बेलारूस
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बेलारूस (ISO: Bēlārūsa ) (/bɛləˈruːs/ साँचा:nowrap साँचा:respell; साँचा:lang-be, लेटिन साँचा:transl, بيَلارُث, IPA: [bʲɛlaˈrusʲ]; साँचा:lang-ru), आधिकारिक रिपब्लिक ऑफ़ बेलारूस (साँचा:lang-be; साँचा:lang-ru), पूर्व ज्ञात रूसी नाम ब्येलोरसिया (साँचा:lang-ru; हालाँकि यह नाम अब बेलारूस में, रूसी भाषा में भी काम में नहीं लिया जाता), पूर्वी यूरोप का स्थल-रुद्ध देश है।[६] बेलारूस की सीमा उत्तर-पूर्व में रूस से, दक्षिण में यूक्रेन से, पश्चिम में पोलैण्ड और उत्तर-पश्चिम में लिथुआनिया एवं लातविया से लगती है। इसकी राजधानी और सर्वाधिक जनसंख्या वाला नगर मिन्स्क है। इसके स्क्रिप्ट त्रुटि: "convert" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। का 40% से अधिक भाग वन है। इसका सबसे प्रबल आर्थिक क्षेत्र सेवा उद्योग और विनिर्माण है।[७] बीसवीं सदी तक, वर्तमान बेलारूस की भूमि को विभिन्न देशों ने अधिगृहित किया जिसमें प्रिन्सिपलिटी ऑफ़ पोलोतस्क (11-14वीं सदी), ग्रैंड डची ऑफ़ लिथुआनिया, पोलिश लिथुआनियाई राष्ट्रमण्डल और रूसी साम्राज्य शामिल हैं।
इतिहास
प्राचीन
ईसा पूर्व 5,000 से 2,000 के बीच इस इलाके में रैखिक मृद्भाण्ड संस्कृति (Linearbandkeramik) के चिह्न मिलते हैं और युक्रेन और बेलारूस के हिस्सों में नीपर-डोनेट्स संस्कृति के अवशेष मिलते हैं।[८] सिमेरियन और अन्य पशुचारक जातियाँ इस क्षेत्र में 1000 ईसा पूर्व से 500 ईसवी के मध्य भ्रमण करती थीं, स्लाव लोगों ने यहाँ अपने स्थाई निवास बना लिए थे और सीमान्त क्षेत्रों में सीथियन लोग भ्रमण करते थे। एशियाई आक्रान्ता, जिनमें हूण और आवार शामिल थे, लगभग 400 से 600 ईसवी के मध्य इस इलाके पर आक्रमण किये किन्तु स्लाव लोगों को विस्थापित नहीं कर पाए।[९]
वर्तमान में जो क्षेत्र बेलारूस के नाम से जाना जाता है, तीसरी सदी में बाल्टिक जनजातियों द्वारा बसा हुआ था और पाँचवीं सदी के आसपास यह इलाका स्लाव लोगों द्वारा हस्तगत कर लिया गया। यह हस्तान्तरण कुछ हद तक बाल्ट लोगों में सैन्य समन्वय के अभाव के कारण हुआ लेकिन बाल्ट और स्लाविक संस्कृतियों के घुलमिल जाने की प्रक्रिया शान्तिपूर्ण रही।[१०]
मध्य युग में
आधुनिक समय के बेलारूस के नाम से जाना जाने वाला इलाका, नवीं सदी ईसवी में कीवयाई रूस का हिस्सा बना जो एक बड़े आकार का पूर्वी स्लाव राज्य था। प्रथम यारस्लाव के निधन के बाद यह साम्राज्य कई हिस्सों में टूट गया।
कई सारे रूसी राज (प्रिंसिपैलेटीज़) तेरहवीं सदी के मंगोल आक्रमणों के आघातों से बुरी तरह प्रभावित हुईं, लेकिन बेलारूस का यह क्षेत्र इनके समाघात से बचा रहा और अन्त में लिथुआनियाई ड्यूकसत्ता का राज्यक्षेत्र बना। लिथुआनियाई ड्यूकसत्ता ने बेलारूसी क्षेत्र को 1250 में अपने राज्यक्षेत्र का हिस्सा बना लिया। इसके परिणामस्वरूप बेलारूसी भूभागों का आर्थिक, राजनीतिक और जातीय-सांस्कृतिक एकीकरण हुआ। ड्यूकसत्ता की छत्रछाया में मौजूद राजों में से नौ राज ऐसे थे जहाँ के निवासियों की बाद में बेलारूसी जाति के रूप में पहचान निर्मित हुई। इस दौरान ड्यूक ने कई लड़ाईयाँ लड़ीं जिनमें पोलैण्ड की ओर के इलाकों में त्यूतन योद्धाओं के साथ हुई लड़ाई महत्वपूर्ण है। पोलैण्ड राज्य और लिथुआनियाई ड्यूकसत्ता ने साथ मिलकर 1410 के ग्रन्वाल्ड के युद्ध में त्यूतन लोगों पर एक निर्णायक विजय हासिल की और इस प्रकार लिथुआनियाई ड्यूकसत्ता को पूर्वी यूरोप के उत्तरी पूर्वी सीमान्त पर नियन्त्रण स्थापित करने में सफलता प्राप्त हुई।
1386 में दोनों राजसत्ताओं के बीच विवाह संबंध स्थापित हुए और इसके द्वारा स्थापित एकीकरण बाद में, 1469 के पॉलिश-लिथुआनियाई कॉमनवेल्थ के रूप में परिणत हुआ। 1696 में पोलिश भाषा ने आधिकारिक भाषा के रूप में बेलारूसी को विस्थापित कर दिया।
तृतीय इवान के नेतृत्व में मस्कवा की ड्यूकसत्ता ने कीवयाई रूस पर आधिपत्य स्थापित करने के प्रयासों में 1486 में आक्रमण शुरू किये, विशेष तौर पर इनका उद्देश्य बेलारूस, रूस और युक्रेन के इन हिस्सों पर विजय प्राप्त करना था।
रूसी साम्राज्य के अधीन
पोलैण्ड और लिथुआनिया के बीच की एकता 1795 में भंग हो गयी और इसका विभाजन तीन हिस्सों में हो गया जिन्हें रूसी साम्राज्य, प्रशा और हैप्सबर्ग ऑस्ट्रिया ने अपने कब्जे में कर लिया। इस दौर में वह क्षेत्र जहाँ आज बेलारूस है, द्वितीय कैथरीन के शासन वाले रूसी साम्राज्य का हिस्सा बना और प्रथम विश्व युद्ध तक इसी का भाग रहा। प्रथम निकोलस के शासन काल में यहाँ रूसीकरण के भरपूर प्रयास हुए और बेलारूसी भाषा का प्रयोग पब्लिक स्कूलों में प्रतिबंधित कर दिया गया, बेलारूसी भाषा के प्रकाशनों के खिलाफ प्रचार अभियान चलाये गए। 1863 में आर्थिक और सांस्कृतिक दबावों ने एक विद्रोह को जन्म दिया। इसके बाद रूसी सरकार ने बेलारूसी भाषा के लिए सिरिलिक का प्रयोग निर्धारित किया और रूसी सरकार के कामकाज में बेलारूसी भाषा में लिखित चीजों पर 1905 तक प्रतिबन्ध जारी रहा।
जर्मन साम्राज्य के आधिपत्य में, ब्रेस्त-लितोव्स्क की सन्धि के निर्धारण के दौरान, 25 मार्च 1918 को बेलारूसी पीपल्स रिपब्लिक के रूप में बेलारूस ने अपनी पहली स्वतन्त्रता की घोषणा की। इसके तुरंत बाद ही पोलैण्ड-सोवियत युद्ध शुरू हो गया और बेलारूस पोलैण्ड और सोवियत रूस के बीच बँट गया।
बेलारूसी सोवियत सोशलिस्ट रिपब्लिक
बेलारूस का एक हिस्सा जो रूसी शासन के अधीन था, बेलारूसी सोवियत सोशलिस्ट रिपब्लिक (बेलारूसी ऍसऍसआर) के रूप में 1919 में अस्तित्व में आया। कुछ समय बाद इसका लिथुआनियाई-बेलारूसी सोवियत सोशलिस्ट रिपब्लिक के साथ विलय हो गया। 1921 में युद्ध की समाप्ति पर विवादित भूमि का बँटवारा पोलैंड और सोवियत संघ के बीच हो गया और 1922 में बेलारूसी एसएसआर, सोवियत सोशलिस्ट रिपब्लिकों के संघ का संस्थापक सदस्य बना। आधुनिक बेलारूस का पश्चिमी भूभाग पोलैंड का हिस्सा बना रहा।
1939 में नाज़ी जर्मनी और सोवियत रूस ने पोलैंड पर आक्रमण किया और द्वितीय विश्व युद्ध की शुरूआत हुई। रीगा की सन्धि के बाद से दो दशकों तक जो भूभाग उत्तरी पूर्वी पोलैण्ड के रूप में था, बेलारूसी एसएसआर द्वारा अधिग्रहीत कर लिया गया और पश्चिमी बेलारूस बना। नाजी जर्मनी ने जब 1941 में सोवियत रूस पर आक्रमण किया, बेलारूसी ऍसऍसआर इससे सर्वाधिक बुरी तरह प्रभावित हुआ। यह हिस्सा 1944 तक नाज़ी जर्मनी के कब्जे में रहा और इस दौरान जर्मनी में 290 में से 209 शहरों को तबाह किया, इसके 85% उद्योगों को नष्ट किया और लगभग दस लाख भवन ध्वस्त किये। इस समयावधि में कुल मौतों की संख्या बीस से तीस लाख के बीच रही (जो कुल जनसंख्या के एक चौथाई के आसपास थी) और बेलारूसी एसएसआर की यहूदी जनसंख्या इस धक्के से कभी नहीं उबर पायी।
युद्ध के बाद बेलारूस उन 51 सदस्यों में से था जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र चार्टर पर दस्तख़त किये। युद्धोपरान्त पुनर्निर्माण में काफी तेजी से काम हुआ और बेलारूसी एसएसआर और पोलैण्ड के बीच सीमा रेखा पुनः निर्धारित हुई जिसे कर्जन रेखा के नाम से जाना जाता है।
स्टालिन ने बेलारूसी एस॰एस॰आर॰ को पश्चिमी प्रभावों से मुक्त कराने के लिए सोवियतीकरण की शुरूआत की जिसमें सोवियत रूस के विविध हिस्सों से लोगों को इस इलाके में उच्च और महत्वपूर्ण पदों पर बैठाया गया और बेलारूसी भाषा के इस्तेमाल को सीमित करने का प्रयास किया गया। परवर्ती, निकिता ख्रुश्चेव ने यह नीति ज़ारी रखी।
चर्नोबिल पावर प्लाण्ट के परमाणु रिसाव से बेलारूसी ऍसऍसआर भी प्रभावित हुआ।
स्वतन्त्रता
मार्च 1990 में, सोवियत संघ की सभी इकाइयों के सर्वोच्च विधायी निकाय, सुप्रीम सोवियत, के चुनाव संपन्न हुए। हालाँकि इन चुनावों में बेलारूसी ऍसऍसआर की स्वतन्त्रता का समर्थक दल, बेलारूसी पॉपुलर फ़्रण्ट मात्र 10% सीटें ही जीत पाया, जनता अपने प्रतिनिधियों के चयन से सन्तुष्ट थी। बेलारूस ने 22 जुलाई 1990 को अपनी आज़ादी की घोषणा एक घोषणापत्र द्वारा बेलारूसी सोवियत सोशलिस्ट रिपब्लिक के रूप में की।
कम्युनिस्ट पार्टी के सहयोग से, 25 अगस्त 1991 को, देश का नाम बदल कर बेलारूस गणतन्त्र किया गया। स्तानिस्लाव शुश्केविच, बेलारूसी सर्वोच्च सोवियत के अध्यक्ष, ने रूस के बोरिस येल्तसिन और युक्रेन के लियोनिड क्रॉवचुक से 8 दिसम्बर 1991 को मुलाक़ात की और औपचारिक रूप से सोवियत संघ के विघटन और स्वतन्त्र राज्यों के कॉमनवेल्थ के निर्माण की घोषणा हुई।
मार्च 1994 में, बेलारूसी संविधान अंगीकृत किया गया और इसके तहत प्रधानमन्त्री के कार्य बेलारूस के राष्ट्रपति को हस्तान्तरित कर दिए गए।
स्वतन्त्रता के बाद
आजादी के बाद दो राउण्ड में हुये चुनावों (24 जून 1994 एवं 10 जुलाई 1994) में एक कम प्रसिद्ध व्यक्ति अलेक्जेंडर लुकाशेन्कोव राष्ट्रीय स्तर पर उभरे। उन्होंने पहले राउण्ड में 45% और दूसरे राउंड में 80% मत हासिल किये और व्याचेस्लाव केबिच को पराजित किया जिन्हें 14% मत हासिल हुए थे। लुकाशेन्कोव बाद में 2001, 2006, 2010 और 2015 में इस पद के लिए चुने गए और वर्तमान राष्ट्रपति हैं। पश्चिमी सरकारों, एमनेस्टी इण्टरनेशनल, और ह्यूमन राइट्स वॉच जैसी संस्थाओं ने इनके अधिकारवादी शासन की शैली की समय-समय पर आलोचनाएँ की हैं।
भूगोल और जलवायु
बेलारूस की अवस्थिति 51° और 57° उत्तर अक्षांशों एवं 23° तथा 33° पूर्वी देशान्तरों के मध्य है। उत्तर दक्षिण विस्तार स्क्रिप्ट त्रुटि: "convert" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। और पूर्व-पश्चिम विस्तार स्क्रिप्ट त्रुटि: "convert" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। है।[११] यह एक स्थलरुद्ध देश है और इसके समतल भूभाग पर विशाल आकार के दलदली क्षेत्र पाए जाते हैं। देश के कुल क्षेत्रफल का लगभग 40% हिस्सा वनों से आच्छादित है।
बेलारूस में कई नदियाँ और लगभग 11,000 झीलें मौजूद हैं। तीन प्रमुख नदियाँ, नेमन, प्रिप्यात और नीपर, इस देश से होकर बहती हैं। नेमन नदी पश्चिम की ओर बहती है और बाल्टिक सागर के भाग क्यूरोनियन लैगून में गिरती है, जबकि प्रिप्यात नदी पूर्व दिशा में बहती है और नीपर में मिल जाती है। नीपर नदी दक्षिण की ओर बहते हुए काला सागर में गिरती है। बेलारूस में सर्वोच्च बिन्दु (345 मीटर) ज़रज़िन्सकी हारा नामक पहाड़ी का शिखर है जो राजधानी मिन्स्क के पश्चिम में है। सबसे निम्नतम ऊँचाई का बिन्दु (90 मीटर) नेमन नदी तट है, जहाँ यह बेलारूस से लिथुआनिया में प्रवेश करती है। बेलारूस की औसत ऊँचाई समुद्र तल से 160 मीटर है।
बेलारूस की जलवायु की विशेषता गर्मियों में हलकी ठण्ड और सर्द जाड़े की ऋतु है। जनवरी का न्यूनतम तापमान दक्षिणी-पश्चिमी हिस्सों में स्क्रिप्ट त्रुटि: "convert" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। (ब्रेस्त) और उत्तरी-पूर्वी भागों में स्क्रिप्ट त्रुटि: "convert" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। (वितेब्स्क) तक गिर जाता है जबकि गर्मियों में साँचा:convert के औसत तापमान के साथ हलकी ठण्ड वाला सुहाना मौसम रहता है। यहाँ की औसत वार्षिक वर्षा स्क्रिप्ट त्रुटि: "convert" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। है। बेलारूस की जलवायु, महाद्वीपीय और महासागरीय जलवायु के बीच संक्रमण क्षेत्र की जलवायु है।
यहाँ के प्राकृतिक संसाधनों में पीट के जमाव, कुछ मात्रा में प्राकृतिक गैस एवं पेट्रोलियम, ग्रेनाइट, डोलोमाइट (चूना पत्थर), मार्ल, खड़िया मिट्टी, बालू, बजरी और चिकनी मिट्टी हैं। चर्नोबिल दुर्घटना के समय पड़ोसी युक्रेन से 70% परमाणवीय विकिरण बेलारूस के क्षेत्र को प्रभावित किया और बेलारूस के कुल क्षेत्र का लगभग पाँचवा हिस्सा (मुख्यतः कृषि भूमि और वन) इस हादसे में विकिरण के प्रभाव के दायरे में आये।[१२] संयुक्त राष्ट्र और अन्य अभिकरणों ने सीजियम बंधनकारकों और रेपसीड की खेती का प्रयोग विकिरण के प्रभाव कम करने हेतु किया; विशेष रूप से सीजियम -137 की मात्र मृदा से घटाने हेतु।[१३][१४]
बेलारूस की सीमा पाँच देशों से लगती है: उत्तर में लातविया, उत्तर-पूर्व में लिथुआनिया, पश्चिम में पोलैंड, और उत्तर और पूर्व में रूस तथा दक्षिण में युक्रेन। सन्धियों द्वारा लातविया और लिथुआनिया के साथ सीमायें 1995 और 1996 में निर्धारित की गयीं, लेकिन 1996 में युक्रेन के साथ सीमा निर्धारण का प्रयास विफल रहा।[१५] बेलारूस और लिथुआनिया के मध्य अन्तिम सीमांकन सम्बन्धी कागजातों पर फरवरी 2007 में दस्तख़त हुए।[१६]
जगह | जुलाई (°C) | जुलाई (°F) | जनवरी (°C) | जनवरी (°F) |
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मिन्स्क | 23/14 | 74/57 | –2/−6 | 28/20 |
गोमेल | 25/15 | 77/58 | −2/−7 | 28/19 |
Mogilev | 23/12 | 74/55 | –1/−6 | 30/21 |
Vitebsk | 23/13 | 74/56 | –3/−7 | 26/18 |
Grodno | 24/12 | 75/55 | –1/–6 | 30/21 |
ब्रेस्त | 25/14 | 83/61 | –0/−5 | 31/23 |
अर्थव्यवस्था
1991 में सोवियत संघ के विघटन के समय तक, औद्योगिक रूप से दुनिया के सर्वाधिक विकसित राज्यों में से एक था, सकल घरेलू उत्पाद के प्रतिशत के स्तर पर भी और सीआईएस सदस्यों में सबसे धनी राज्य भी था।[१८] वर्ष 2015 में, 39.3% बेलारूसी लोग राज्य-स्वामित्व वाली कम्पनियों में सेवारत थे, 57.2% लोग निजी कम्पनियों में (जिनमें 21.1% साझेदारी सरकार की थी) और 3.5% लोग विदेशी कम्पनियों में सेवारत थे।[१९] यह देश विविध प्रकार के आयातों के लिए रूस पर निर्भर है, जिनमें पेट्रोलियम भी शामिल है।[२०][२१] महत्वपूर्ण कृषि उत्पादों में आलू और पशुपालन के उप-उत्पाद मुख्य हैं जिनमें माँस भी शामिल है। 1994 में, बेलारूस के मुख्य निर्यातों में भारी मशीनरी (विशेष रूप से ट्रैक्टर), कृषि उत्पाद, और ऊर्जा उत्पाद शामिल थे।[२२] आर्थिक रूप से, बेलारूस ने अपने को सीआईएस, यूरेशियन आर्थिक समुदाय और रूस के साथ भागीदारी रखता है।
जनसांख्यिकी
राष्ट्रीय सांख्यिकी समिति के अनुसार जनवरी 2016 तक देश की कुल जनसंख्या 94.9 लाख है।[२३] बेलारूस की कुल जनसंख्या में 83.7% हिस्सा बेलारूसी जातीयता वाले लोगों का है।[२३] इसके अतिरिक्त बड़े जातीय समूह निम्नलिखित हैं: रूसी (8.3%), पोल्स (3.1%) और यूक्रेनी (1.7%)।[२३] बेलारूस का जनसंख्या घनत्व 50 लोग प्रति वर्ग किलोमीटर (127 लोग प्रति वर्ग मील) है; यहाँ की 70% जनसंख्या नगरों में निवास करती है।[२४] देश की राजधानी और सबसे बड़े नगर मिन्स्क में वर्ष 2015 के आँकड़ों के अनुसार 19 हजार 37 लाख 9 सौ लोग निवास करते हैं।[२५] 4 लाख 81 हज़ार की जनसंख्या के साथ गोमेल दूसरा सबसे बड़ा नगर है जो होमाइल वोब्लास्ट की राजधानी के रूप में प्रचलित है। अन्य बड़े नगर मोगिलेव (3 लाख 65 हजार 100), विटेब्स्क (3 लाख 42 हज़ार 400), ह्रोडना (3 लाख 14 हजार ८००) और ब्रेस्ट (2 लाख 95 हजार 300) हैं।[२६]
अन्य यूरोपीय देशों की तरह, बेलारूस की जनसंख्या वृद्धि दर ऋणात्मक है और प्राकृतिक विकास दर भी ऋणात्मक है। वर्ष 2007 में, बेलारूस की जनसंख्या में कमी की दर 0.41% थी और यहाँ की प्रजनन दर 1.22 थी जो उप-प्रतिस्थापन दर से कम है।[२७] यहाँ की कुल अप्रवासन दर +0.38 प्रति 1,000 है जो यह प्रदर्शित करता है कि यहाँ की आव्रजन से उत्प्रवास थोड़ा अधिक है। वर्ष 2006 के अनुसार बेलारूस की कुल जनसंख्या में 69.7% लोग 14 वर्ष से 64 वर्ष आयुवर्ग के; 16% लोग 14 वर्ष के कम आयु के और 14.6% लोग 65 वर्ष अथवा इससे अधिक आयु के थे। यहाँ की माध्य आयु 37 से बढ़कर 2050 तक 55 से 65 वर्ष होने की सम्भावना है।[२८] बेलारूस में प्रति महिला 0.87 पुरुष हैं।[२७] यहाँ की औसत आयु दर ६८.७ वर्ष (पुरुषों के लिए ६३.० वर्ष और महिलाओं के लिए ७४.९ वर्ष) है।[२७] 15 वर्ष से अधिक आयु वाले 99% से अधिक बेलारूसी लोग साक्षर हैं।[२७]
भाषा
बेलारूस की रूसी और बेलारूसी दो आधिकारिक भाषायें हैं[२९] रूसी यहाँ की मुख्य भाषा है और यहाँ की लगभग 72% जनसंख्या ये ही भाषा बोलती है। आधिकारिक रूप से बेलारूसी यहाँ की प्रथम भाषा है जो 11.9% लोगों द्वारा बोली जाती है।[३०] अल्पसंख्यक लोग भी पोलिश, यूक्रेनी और पूर्वी यद्दिश बोलते हैं।[३१]
संस्कृति
कला और साहित्य
बेलारूसी सरकार विविध प्रकार के वार्षिक सांस्कृतिक उत्सवों को प्रायोजित (स्पौंसर) करती है जैसे कि वितेब्स्क का बाज़ार, जिसमें बेलारूसी कलाकारों, प्रदर्शन कलाकारों, लेखकों संगीतकारों और अभिनेताओं द्वारा विविध कार्यक्रम किये जाते हैं। कुछ अन्य अवकाश दिवसों, यथा स्वतंत्रता दिवस और विजय दिवस पर बड़ी संख्या में लोग शामिल होते हैं और आतिशबाजी, सेना की परेड इत्यादि का आयोजन होता है। बेलारूसी सरकार का संस्कृति मंत्रालय यहाँ की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए देश के अंदर और विदेशों में भी, विभिन्न आयोजनों को धनराशि मुहैय्या कराता है।

बेलारूसी साहित्य 11वीं से 13वीं सदी के मध्य धार्मिक ग्रन्थों के रूप मे शुरू हुआ, जिसमें बारहवीं सदी की कृति तुराव की सिरिल प्रसिद्ध है। सोलहवीं सदी में, 1515 से 1525 के बीच प्राग शहर में छपी बाइबिल, जिसका बेलारूसी अनुवाद किया गया था, बेलारूस (और पूर्वी यूरोप में भी) छपने वाली पहली पुस्तक थी।
रूसी साम्राज्य के अधीन रहते हुए और नाजी जर्मनी के कब्जे में यहाँ की भाषा में साहित्य कम रचा गया। कई लेखकों और कवियों को निर्वासन झेलना पड़ा। स्टालिनवादी शुद्धीकरण में यहाँ के काफ़ी सारे बुद्धिजीवियों को या तो मार दिया गया अथवा निर्वासित किया गया। पोलैण्ड के कब्जे वाले पच्श्चिमी बेलारूस में इस दौर में कुछ साहित्यिक रचनाएँ बेलारूसी भाषा में हुईं।
1960 के बाद से यहाँ साहित्य में व्यापक पुनर्जागरण हुआ। कई लेखकों ने उपन्यास लेखन के क्षेत्र में काफी कार्य किया। स्वेत्लाना अलेक्सिएविच को वर्ष 2015 के लिए साहित्य का नोबल पुरस्कार भी मिल चुका है।
पहनावा
खानपान
खेलकूद
परिवहन
देश के अन्दर 5,512 किलो मीटर लम्बा रेलमार्ग है। ब्रेस्ट से ब्रेस्ट मिन्स्क से होकर बेलारूस पार किया जा सकता हैं , मास्को , बर्लिन और वारसा देश की एक अन्तरराष्ट्रीय रेल लाइन हैं। अन्य महत्वपूर्ण लाइनों में मिन्स्क गोमेल , ब्रेस्ट-मिन्स्क मिन्स्क विनियस हैं। बेलारूस की सेवा कुछ अन्तरराष्ट्रीय गाड़ियों जैसे पृबलटिक रीगा-ओडेसा, मिन्स्क इरकुत्स्क और Sibirjak बर्लिन नोवोसिबिर्स्क हैं
बेलारूस एक अपेक्षाकृत छोटा सा देश है, इसलिए कोई नियमित रूप से घरेलू हवाई उड़ानें नही हैं। राष्ट्रीय हवाई अड्डा ब्रेस्ट में अन्तरराष्ट्रीय उड़ानों है कि दुनिया भर के कई देशों के साथ बेलारूस की राजधानी को जोड़ता स्वागत करता है।
बेलारूस में 10 नदी बन्दरगाह, जलमार्ग नदी द्नेपर, बेरेज़िन, सूजन, प्रिप्याट, द्विना , कैलिनिनग्राद, मुखवेट्स और द्नेपर-बग नहर पर खुले हैं।
यहाँ पर बस सुविधा भी अच्छी हैं
संचार
बेलारूस में वर्ष 2008 में लगभग 86 लाख मोबाइल में से लगभग 37 लाख मोबाइल का उपयोग किया गया था। इसमें सबसे अधिक फोन सेवा प्रदाता बेलटेलीकॉम है। यह राज्य द्वारा संचालित कंपनी है। लगभग तीन में से दो फोन सेवा डिजिटल सिस्टम का उपयोग करते हैं और हर सौ में से नब्बे लोग मोबाइल फोन का उपयोग करते हैं। वर्ष 2009 में यहाँ लगभग 1,13,000 इंटरनेट होस्ट थे, जो लगभग 31 लाख इंटरनेट उपभोक्ताओं की आवश्यकताओं को पूरा करते हैं।
सबसे अधिक मीडिया जैसे समाचार चैनल और रेडियो चैनल का संचालन राज्य द्वारा संचालित राष्ट्रीय राज्य टेलीरेडियोकंपनी करती है। यह कई सारे टीवी और रेडियो चैनल को संचालित करती है। जिसे बेलारूस के अलावा दुसरे देशों में भी दिखाया जाता है। टेलीविज़न ब्रोडकास्टिंग नेटवर्क बेलारूस का सबसे बड़ा निजी टेलीविज़न चैनल है, जो सामान्यतः क्षेत्रीय कार्यक्रम दिखाता है। बहुत से समाचार पत्र या तो बेलारूसी में छपते हैं या रूसी भाषा में, जिसमें रुचि अनुसार व्यापार, राजनीति या खेल से जुड़ी जानकारी होती है। वर्ष 1998 में बेलारूस में रेडियो चैनलों की संख्या सौ से कम थी।
सभी मीडिया प्रदाता कंपनी मीडिया के कानून के दायरे में रह कर कार्य करती है, जिसे 13 जनवरी 1995 को लागू किया गया था। इस नियम के लागू होने से मीडिया को स्वतंत्रता प्राप्त हुई, हालांकि, अनुच्छेद 5 में लिखा गया है कि बेलारूस या संविधान में उल्लेखित किसी सरकारी अधिकारी या राष्ट्रपति की बदनामी कोई मीडिया नहीं कर सकता। इस तरह की बदनामी करने वाले मीडिया चैनलों को सरकार द्वारा बंद कराने के कारण इसकी काफी आलोचना हुई।
सन्दर्भ
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