हैमिल्टनी यांत्रिकी

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चिरसम्मत यांत्रिकी
<math>\mathbf{F} = m \mathbf{a}</math>
न्यूटन का गति का द्वितीय नियम
इतिहास · समयरेखा
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हैमिल्टनी यांत्रिकी अथवा हेमिल्टोनियन मेकैनिक्स चिरसम्मत यांत्रिकी के पुनःसूत्रीकरण पर आधारित एक विकसित सिद्धान्त है जो चिरसम्मत यांत्रिकी के समान परिणाम देता है। इसमें विभिन्न गणितीय सूत्रों का उपयोग होता है, जो सिद्धांतो को अधिक अमूर्त रूप में समझने में सहायक हैं। ऐतिहासिक रूप से यह चिरसम्मत यांत्रिकी के सूत्रों का पुनःसूत्रीकरण है, जिसने बाद में क्वांटम यान्त्रिकी के सूत्रिकरण में योगदान किया।

विलियम रोवन हेमिल्टन ने १८३३ में लाग्रांजियन यांत्रिकी से आरम्भ करते हुए हैमिल्टनी यांत्रिकी का प्रथम सूत्रीकरण किया। इससे पूर्व १७८८ में जोसेफ लुई लाग्रांज ने चिरसम्मत यांत्रिकी का पुनःसूत्रीकरण प्रस्तुत किया था।

अवलोकन

हैमिल्टनी यांत्रिकी में, चिरसम्मत यांत्रिकी तन्त्र को विहित निर्देशांको <math>\boldsymbol{r}=(\boldsymbol{q},\boldsymbol{p})</math> के एक समुच्चय द्वारा वर्णित किया जाता है, जहाँ निर्देशांक <math>q_i,p_i</math> का प्रत्यक घटक तन्त्र के निर्देश तंत्र द्वारा अनुक्रमित है।

हेमिल्टोनीय समीकरणों में तन्त्र की समय वृद्धि अद्वितीय रूप से परिभाषित की जाती है :[१]

<math>\begin{align} & \frac{d\boldsymbol{p

{dt} = -\frac{\partial \mathcal{H}}{\partial \boldsymbol{q}}\\

& \frac{d\boldsymbol{q}}{dt} = +\frac{\partial \mathcal{H}}{\partial \boldsymbol{p}} \end{align} </math> |cellpadding= 5 |border |border colour = #0073CF |background colour=#F5FFFA}}

जहाँ <math>\mathcal{H}=\mathcal{H}(\boldsymbol{q},\boldsymbol{p},t)</math> हेमिल्टोनियन है जो तन्त्र की सम्पूर्ण ऊर्जा को निरुपित करता है। एक बन्द तन्त्र (निकाय) के लिए, यह तन्त्र की गतिजस्थितिज ऊर्जा के योग के बराबर होता है।

मूल भौतिक स्पष्टीकरण

<math>\mathcal{H} = T + V, \quad T = \frac{p^2}{2m}, \quad V = V(q). </math>

लाग्रांजियन से हेमिल्टोनियन की गणना

व्यापक निर्देशांको <math>q_i</math>, व्यापक वेगों <math>\dot q_i</math> एवं समय के व्यंजको में दिए गये लाग्रांजियन के लिए :

  1. संवेग को (व्यापक) वेगों के सापेक्ष लाग्रांजियन का अवकलन करते हुए प्राप्त किया जाता है : <math>p_i(q_i, \dot q_i, t) = \frac{\partial \mathcal{L}}{\partial {\dot q_i}} \,</math>
  2. वेगों <math>\dot q_i</math> को पिछली समीकरण में समतुल्य कार्य संवेग के साथ करके प्राप्त किया जा सकता है
  3. हेमिल्टोनियन को लिजेन्ड्रे रूपांतरण <math>\mathcal{L}</math>: <math>\mathcal{H} = \sum_i {\dot q_i} \frac{\partial \mathcal{L}}{\partial {\dot q_i}}- \mathcal{L} = \sum_i {\dot q_i} p_i - \mathcal{L} \,.</math> के रूप में <math>\mathcal{H}</math> की सामान्य परिभाषा का उपयोग करते हुए कलित करते हैं। इसके पश्चात वेगो को पूर्व परिणाम का उपयोग करते हुए प्रतिस्थापित किया जाता है
  4. हेमिल्टन समीकरणों को निकाय की गति की समीकरण प्राप्त करने के लिए प्रयोग किया जाता है।

हेमिल्टोनीय समीकरण व्युत्पन

गणितीय सूत्र

सन्दर्भ

  1. Analytical Mechanics (विश्लेषणात्मक यांत्रिकी), L.N. Hand, J.D. Finch, कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय प्रेस, 2008, ISBN 978-0-521-57572-0