महमूद द्वितीय
महमूद द्वितीय (साँचा:lang-ota माहमुत-उ सानी, साँचा:lang माह्मुत-उ आदल; साँचा:lang-tr; 20 जुलाई 1785 – 1 जुलाई 1839) उस्मानी साम्राज्य के 30वें सुल्तान थे, 1808 से 1839 में उनकी मौत तक उनका शासनकाल रहा।
उनके शासन व्यापक प्रशासनिक, सैन्य, और वित्तीय सुधार के लिए पहचाना जाता है। इसका मुख्य नतीजा "तंज़ीमात का फ़रमान" था।[१] उनके दौर में 1826 का यनीचरी सेना विघटन हुआ, जिसने उनके और उनके उत्तराधिकारियों के सुधारवादी कार्यों की बाधाओं को दूर किया था। उन्होंने जिन सुधारों को स्थापित किया उनमें राजनीतिक और सामाजिक परिवर्तनों की विशेषता थी, जिसका नतीजा आख़िर में आधुनिक तुर्की गणराज्य की स्थापना था।[२]
अपने घरेलू सुधारों के बावजूद महमूद के दौर में सर्बिया और यूनान में विद्रोह हुआ, और आज़ाद युनान राज्य क़ायम होने के बाद उस्मानी साम्राज्य की क्षेत्रीय अखंडता को भारी नुक़सान पहुँचाया गया।
सन्दर्भ
- ↑ साँचा:cite book
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