महमद चतुर्थ

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सुल्तान महमद चतुर्थ

महमद चतुर्थ (उस्मानी तुर्कीयाई: محمد رابع महमद-इ राबीʿ; आधुनिक तुर्कीयाई: IV. Mehmet; 2 जनवरी 1642 – 6 जनवरी 1693) 1648 से 1687 तक उस्मानी साम्राज्य के सुल्तान रहे। एक तख़्तापलट में उनके पिता सुल्तान इब्राहीम को तख़्त से निकाला गया था और छह साल की उम्र में महमद तख़्त पर आसीन हो गए। महमद उस्मानी इतिहास के दूसरे सबसे लंबे समय तक शासन करने वाले सुल्तान हैं।[१] उनके शासनकाल के शुरुआती दौर में साम्राज्य की स्थिति सैन्य पराजय और राजनीतिक अस्थिरता से चिह्नित थी, लेकिन उनके मध्यवर्ती दौर में काफ़ी सुधार हुए। महमद चतुर्थ एक बहुत धर्मनिष्ठ शासक माने जाते हैं, और उनके लंबे शासनकाल में हुए सैन्य विजयों में उनकी भूमिका हेतु उन्हें ग़ाज़ी या "पवित्र योद्धा" कहा जाता था।[२] उनके दौर में यूरोप में उस्मानी साम्राज्य का क्षेत्रीय विस्तार सबसे बड़ा था। छोटी उम्र से उन्हें शिकारी करने का शौक़ था, इसलिए उन्हें अवज (avcı - "शिकारी करने वाला") कहा जाता था। 1687 में, पवित्र लीग के ख़िलाफ़ चालू युद्ध के दौरान महमद अपने सैनिकों द्वारा तख़्त से उतारा गया था। बाद में वे आदरना (एदिर्ने) में सेवानिवृत्त हो गए, जहाँ 1693 में उनकी मृत्यु प्राकृतिक कारणों से हुई।

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