२०१० आईसीसी विश्व ट्वेन्टी २०
२०१० आईसीसी विश्व ट्वेन्टी २० | |||
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चित्र:375px-2010 ICC World Twenty20 Logo.svg.png | |||
दिनांक | ३० अप्रैल – १६ मई[१] | ||
प्रशासक | आईसीसी | ||
क्रिकेट प्रारूप | ट्वेन्टी ट्वेन्टी | ||
मेज़बान | साँचा:flag | ||
विजेता | साँचा:cr (साँचा:ordinal खिताब) | ||
प्रतिभागी | १२ | ||
खेले गए मैच | २७ | ||
मैन ऑफ़ द सीरीज़ | साँचा:flag केविन पीटरसन | ||
सर्वाधिक रन | साँचा:flag महेला जयवर्धने (३०२) | ||
सर्वाधिक विकेट | साँचा:flag डर्क ननस (१४) | ||
जालस्थल | www.icc-cricket.com | ||
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साँचा:navbar |
२०१० आईसीसी विश्व ट्वेन्टी २० आईसीसी विश्व ट्वेन्टी २० तीसरा संस्करण था। जो की वेस्ट इंडीज़ की मेजबानी में खेला गया था। इसकी शुरुआत ३० अप्रैल को हुई थी तथा फाइनल मैच १६ मई को खेला गया था। इस विश्व कप में कुल १२ टीमों ने माग लिया था।[२] फाइनल मैच इंग्लैंड ने जीता था तथा इंग्लैंड के ही केविन पीटरसन को मैन ऑफ़ द टूर्नामेंट घोषित किया गया था।
आईसीसी विश्व ट्वेन्टी २० की शुरुआत २००७ में हुई थी। जिसमें भारत को विजय मिली थी। [२]
मैदान
सभी मैच ३ मैदानों पर खेले गए थे।
ग्रॉस इसलेट , सेंट लूसिया | ब्रिजटाउन , बारबाडोस | प्रोविडेंस गुयाना |
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ब्यूसेजॉर स्टेडियम क्षमता :२०,००० |
केंसिंगटन ओवल क्षमता :२८,००० |
प्रोविडेंस स्टेडियम क्षमता : १५,००० |
ग्रुप
ग्रुप ४ जुलाई २००९ को ही घोषित कर दिए थे। जिसमें चार ग्रुप निम्न : ए , बी ,सी तथा डी था।
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नॉकआउट स्थिति
सेमीफाइनल | फाइनल | ||||||
१३ मई – सेंट लूसिया | |||||||
साँचा:cr | १३२/३ | ||||||
साँचा:cr | १२८/६ | ||||||
१६ मई – बारबाडोस | |||||||
साँचा:cr | १४८/३ | ||||||
साँचा:cr | १४७/६ | ||||||
१४ मई – सेंट लूसिया | |||||||
साँचा:cr | १९७/७ | ||||||
साँचा:cr | १९१/६ |
सेमीफाइनल
साँचा:cr-rt
१२८/६ (२० ओवर) |
बनाम
|
साँचा:cr
१३२/३ (१६ ओवर) |
- श्रीलंका ने टॉस जीता पहले बल्लेबाजी करने का फैसला
साँचा:cr-rt
१९१/६ (२० ओवर) |
बनाम
|
साँचा:cr
१९७/७ (१९.५ ओवर) |
- Australia won the toss and elected to field.
फाइनल
२०१० विश्व कप का फाइनल मैच १६ जनवरी २०१० को बारबाडोस में खेला गया था।[३] जिसमें इंग्लैंड को सात विकेटों से जीत मिली थी। यह इंग्लैंड का विश्व कप था जिसमें जीत मिली हो। [४][५] फाइनल मैच में ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी करने का फैसला लिया तथा छः विकेट खोकर मात्र १४७ रन ही बना सकी। जिसमें डेविड हस्सी उच्च स्कोरर रहे जिन्होंने ५९ रनों की जबरदस्त पारी खेली थी। फिर इंग्लैंड ने बल्लेबाजी करनी शुरू की और १८ गेंदे शेष रहते मैच पर कब्जा कर दिया था। इंग्लैंड की तरफ क्रेग किसवेटर ने ६३ रनों की पारी खेली थी तथा केविन पीटरसन ने ४७ रन बनाए थे। विजयी रन कप्तान पॉल कॉलिंगवुड ने मारा था।[६] केविन पीटरसन को मैन ऑफ़ द टूर्नामेंट घोषित किया गया। जिन्होंने पूरे टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा २४८ रन बनाए थे [७]