बलाघूर्ण

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बल F, बलाघूर्ण τ, रेखीय संवेग p, तथा कोणीय संवेग L में संबन्ध ; ध्यान दें कि यहाँ घूर्णन एक ही तल में सीमित है।

torque

Torque-vectors.svg
'तौलना' वास्तव में दो बलों के आघूर्णों की समानता पर आधारित है।

किसी बल द्वारा किसी वस्तु को किसी अक्ष के परितः घुमाने की प्रवृत्ति (tendency) को बलाघूर्ण (Torque, moment या moment of force) कहते हैं।
पार्श्व चित्र में बल F का बिन्दु O के सापेक्ष बलाघूर्ण M है तो -

<math>\overrightarrow{M_0} = \vec r \times \vec F</math>

जहां r बिन्दु O के सापेक्ष बल F की क्रियारेखा पर स्थित किसी बिन्दु का स्थिति सदिश (position vector) है। मोटे तौर पर बलाघूर्ण का अर्थ किसी वस्तु (बोल्ट या फ्लाईव्हील) पर लगने वाला 'घूर्नन बल' (घुमाने वाला बल) होता है। उदाहरण के लिये जब किसी पाने (रिंच) के हैंडिल को खींचते या धक्का देते हैं तो इससे एक बलाघूर्ण उत्पन्न होता है जो नट या बोल्ट को ढीला करता है या कसता है।

बलाघूर्ण तथा कोणीय संवेग

<math>\boldsymbol{\tau} ={\mathrm{d}\mathbf{L} \over \mathrm{d}t} \,\!</math>

जहाँ,

L कोणीय संवेग <math>\boldsymbol{\tau}</math> बलाघूर्ण है।

कोणीय संवेग को निम्नलिखित प्रकार से परिभाषित करते हैं-

<math>\mathbf{L}=I\,\boldsymbol{\omega} \,\!</math>

जहाँ, <math>\boldsymbol I \,\!</math> जड़त्वाघूर्ण है। अतः

<math>\boldsymbol{\tau}=I{\mathrm{d}\boldsymbol{\omega} \over \mathrm{d}t}=I\boldsymbol{\alpha} \,\!</math>

जहाँ α पिण्ड में बल आघूर्ण के कारण उत्पन्न कोणीय संवेग है।

सन्दर्भ

इन्हें भी देखें

बाहरी कड़ियाँ