महमद प्रथम
महमद प्रथम (1381 – 26 मई 1421), महमद चलबी (साँचा:lang-ota, "महान-जन्मे"), किरिश्जी (Kirişci यूनानी "किर्त्ज़ेस"/Kyrtzes से, मतलब: "जवान श्रीमन्त"),साँचा:sfn उस्मानिया साम्राज्य के सुल्तान और दूसरे संस्थापक थे। वे बायज़ीद प्रथम और दौलत ख़ातून के पुत्र थे।
अंकरे के युद्ध में बायज़ीद यिल्दरम की अमीर तैमूर के हाथों पराजय और उस्मानिया साम्राज्य के टुकड़ों में विभाजित होने के बाद महमद प्रथम ने अदरना (आद्रियानोपल) में तख़्त संभाला और राजधानी बुर्सा से अदरना स्थानांतरित करके साम्राज्य को समाप्त होने से बचाया और विद्रोहों को ख़त्म करने के साथ-साथ अल्बानिया समेत कई इलाक़ों पर विजय हासिल करके अपने साम्राज्य में सम्मिलित किए।
महमद प्रथम की उम्र निधन के वक़्त केवल 40 साल थी और उन्होंने सिर्फ़ 8 साल तक शासन किया। उनके मज़ार बुर्सा की हरी मस्जिद में स्थित है।