तारापुर, बिहार
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निर्देशांक: साँचा:coord | |
देश | साँचा:flag/core |
प्रान्त | बिहार |
ज़िला | मुंगेर ज़िला |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | ७,४५० |
• घनत्व | साँचा:infobox settlement/densdisp |
भाषा | |
• प्रचलित | हिन्दी, अंगिका |
तारापुर (Tarapur) भारत के बिहार राज्य के मुंगेर ज़िले में स्थित एक नगर है। तारापुर इसी नाम के अनुमंडल और प्रखंड का मुख्यालय भी है।[१][२]
1932 का नरसंहार
तारापुर 15 फरवरी 1932 को हुए भीषण नरसंहार के लिये प्रसिद्ध है।[३]
तारापुर शहीद दिवस प्रत्येक वर्ष 15 फरवरी को मनाया जाता है जिसमें 15 फरवरी 1932 को बिहार राज्य के मुंगेर के तारापुर गोलीकांड में शहीदों को श्रंद्धाजलि दी जाती है। आजादी के बाद से हर साल 15 फरवरी को तारापुर दिवस मनाया जाता है। [४]
15 फरवरी की दोपहर में क्रांतिवीरों का जत्था निकला, लोग घरों से बाहर आने लगे, तारापुर थाना भवन के पास भीड़ जमा हो गयी। धावक दल तिरंगा हाथों में लिए बेख़ौफ़ बढते जा रहे थे और उनका मनोबल बढ़ाने के लिए जनता खड़ी होकर भारतमाता की जय, वंदे मातरम् आदि का जयघोष कर रही थी । मौके पर थाना में कलेक्टर ई. ओ. ली व एसपी डब्लू. एस. मैग्रेथ ने निहत्थे स्वतंत्रता सेनानियों पर अंधाधुंध गोलियां चलवा दी थी. आजादी के दीवाने नौजवान वहां से हिले नहीं और सीने पर गोलियां खायीं। इसी बीच धावक दल के मदन गोपाल सिंह, त्रिपुरारी सिंह, महावीर सिंह, कार्तिक मंडल, परमानन्द झा ने तिरंगा फहरा दिया। अंग्रेजी हुकूमत की इस बर्बर कार्रवाई में 34 स्वतंत्रता प्रेमी शहीद हो गये थे. इनमें से 13 की तो पहचान हुई बाकी 21 अज्ञात ही रह गये थे. आनन—फानन में अंग्रेजों ने कायरतापूर्वक वीरगति को प्राप्त कई सेनानियों के शवों को वाहन में लदवाकर सुल्तानगंज भिजवाकर गंगा में बहवा दिया था।
जिन 13 वीर सपूतों की पहचान हो पाई उनमें विश्वनाथ सिंह (छत्रहार), महिपाल सिंह (रामचुआ), शीतल चमार (असरगंज), सुकुल सोनार (तारापुर), संता पासी (तारापुर), झोंटी झा (सतखरिया), सिंहेश्वर राजहंस (बिहमा), बदरी मंडल (धनपुरा), वसंत धानुक (लौढिया), रामेश्वर मंडल (पढवारा), गैबी सिंह (महेशपुर), अशर्फी मंडल (कष्टीकरी) तथा चंडी महतो (चोरगाँव गाँव, असरगंज (मुंगेर)) शामिल थे. इस घटना ने अप्रैल 1919 को अमृतसर के जलियांवाला बाग गोलीकांड की बर्बरता की याद ताजा कर दी थी। विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला कांवर यात्रा तारापुर अनुमण्डल क्षेत्र के असरगंज ,धोबय,गोगाचक, तारापुर,मोहनगंज,बिहमा व संग्रामपुर प्रखंड से गुजरती है।प्रसिद्ध योगाचार्य ब्रजेश मिश्र की जन्मभूमि का गौरव तारापुर की भूमि को हासिल है।
लोग
- चित्रकार नन्दलाल बोस का जन्म तारापुर में हुआ।
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ "Bihar Tourism: Retrospect and Prospect," Udai Prakash Sinha and Swargesh Kumar, Concept Publishing Company, 2012, ISBN 9788180697999
- ↑ "Revenue Administration in India: A Case Study of Bihar," G. P. Singh, Mittal Publications, 1993, ISBN 9788170993810
- ↑ साँचा:cite webसाँचा:category handlerसाँचा:main otherसाँचा:main other[dead link]
- ↑ भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का सबसे बड़ा बलिदान था “15 फरवरी 1932 का तारापुर शहीद दिवस”