उस्मान तृतीय
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उस्मान तृतीय (साँचा:lang-ota ‘ओस्मान-इ सालिस; 2/3 जनवरी 1699 – 30 अक्टूबर 1757) उस्मानी साम्राज्य के सुल्तान थे। उस्मान तृतीय ने 1754 से 1757 तक हुकूमत की।[४]
शुरूआती ज़िन्दगी
उस्मान तृतीय 2 जनवरी 1699 को अदरना महल में पैदा हुए। वह महमूद प्रथम के छोटे भाई और मुस्तफ़ा द्वितीय के बेटे थे और उनकी माँ शहसवार सुल्तान थीं। उन्होंने लैला नाम की क़ादन (शाही औरत) से शादी की।
शिक्षा
सुल्तान उसमान ने मामूली दर्जे की शिक्षा पाई। इसको शतरंज खेलने का शौक़ था।
शासन
सुल्तान उस्मान तृतीय ने सबसे पहले सुल्तान अहमद तृतीय के तीनों बेटों को क़तल करवा दिया ताकि बग़ावत का अंदेशा न रहे। उसने इंतिहाई अल्पकालिक अरसे की हुकूमत की। इस अरसे में वह सुल्तान महमूद प्रथम के सियासी उसूलों का पाबंद रहा।
- सुल्तान अहमद तृतीय ने अपने दौर में हर मज़हब की बिरादरी के लिए विभिन्न लिबास पहने की आज्ञा दी और औरतों के लिए परदा पहने के आदेश जारी किए।
- 1754 में हफ़तसाला की जंग शुरू हुई जिसने पश्चिमी हुकूमतों को दो अलग श्रेणियों में बाँटकर सात साल तक मध्य-पूर्व को जंग का मैदान बनाए रखा। लेकिन उस्मान ने इस से कोई फ़ायदा हासिल न किया और अपने उसूलों पर क़ायम रहा। इसलिए उसकी हमसाया हुकूमतों से कोई जंग नहीं हुई।
- साम्राज्य के अंदरूनी प्रबंधन का सिलसिला इसी तरह चलता रहा जो उस के पूर्वाधिकारियों के दौर में था।
मौत
उस्मान तृतीय ने 58 साल की उम्र में 30 अक्तूबर 1757 को तोपकापी महल, क़ुस्तुंतुनिया में मौत पाई।