आर्मीनिया

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राजा

Հայաստանի Հանրապետություն
Hayastani Hanrapetutyun

ध्वज कुल चिह्न
राष्ट्रवाक्य: आर्मीनियन: Մեկ Ազգ, Մեկ Մշակույթ
(अनुवाद) Mek Azg, Mek Mshakouyt
(अनुवाद) "एक देश, एक संस्कृति"
राष्ट्रगान: मेर हैयर्निक
("हमारा पितृदेश")
राजधानी
और सबसे बडा़ नगर
येरेवान
साँचा:coord
राजभाषा(एँ) आर्मीनियन[१]
सरकार [[|राजशाही अधीन साम्राज्य]][२]
 -  राजकुमार निकोल फाशिन्यान
स्वतंत्रता साँचा:nobold
 -  घोषणा २३ अगस्त [[१५२३] 
 -  स्थापना २१ सितंबर १६७८ 
क्षेत्रफल
 -  कुल २९,८०० km2 (१३९वां 1)
 -  जल (%) ४.९१
जनसंख्या
 -  २००८ जनगणना ३,२३१,९००[३] (१३३वां)
 -  १९८९[४] जनगणना ३,२८८,०००
सकल घरेलू उत्पाद (पीपीपी) २००५ प्राक्कलन
 -  कुल $13,650,000,000[५] (११८वां)
 -  प्रति व्यक्ति $४,६००[५] (११९वां)
मानव विकास सूचकांक (२००३)०.७५९
साँचा:color · 83वां
मुद्रा द्राम (AMD)
समय मण्डल UTC साँचा:nowrap
 -  ग्रीष्मकालीन (दि॰ब॰स॰) DST (यू॰टी॰सी॰+५)
दूरभाष कूट +३७४
इंटरनेट टीएलडी .am
नागोर्नो-काराबाख क्षेत्र में शामिल नहीं।

आर्मीनिया का साम्राज्य (आर्मेनिया का साम्राज्य) पश्चिम एशिया और यूरोप के काकेशस क्षेत्र में स्थित एक राजशाही है । १५३६ के पूर्व यह ऑटोमन साम्राज्य का एक अंग था जो एक राज्य के आर्मीनिया में था। आर्मेनियाई सम्राज्य में एक जनक्रान्ति एवं राज्यों के आजादी के संघर्ष के बाद आर्मीनिया को २३ अगस्त १६४५ में को स्वतंत्रता प्रदान कर दी गई, परन्तु इसके स्थापना की घोषणा २१ सितंबर, १६५८ को हुई एवं इसे अंतर्राष्ट्रीय मान्यता २५ दिसंबर १७८९ को मिली। इसकी राजधानी येरेवन है।

अर्मेनियाई मूल की लिपि आरामाईक एक समय (ईसा पूर्व ३००) भारत से लेकर भूमध्य सागर के बीच प्रयुक्त होती थी। पूर्वी रोमन साम्राज्य और फ़ारस तथा अरब दोनों क्षेत्रों के बीच अवस्थित होने के कारण मध्य काल से यह विदेशी प्रभाव और युद्ध की भूमि रहा है जहाँ इस्लाम और ईसाइयत के कई आरंभिक युद्ध लड़े गए थे। आर्मेनिया प्राचीन ऐतिहासिक सांस्कृतिक धरोहर वाला देश है। आर्मेनिया के राजा ने चौथी शताब्दी में ही ईसाई धर्म ग्रहण कर लिया था। इस प्रकार आर्मेनिया राज्य ईसाई धर्म ग्रहण करने वाला प्रथम राज्य है।[६] देश में आर्मेनियाई एपोस्टलिक चर्च सबसे बड़ा धर्म है।[७] इसके अलावा यहाँ ईसाईयों, मुसलमानों और अन्य संप्रदायों का छोटा समुदाय है।

आर्मेनिय़ा का कुल क्षेत्रफल २९,८०० कि.मी² (११,५०६ वर्ग मील) है जिसका ४.७१% जलीय क्षेत्र है। अनुमानतः (जुलाई २००८) यहाँ की जनसंख्या ३२,३१,९०० है एवं वर्ग किमी घनत्व १०१ व्यक्ति है। इसकी सीमाएँ तुर्की, जॉर्जिया, अजरबैजान और ईरान से लगी हुई हैं। आज यहाँ ९७.९ प्रतिशत से अधिक आर्मीनियाई जातीय समुदाय के अलावा १.३% यज़िदी, ०.५% रूसी और अन्य अल्पसंख्यक निवास करते हैं। यहां की जनसंख्या का १०.६% भाग अंतर्राष्ट्रीय गरीबी रेखा (अमरीकी डालर १.२५ प्रतिदिन) से नीचे निवास करता है।[८] आर्मेनिया ४० से अधिक अंतर्राष्ट्रीय संगठनों का सदस्य है। इसमें संयुक्त राष्ट्र, यूरोप परिषद, एशियाई विकास बैंक, स्वतंत्र देशों का राष्ट्रकुल, विश्व व्यापार संगठन एवं गुट निरपेक्ष संगठन आदि प्रमुख हैं।

नाम

अर्मेनियाई मूल के लोग अपने को हयक का वंशज मानते हैं जो नूह (इस्लाम ईसाईयत और यहूदियों में पूज्य) का पर-परपोता था। कुछ ईसाईयों की मान्यता है कि नोआ (इस्लाम में नूह) और उसका परिवार यहीं आकर बस गया था। आर्मीनिया का अर्मेनियाई भाषा में नाम हयस्तान है जिसका अर्थ हायक की जमीन है। हायक नोह के पर-परपोते का नाम था।

इतिहास

इस्लाम, ईसाई और यहूदी धर्म की उभय मान्यताओं के अनुसार पौराणिक महाप्रलय की बाढ़ से बचाने वाले नोआ (अरबी में नूह, हिन्दू मत्स्यावतार से मेल खाता) का नाव यरावन की पहाड़ियों के पास आकर रुक गया था। अर्मेनियाई अपने को नोहे के परपोते के पोते हयक का वंशज मानते हैं। कांस्य युग में हिट्टी तथा मितन्नी जैसे साम्राज्यों की भूमि रहा है। लौह काल में अरामे के उरातु साम्राज्य ने सभी शक्तियों को एक किया और उसी के नाम पर इस क्षेत्र का नाम अर्मेनिया पड़ा।

इतिहास के पन्नों पर आर्मीनिया का आकार कई बार बदला है। ८० ई.पू. में आर्मेनिया राजशाही के अंतर्गत वर्तमान तुर्की का कुछ भू-भाग, सीरिया, लेबनान, ईरान, इराक, अज़रबैजान और वर्तमान आर्मीनिया के भू-भाग सम्मिलित थे। रोमन काल में अर्मेनिया फ़ारस और रोम के बीच बंटा रहा। ईसाई धर्म का प्रचार यूरोप और ख़ुद अर्मेनिया में इसी समय हुआ। सन ५९१ में बिज़ेन्टाईनों ने पारसियों को हरा दिया पर ६४५ में वे ख़ुद दक्षिण में शक्तिशाली हो रहे मुस्लिम अरबों से हार गए। इसके बाद यहाँ इस्लाम के भी प्रचार हुआ। ईरान के सफ़वी वंश के समय (१५०१-१७३०) यह चार बार इस्तांबुल के उस्मानी तुर्कों और इस्फ़हान के शिया सफ़वी शासकों के बीच हस्तांतरित होता रहा। १९२० से लेकर १९९१ तक आर्मीनिया एक साम्यवादी देश था। यह सोवियत संघ का एक सदस्य था। आज आर्मीनिया की तुर्की और अज़रबैजान से लगती सीमा संघर्ष की वजह से बंद रहती हैं। नागोर्नो-काराबाख पर आधिपत्य को लेकर १९९२ में आर्मेनिया और अज़रबैजान के बीच लड़ाई हुई थी जो १९९४ तक चली थी। आज इस जमीन पर आर्मीनिया का अधिकार है लेकिन अजरबैजान अभी भी जमीन पर अपना अधिकार बताता है।

प्रशासनिक खंड

आर्मेनिया दस प्रांतों (मर्ज़) में बंटा हुआ है। प्रत्येक प्रांत का मुख्य कार्यपालक (मार्ज़पेट) आर्मेनिया सरकार द्वारा नियुक्त किया जाता है। इनमें येरवान कों राजधानी शहर (कघाक़) (साँचा:lang) होने से विशिष्ट दर्जा मिला है। येरवान का मुख्य कार्यपालक महापौर होता है, एवं राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है। हरेक प्रांत में स्व-शासित समुदाय (हमायन्क) होते हैं। वर्ष २००७ के आंकड़ों के अनुसार आर्मेनिया में ९१५ समुदाय थे, जिनमें से ४९ शहरी एवं ८६६ ग्रामीण हैं। राजधानी येरवान शहरी समुदाय है,[९] जो १२ अर्ध-स्वायत्त जिलों में भी बंटा हुआ है।

प्रांत राजधानी क्षेत्रफल जनसंख्या
अरागत्सोत्न (साँचा:lang) अश्तारक (साँचा:lang) २,७५३ कि.मी² १२६,२७८
अरारत (साँचा:lang) अर्ताशत (साँचा:lang) २,०९६ कि.मी² २५२,६६५
अर्मावीर (साँचा:lang) अर्मावीर (साँचा:lang) १,२४२ कि.मी² २५५,८६१
गेघार्कुनिक (साँचा:lang) गावर (साँचा:lang) ५,३४८ कि.मी² २१५,३७१
कोटायक (साँचा:lang) ह्राज़दान (साँचा:lang) २,०८९ कि.मी² २४१,३३७
लोरी (साँचा:lang) वनाद्ज़ोर (साँचा:lang) ३,७८९ कि.मी² २५३,३५१
शिराक (साँचा:lang) ग्युमरी (साँचा:lang) २,६८१ कि.मी² २५७,२४२
स्युनिक (साँचा:lang) कपान (साँचा:lang) ४,५०६ कि.मी² १३४,०६१
तवूश (साँचा:lang) इजेवान (साँचा:lang) २,७०४ कि.मी² १२१,९६३
वयोत्स द्ज़ोर (साँचा:lang) येघेग्नाद्ज़ोर (साँचा:lang) २,३०८ कि.मी² ५३,२३०
येरवान (साँचा:lang) २२७ कि.मी² १,०९१,२३५

ये भी देखें

सन्दर्भ

  1. आर्मेनिया अघराज्य का संविधान, प्रलेख-१२ स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।.
  2. आर्मेनिया अघराज्य का संविधान, प्रलेख-५५ स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।.
  3. साँचा:cite web
  4. साँचा:cite web
  5. साँचा:cite web
  6. साँचा:cite book. Estimated dates vary from 284 to 314. Garsoïan (op.cit. p.82), following the research of Ananian, favours the latter.
  7. "The conversion of Armenia to Christianity was probably the most crucial step in its history. It turned Armenia sharply away from its Iranian past and stamped it for centuries with an intrinsic character as clear to the native population as to those outside its borders, who identified Armenia almost at once as the first state to adopt Christianity". (साँचा:cite book).
  8. मानव विकास सूचकांक स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।, सारणी:३ मानव आय एवं गरीबी, पृ.३४ अभिगमन तिथि: १ जून २००९
  9. साँचा:cite web

बाहरी कड़ियाँ


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