तीन मूर्ति भवन
तीन मूर्ति भवन | |
---|---|
पूर्व-प्रधान-मंत्री आवास, भारत | |
![]() भारत के प्रथम प्रधान मंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु का आवास | |
पूर्व नाम | फ़्लैग-स्टाफ़ हाउस |
सामान्य विवरण | |
वास्तुकला शैली | ऑस्ट्योर क्लासिक स्टाइल |
स्थान | तीन मूर्ति मार्ग, |
पता | नई दिल्ली, भारत |
शहर | साँचा:ifempty |
निर्देशांक | स्क्रिप्ट त्रुटि: "geobox coor" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। |
निर्माण सम्पन्न | १९३० |
शुरुआत | साँचा:ifempty |
पुनर्निर्माण | १९४८ |
ध्वस्त किया गया | साँचा:ifempty |
स्वामित्व | भारत सरकार |
प्राविधिक विवरण | |
गृहमूल | २ |
योजना एवं निर्माण | |
वास्तुकार | रॉबर्ट टोर रसल |
तीन मूर्ति भवन में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पं.जवाहर लाल नेहरू का आवास था। उनके बाद में उनकी स्मृति में इसे संग्रहालय के रूप में बदल दिया गया है। उनके जीवन की झलक आज भी यहाँ उनके छाया-चित्रों में देखी जा सकती है। सीढ़ीनुमा गुलाब उद्यान एवं एक दूरबीन यहां के प्रमुख आकर्षण हैं। इसी गुलाब उद्यान से नेहरु जी अपनी शेरवानी का गुलाब चुना करते थे।[१] यहाँ हर शाम ध्वनि एवं प्रकाश कार्यक्रम का आयोजन भी होता है ट्रिस्ट विद डेस्टिनी जिसमें उनके जीवन और स्वतंत्रता के इतिहास के बारे में बताया जाता है।[२][३] नेहरु जी के जीवन से संबंधित बहुत सी वस्तुएं यहां संरक्षित रखी हुई हैं। इतिहास के साक्षी बहुत से समाचार पत्र, जिनमें ऐतिहासिक समाचार छपे हैं, उनकी प्रतियां, या छायाचित्र भी यहां सुरक्षित हैं। इन सबके साथ ही पंडित नेहरू को मिला भारत रत्न भी प्रदर्शन के लिए रखा हुआ है।
विवरण
भवन एक चौराहे से लगा हुआ बना है, जहाँ तीन मूर्ति मार्ग, साउथ एवेन्यु मार्ग एवं मदर टेरेसा क्रीज़ेन्ट मार्ग मिलते हैं। इस चौराहे के मध्य में गोल चक्कर के बीचों बीच एक स्तंभ के किनारे तीन दिशाओं में मुंह किये हुए तीन सैनिकों की मूर्तियाँ लगी हुई हैं। ये द्वितीय विश्व युद्ध में काम आये सैनिकों का स्मारक है। इस स्मारक के ऊपर ही भवन का नाम तीन मूर्ति भवन पड़ गया है। पहले ये मूल भवन भारत में ब्रिटिश सेना के कमांडर-इन-चीफ़ का आवास हुआ करता था, जिसे फ़्लैग-स्टाफ़ हाउस कहते थे। यह ऑस्ट्योर क्लासिक शैली में निर्मित है। इस शैली का दूसरा भवन दिल्ली स्थित हैदराबाद हाउस है।[१] भवन परिसर में ही पश्चिमी ओर फ़ीरोज़ शाह तुगलक निर्मित कुशक महल संरक्षित स्मारक है। पंडित जी की मृत्यु उपरांत १९६४ में इसे उनका स्मारक बना दिया गया है।
तीन मूर्ति भवन के परिसर में ही नेहरू तारामंडल बना है। यहां ब्रह्मांड, तारों, सितारों और खगोलीय घटनाओं को वैज्ञानिक तकनीक से एक अर्ध-गोलाकार छत रूपी पर्दे पर देखा जा सकता है। भारत के अन्य शहरों के तारामंडलों की अपेक्षा इस तारामंडल में बहुत ज्यादा सुविधाएं नहीं हैं तो भी वह लोगों को इस रहस्यमय दुनिया की झलक दिखाता है। नेहरू तारामंडल की कल्पना एवं योजना पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने बनायी थी। वे चाहती थीं कि बच्चों में विज्ञान को बढ़ावा दिया जाए। तारामंडल बनने से पहले यहां एक टेनिस कोर्ट हुआ करता था, जहां कभी पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और उनके भाई संजय गांधी अपनी किशोरावस्था में टेनिस खेला करते थे। तारामंडल की इमारत पत्थरों से बनी है जो पास ही बनी दूसरी ऐतिहासिक रचनाओं जैसी मुगलकालीन बनावट से एकरूपता रखती है।[४]
चित्रदीर्घा
पंडित नेहरु को मिला भारत रत्न
इन्हें भी देखें
- ७, लोक कल्याण मार्ग (पूर्वतः ७ रेस कोर्स रोड)
- राजघाट
- इंदिरा गांधी की हत्या
- एयर इंडिया वन
सन्दर्भ
- ↑ इस तक ऊपर जायें: अ आ नेहरु मेमोरियल म्यूज़ियम स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। इंडिया साइट, अभिगमन तिथि ८ अगस्त, २००९
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ ये है दुनिया के दिलों पर राज करने वाली दिल्लीसाँचा:category handlerसाँचा:main otherसाँचा:main other[dead link] अपनी यात्रा पर, अभिगमन तिथि ८ अगस्त, २००९
- ↑ नेहरू तारामंडल देखने की खुशी स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। नवभारत टाइम्स, १४ मई, २००८, अभिगमन तिथि: ८ अगस्त, २००९