मुंगेर

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Munger
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मुंगेर दुर्ग
मुंगेर दुर्ग
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प्रान्तबिहार
ज़िलामुंगेर ज़िला
जनसंख्या (2011)
 • कुल२,१३,३०३
 • घनत्वसाँचा:infobox settlement/densdisp
भाषा
 • प्रचलितहिन्दी, अंग्रेजी, अंगिका
पिनकोड811201 से 811214 ,
दूरभाष कोड+91-6344
वाहन पंजीकरणBR-08
वेबसाइटmunger.nic.in

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मुंगेर रेलवे स्टेशन

मुंगेर (Munger) भारत के बिहार राज्य के मुंगेर ज़िले में स्थित एक नगर है। यह गंगा नदी के किनारे बसा हुआ है, तथा मुंगेर ज़िले का और मुंगेर विभाग का मुख्यालय भी है। यह जनसंख्या के हिसाब से बिहार का 11वाँ सबसे बड़ा शहर है। यह जमालपुर से 8 किमी दूर है और मुंगेर-जमालपुर वास्तव में एक ही जुड़वा-नगर क्षेत्र के भाग हैं।[१][२]

अवस्थिति

मुंगेर २५.२३ अक्षांश एवं ८६.२६ देशांतर पर अवस्थित है। यह भागलपुर के पश्चिम में 55 किमी और राजधानी पटना से 180 किमी पूर्व में स्थित है।

इतिहास

महाभारत काल का 'मुद्गलपुरी' , ९वीं - १२वीं सदी मुद्गलगिरी के नाम से जाना जाता है। आइन ए अकबरी मे झ्से 'मुंग गिरी' कहा गया है। [३]मुंगेर बंगाल के अंतिम नवाब मीर कासिम की राजधानी भी था। यहीं पर मीरकासिम ने गंगा नदी के किनारे एक भव्‍य किले का निर्माण कराया जो 1934 में आए भीषण भूकम्प से क्षतिग्रस्‍त हो गया था, लेकिन इसका अवशेष अभी भी शेष है। (इस किले के संबंध में कहा जाता है कि यह महाभारत काल का ही है) यहीं पर स्थित कष्‍टहरिणी घाट हिन्‍दू धर्मावलंबियों के लिए पवित्र माना जाता है। प्रचलित किंवदंतियों के अनुसार गंगा नदी के घाट पर स्‍नान करने से एक व्‍यक्ति का सभी कष्‍ट दूर हो गया था, उसी वक्‍त से इस घाट को कष्‍टहरिणी घाट' के नाम से जाना जाता है। इस पवित्र घाट के समीप ही नदी के बीच में माता सीताचरण का मंदिर स्थित है। यहां जाने के लिए नावों का सहारा लिया जाता है।

पर्यटन

मां चंडी का स्थान ऐतिहासिक शक्तिपीठ, [१] गंगाआरती

मुंगेर का किला

मुंगेर का किला ऐतिहासिक धरोहरों के लिए जाना जाता है। बंगाल के अंतिम नवाब मीरकासिम का प्रसिद्ध किला यहीं पर स्थित है। यह किला गंगा नदी के किनारे बना हुआ है। नदी इस किले को पश्चिम और आंशिक रूप से उत्‍तर दिशा से सुरक्षित करता है। इस किला में चार द्वार हैं, जिसमें उत्‍तरी द्वार को लाल दरवाजा के नाम से जाना जाता है। यह विशाल दरवाजा नक्‍काशीदार पत्‍थरों से हिन्‍दू और बौद्ध शैली में बना हुआ है। किले में स्थित गुप्‍त सुरंग पर्यटकों के लिए मुख्‍य आकर्षण का केंद्र है। 1934 में आए भीषण भूकंप से इस सुरंग को काफी क्षति पहुंचा है।

मकबरा

  • पीर शाह नूफा का गुंबद- पीर शाह नूफा का गुंबद किला के दक्षिणी द्वार के सामने एक टीले पर स्थित है। यह जगह बुद्धिष्‍ठ ढ़ांचे की अंतिम निशानी से भी पर्यटकों को रूबरू कराता है। इस गुंबद में एक बड़ा सा प्रार्थना कक्ष है जिससे एक कमरा भी जुड़ा हुआ है। गुंबद के अंदर नक्‍काशी किया हुआ कुछ पत्‍थर भी देखने को मिलता है। यह गुंबद हिंदू और मुस्लिम दोनों संप्रदायों के लिए समान रूप से पूज्‍यनीय है। इसके अलावा मुल्‍ला मोहम्‍मद सईद का मकबरा
  • शाह शुजा का महल - शाह शुजा का महल मुंगेर के खूबसूरत स्‍थानों में से एक है। आजकल इसको एक जेल के रूप में परिवर्तित कर दिया गया है। जेलर के ऑफिस के पश्चिम में तुर्की शैली में बना (खुले छत) एक बड़ा सा स्‍नानागार है। महल के बाहर एक बड़ा सा कुंआ है जो एक गेट के माध्‍यम से गंगा नदी से जुड़ा हुआ है। हालांकि अब इसको ढ़ंक दिया गया है, अन्‍यथा पर्यटकों के लिए यह काफी दिलचस्‍प था।

सीता कुंड

मुंगेर से 6 कि॰मी॰ पूर्व में स्थित सीता कुंड मुंगेर आनेवाले पर्यटकों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र है। इस कुंड का नाम पुरुषोत्‍तम राम की धर्मपत्‍नी सीता के नाम पर रखा गया है। कहा जाता है कि जब राम सीता को रावण के चंगुल से छुड़ाकर लाए थे तो उनको अपनी पवित्रता साबित करने के लिए अग्नि परीक्षा देनी पड़ी थी। धर्मशास्‍त्रों के अनुसार अग्नि परीक्षा के बाद सीता माता ने जिस कुंड में स्‍नान किया था यह वही कुंड है। इस कुंड को बिहार राज्‍य पर्यटन मंत्रालय ने एक पर्यटक स्‍थल के रूप में विकसित किया है। इसके पास ही एक डैम का निर्माण भी कराया गया है। यहां खासकर माघ मास के पूर्णिमा (फरवरी) में स्‍नान करने के लिए भारी संख्‍या में श्रद्धालु आते हैं। इस कुंड का पानी कभी-कभी 138° फॉरेनहाइट तक गर्म हो जाता है।

ऋषिकुंड

खड़गपुर की पहाडि़यों पर स्थित यह तीर्थस्‍थल काफी मशहूर है। यह मुंगेर से २३कि॰मी॰ दक्षिण-पुर्व में लौवागढ़ी-पाटम-लोहची पथ में पहाड़पुर वनवर्षा के समीप स्थित है। इस स्‍थान का नाम प्रसिद्ध ऋषि श्रृंग के नाम पर रखा गया है। यहां मलमास के शुभ अवसर पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटती है। पर्यटकों के बीच यहां का गर्म झरना आकर्षण के केंद्र बिंदू में रहता है। ठंड के मौसम में इस झरने का पानी हल्‍का गर्म हो जाता है जिसमें स्‍नान करने के लिए दूर दराज से पर्यटक आते हैं। यहीं पर एक डैम का निर्माण भी किया गया है जो इसकी खूबसूरती में चार चांद लगाता है। यहां स्थित कुंड जिसको लोग ऋषिकुंड के नाम से जानते हैं, के बारे में कहा जाता है कि व्‍यक्ति चाहे लंबा हो या छोटा पानी उसके कमर के आसपास तक ही होता है। यहीं भगवान शिव को समर्पित एक बहुत प्राचीन मंदिर है जो भक्‍तों के बीच काफी लोकप्रिय है।

इसके अलावा खड़गपुर झील, रामेश्‍वर कुंड, पीर पहाड़, हा-हा पंच कुमारी, उरेन, बहादूरीया-भूर, भीमबांध आदि-आदि भी देखने लायक जगह है।

• काली पहाड़

काली पहाड़ी एक प्रसिद्ध चोटी है जिसका निर्माण देवी काली की पूजा करने के लिए किया गया था। किवदंती के अनुसार यह पहाड़ी दिव्य शक्ति का प्रतीक है। यह पिकनिक के लिए भी अच्छा स्थान है।

भगवती अस्थान (सफियाबाद, गौरीपुर)

भगवती अस्थान एक प्रसिद्ध दिव्य अस्थल है जो सफियाबाद से १ किलोमीटर दूर गौरीपुर गांव में स्थित है यहां एक विशाल पीपल का वृक्ष है माना जाता है की यहां पर सभी देवी वास करते हैं और यहीं पर सर्वप्रथम बड़ी दुर्गा की मूर्ति बैठाया गया था जो आज मुंगेर के शादी पुर में बैठाया जाता है।

आवागमन

हवाई मार्ग

मुंगेर आने के लिए हवाई अड्डा - Munger Airport unused- राजधानी पटना में स्थित जयप्रकाश अंतर्राष्‍ट्रीय हवाई अड्डा यहां से लगभग 183 कि॰मी॰ दूर है। VIPहेलिपॅड लैंडिंग से भी आया जा सकता है।

रेल मार्ग

मुंगेर रेलसेवा से जुड़ा हुआ है, यहां का प्रमुख रेलवे स्टेशन मुंगेर रेलवे स्टेशन और जमालपुर जंक्शन है। जमालपुर देश के विभिन्‍न राज्‍यों से जुड़ा है, जैसे दिल्‍ली, पटना, भागलपुर, हावड़ा, आदि। जमालपुर से गया के लिए सीधी ट्रेन है। मुंगेर पुल बन जाने से अब ज़मालपुर जंक्शन से मुंगेर होते हुए उत्तर बिहार कम समय में जाया जा सकता है।

सड़क मार्ग

यह शहर राष्‍ट्रीय राजमार्ग 80, राज्यमार्ग 333 पर स्थित है, जो लगभग सभी बड़े शहरों से जुड़ा हुआ है। भागलपुर के माध्‍यम से यह शहर उत्‍तरी बिहार और मध्‍य बिहार के प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है।

स्‍थानीय आवागमन के साधन- ऑटो, टेम्पो, जीप, टेकर,मैजिक मेगा ,सवारी गाड़ी आदि।

मुंगेर गंगा पुल

मुंगेर गंगा पुल बेगुसराय, खगड़िया से जोड़ती है।

शिक्षा

यहाँ पर प्रसिद्ध योग विश्‍वविद्यालय योग आश्रम के नाम से प्रसिद्ध है।

कम्प्यूटर शिक्षा

शिक्षा

डीजे कॉलेज मुंगेर मुंगेर विश्वविद्यालय

जे.आर.एस. कॉलेज मुंगेर

जमालपुर कॉलेज जमालपुर


+२ मॉडल उच्च विद्यालय मुंगेर

+२ टाउन उच्च विद्यालय मुंगेर

+२ उपेंद्र ट्रेनिंग उच्च विद्यालय मुंगेर

+२ जिला उच्च विद्यालय मुंगेर


प्रसिद्ध लोग

आसपास

  • राजकीय: हेलिपॅड, पोलोमैदान, पुरबसराय, इत्यादि
  • जमालपुर: नौवागढी, तेलियाडीह, गलिम्पुर, इत्यादि
  • बरियारपुर: लोहची, पहाड़पुर, शामपुर, इत्यादि
  • हवेली खड़गपुर: तेघरा, तेलडीहा ,इत्यादि

इन्हें भी देखें

बाहरी कड़ियाँ

सन्दर्भ

  1. "Bihar Tourism: Retrospect and Prospect," Udai Prakash Sinha and Swargesh Kumar, Concept Publishing Company, 2012, ISBN 9788180697999
  2. "Revenue Administration in India: A Case Study of Bihar," G. P. Singh, Mittal Publications, 1993, ISBN 9788170993810
  3. द एन्टिक्वेरिएन रिमेन्स ऑफ बिहार, डी. आर पाटिल, काशी प्रसाद जयसवाल रिसर्च इन्सटीट्यूट,पटना, पृष्ठ.१३२