित करने वाले थे, इसलिये उन्हें 'दिवाकर' कहा गया। कहा जाता है कि उन्होने अनेक ग्रन्थों की रचना की किन्तु वर्तमान समय में उनमें से अधिकांश उपलब्ध नहीं हैं। 'सन्मतितर्क' उनकी तर्कशास्त्र की सर्वश्रेष्ठ रचना है और वर्तमान समय में भी बहुत पढ़ी जाती है। उन्होने 'कल्याणमन्दिरस्तोत्रम्' नामक ग्रन्थ की भी रचना की।