अपकेन्द्रिय बल

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गोल घूमते हुए झूले पर बैठे लोग अपकेन्द्री बल के कारण बाहर की ओर चले जाते हैं।
चिरसम्मत यांत्रिकी
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न्यूटन का गति का द्वितीय नियम
इतिहास · समयरेखा
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अपकेन्द्रीय बल ((अंग्रेज़ी):Centrifugal Force) वह बल होता है जिसके कारण किसी गतिशील वस्तु में, केंद्र से दूर भागने की प्रवृत्ति होती है।[१] यह वो आभासी बल होता है जो अभिकेन्द्रीय बल के समान तथा विपरीत दिशा में कार्य करता है। क्रीम सेपरेटर तथा सेंट्रीफ्युगल ड्रायर अपकेन्द्रीय बल के सिद्धांत पर कार्य करते हैं।[२] न्यूटन यांत्रिकी में अपकेन्द्री बल एक जड़त्वीय बल है जो वृत्तीय गति करती हुई वस्तुओं पर गति के पथ के केन्द्र से दूर त्रिज्या की दिशा में लगता हुआ प्रतीत होता है। वास्तव में यह एक कल्पित बल (fictitious force) है, वास्तविक नहीं।

ऐतिहासिक दृष्टि से कभी-कभी अभिकेन्द्री बल की प्रतिक्रिया को अपकेन्द्री बल कहा जाता रहा है।


आज जड़त्व फ्रेम मे न्यूटन के नियमों को लागू करने के लिए कुछ ऐसे बलों की कल्पना करनी होती है। जिन्हें परिवेश में किसी पिंड से संबंधित नहीं किया जा सकता। यह बल छद्म बल या जड़त्व बल कहलाते हैं। अपकेंद्रीय बल एक ऐसा ही जड़त्वीय बल है। इसकी दिशा अपकेंद्री बल के विपरीत दिशा में होती है। कपड़ा सुखाने की मशीन, दूध से मक्खन निकालने की मशीन, आदि अपकेनद्रीय बल के सिद्धांत पर कार्य करते हैं।।

इन्हें भी देखें

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सन्दर्भ

बाहरी कड़ियाँ

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