राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय, दिल्ली
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राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय, या नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट नई दिल्ली में इंडिया गेट के पास स्थित है। इसकी आवश्यकता सन 1949 में कोलकाता के कला-सम्मेलन में महसूस की गई, जिसके परिणामस्वरूप 29 मार्च,1954 में इसकी स्थापना जयपुर हाउस में, की गई। यह कला दीर्घा भारत में अपने आप में ऐसा अद्भुत संग्रहालय है, जिसमें सोलह हज़ार से भि अधिक कलाकृतियों का संग्रह है, तथा इसमें लगातार वृद्धि हो रही है। यह संग्रहालय संस्कृति मंत्रालय द्वारा अधीनस्थ संस्था रूप में प्रशासित एवं संचालित है। इस संग्रहालय की दो और शाखाएं हैं: -एक मुंबई में व –एक बंगलौर में। देश का यह संग्रहालय पिछले 150 वर्षों की सांस्कृतिक व समकालीन ललितकला का भंडार समेटे हुए है। इसमें सन 1857 से आरंभ करते हुए दृश्य एवं शिल्पकला को समय के साथ बदलते हुए स्वरूपों में दर्शकों के समक्ष प्रस्तुत किया गया है।
लक्ष्य एवं उद्देश्य
राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय के प्रमुख लक्ष्य एवं उद्देश्य हैं:
- 1850 से अब तक की आधुनिक कलाकृतियों को प्राप्त कर उनका परिरक्षण करना;
- स्थायी प्रदर्शनी हेतु गैलरी का विकास एवं संपोषण करना;
- विशिष्ट प्रदर्शनियों को अपने संग्रहालय के अतिरिक्त देश एवं विदेश में आयोजित करना;
- आधुनिक कलाकृतियों से संबंधित प्रलेखों को प्राप्त एवं अनुरक्षण करके शिक्षा व प्रलेखीकरण केन्द्र का विकास करना;
- पुस्तकों, पत्र-पत्रिकाओं, छायाचित्रों एवं दृश्य-श्रव्य सामग्रियों हेतु एक विशिष्ट पुस्तकालय का विकास करना।
- कला-इतिहास, कला-समीक्षा, कला-प्रोत्साहन, संग्रह विज्ञान तथा दृश्य एवं अभिनीत कलाओं को प्रोत्साहन देने हेतु, व्याख्यानों, गोष्ठियों, सम्मेलनों एवं कार्यशालाओं का आयोजन करना।
संग्रह
राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय के संग्रह में प्रमुख रूप से भारतीय व कुछ हद तक अन्तर्राष्ट्रीय कलाकारों की कलाकृतियां शामिल हैं। भारतीय आधुनिक कला के ऐतिहासिक विकास को महत्व देते हुए यहां का संग्रह पंजाब, पटना, लखनऊ, मैसूर और तंजौर जैसी विभिन्न शैलियों तथा उन्नीसवीं शताब्दी की कुछ विशिष्ट शैलियों, लघुचित्रों, राजा रविवर्मा की कलाकृतियों व शैक्षिक यथार्थवाद, बंगाल शैली तथा अन्तर्राष्ट्रीय आधुनिक कला पर केन्द्रित है।
संग्रह में जैकब एपस्टीन, ज्यॉर्जियो द किरिको, सोनिया डिलौने, ए तपिए, रॉबर्ट राउजवर्ग, से.डुक ली, डि.सी. दाजा, पीटर लुबार्दा, कोज़ो मियो, जॉर्ज कीट, तथा फ़्रड थीलर जैसे अन्तर्राष्ट्रीय कलाकारों के मूर्तिशिल्प तथा ग्राफ़िक्स भी शामिल हैं।
यहां का संग्रह थॉमस डैनियल, अवनीन्द्रनाथ टैगोर, रविंद्र नाथ टैगोर, गगनेंद्र नाथ टैगोर, नंदलाल बोस, यामिनी रॉय, अमृता शेरगिल के साथ साथ देश के अन्य प्रमुख समकालीन कलाकारों के कार्यों का भली-भांति निरुपण करता है। मूर्ति-शिल्पों का प्रदर्शन संग्रहालय से सटे हुए लॉन में किया गया है। इसे शिल्प उद्यान के रूप में जाना जाता है। कलाकृतियों का अधिग्रहण क्रय, उपहारस्वरूप तथा स्थायी ऋण के द्वारा समृद्ध किया गया है।
शैक्षिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम
शैक्षिक दायित्व राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय की सर्वोच्च प्राथमिकता है। संस्थान की सफलता के लिए इस पर पूर्ण रूप से विचार किया गया है, कि यह संग्रहालय विद्यार्थियों सहित सामान्य दर्शकों को शिक्षित करने के साथ-साथ विशिष्ट एवं कला-कार्य में साधनारत कलाकारों की कला संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति भी कर सके। इसके लिए अनिवार्य रूप से निम्नलिखित कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं:
- विभिन्न विद्यालयों से विद्यार्थियों के संग्रहालय भ्रमण की व्यवस्था करना।
- सामान्य दर्शकों में कला के प्रति रुचि जागृत करने हेतु सार्वजनिक दौरे करना व अन्य कार्यक्रमों का आयोजन करना।
- कलाकारों को प्रलेखन सुविधाओं, शैक्षिक प्रदर्शनियों व कार्यक्रमों द्वारा सेवा प्रदान करना।
- व्यावसायिक व विशिष्ट कलाकारों के विशेष अध्ययन हेतु व्याख्यानों व गोष्ठियों का आयोजन करना।
इन शैक्षिक कार्यक्रमों का उद्देश्य प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से व्यक्तिगत एवं सृजनात्मक योग्यताओं का विकास करना व क्षमताओं को बढ़ावा देना है। कला-मूल्यांकन, कला-समीक्षा व कला –इतिहास पर प्रारंभिक व विशेष अध्ययन के लिए व्याख्यान आयोजित किए जाते हैं, तथा उन्हें दृश्यों व श्रव्य माध्यमों से जोड़ा जाता है। जनसाधारण को दृश्य एवं अभिनय कला के अन्तर्संबंधों को बुनियादी रूप से समझाने हेतु फिल्म –शो और टेप –रिकॉर्डॆड संगीत की भी व्यवस्था है।
राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय का प्रमुख दायित्व ललित कला के क्षेत्र में गुणवत्ता और उत्कृष्टता का निर्धारण कर उसके संपोषण करना, तथा श्रेष्ठता की मान्यताएं निर्धारित कर उसे कायम रखना है। सौंदर्य परख और शैक्षिक प्रयोजनों को राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय के लक्ष्यों एवं उद्देश्यों में ना केवल परिभाषित किया गया है, अपितु सतत प्रयास भि किए जा रहे हैं, जिससे ये विशिष्टताएं संस्थान में अन्तर्निहित होकर व्याप्त हो सकें। इन सबसे अधिक राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालयकलाकृतियों को अति प्रसन्नचित्त एवं आनंदित होकर दर्शकों के दैनिक जीवन के साथ जोड़कर देखने में उनकी सहायता करता है, जिससे वे मानवीय मनोभावों की विशिष्टताओं का साक्षात रसास्वादन कर सकें।
अन्य सूचना
- प्रवेश शुल्क:-
- प्रत्येक भारतीय नागरिक रु० 10/-
- प्रत्येक विदेशी नागरिक रु० 150/-
- प्रत्येक विद्यार्थी रु० 1/-
- संग्रहालय निदेशक
- प्रो॰ राजीव लोचन
- समय
- प्रातः 10:00 बजे से
- सांय: 05:00 बजे तक
- अवकाश
- साप्ताहिक: सोमवार
- राष्ट्रीय अवकाश
- संपर्क
- दूरभाष: +91-11-23384560, 23386111, 23386208
- ईपीबी ए एक्स
- 23384640, 23382835
- ई –मेल :ngma@del3.vsnl.net.in
- वेबसाइट
- www.ngmaindia.gov.in
शाखाएं
इस संग्रहालय की भारत में दो शाखाएं और हैं, जो मुंबई एवं बेंगलुरु में हैं।
- मुंबई शाखा:
सर कोवासजी जहांगीर पब्लिक हॉल, महात्मा गाँधी मार्ग, फ़ोर्ट, मुंबई -400 032 दूरभाष: +91-22-22881969, 22852457 ई –मेल: ngma_mumbai@vsnl.net.in
- बेंगलुरु शाखा:
मणिक्यवेलु मैन्शन, 49, पैलेस रोड, बेंगलुरु – 560 052 टेलीफैक्स: +91-80-22201027
दीर्घा
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