मध्यप्रदेश राज्य कृषि उद्योग विकास निगम
मध्य प्रदेश राज्य कृषि उद्योग विकास निगम की स्थापना भारत सरकार एवं मध्य प्रदेश राज्य सरकार की सांझेदारी २१ मार्च १९६९ को कंपनी अधिनियम के अंतर्गत स्थापना हुई। निगम के मुख्य उद्देश्य राज्य में कृषि उत्पादन में वृद्धि हेतु आधुनिक तकनीक उपलब्ध कराना, सहायक एवं संपूरक खाद्यान्न की उपलब्धता की वृद्धि में योगदान देना एवं कृषि आधारित उद्योगों का विकास करना हैं।[१] इनकी मुख्य गतिविधियां रासायनिक उर्वरक, यंत्रीकृत कृषि में ट्रेक्टर, पॉवर टिलर, पंपसेट, कृषि उपकरण, स्प्रिंकलर एवं टपक सिंचाई यंत्र, पौध संरक्षण, तौल-कांटे, प्रीक्लीनर डिस्टोनर, टूलकिट, हाइब्रिड एवं टिश्यू कल्चर से उत्पादित बीज एवं पौधों का विपणन करना हैं। इनके अलावा उन्नत कृषि उपकरण, ट्रेलर, टेंकर, का निर्माण एवं प्रदाय कराते हैं, डोजर, जेसीबी आदि की किराये पर सेवायें उपलब्ध कराते हैं, महिला एवं बाल विकास विभाग को पोषण आहार उपलब्ध कराने के साथ साथ ही जीवाणु खाद, जैविक खाद, कीटनाशक, बीजोपचार औषधियों का उत्पादन तथा विपणन तथा बायोगैस संयंत्रों की स्थापना[१] में भी योगदान देते तथा सहायता करते हैं।
मध्य प्रदेश राज्य शासन एवं केन्द्र सरकार द्वारा निगम को कृषि आधारित उद्योगों की स्थापना को बढ़ावा देने हेतु नोडल एजेन्सी नामांकित किया गया है। प्रदेश शासन द्वारा प्रदेश में उपलब्ध गैर वन पड़त भूमि के उपयोग की नीति के क्रियान्यवन हेतु निगम को नोडल एजेंसी नामांकित किया गया है। निगम के द्वारा मध्यप्रदेश स्माल फारमर्स एग्री बिजनेस र्कन्सोटियम का कार्य प्रारंभ किया गया है।
प्रशासकीय ढांचा
निगम का मुख्यालय भोपाल में है, इसके अंतर्गत निम्न कार्यालय हैं:
क्षेत्रीय कार्यालय
- भोपाल-होशंगाबाद,
- सागर,
- इन्दौर,
- उज्जैन,
- जबलपुर,
- ग्वालियर,
- सतना (रीवा)
जिला कार्यालय
मध्यप्रदेश के सभी जिला मुख्यालय में स्थापित हैं।
प्रसार
कृषि प्रक्षेत्र : ३२९९ एकड़ (यांत्रिकी कृषि प्रक्षेत्र, बाबई) होशंगाबाद जिला[१] निगम की उत्पादन इकाईयां बाड़ी, रायसेन जिला तथा बायोफटिर्लाइजर संयंत्र भोपाल, जैविक खाद संयंत्र भोपाल/ग्वालियर में स्थित हैं।
सन्दर्भ
- ↑ अ आ इ जन सम्पर्क विभाग स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।, मध्य प्रदेश। आधिकारिक जालस्थल