रघुवीर चौधरी
नेविगेशन पर जाएँ
खोज पर जाएँ
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.
रघुवीर चौधरी | |
---|---|
जन्म | साँचा:br separated entries |
मृत्यु | साँचा:br separated entries |
मृत्यु स्थान/समाधि | साँचा:br separated entries |
साँचा:template otherसाँचा:main other
रघुवीर चौधरी (पटेल) गुजराती के प्रसिद्ध उपन्यासकार, कवि एवं आलोचक हैं। वे अनेक समाचारपत्रों में स्तम्भलेखक भी रहे हैं। उन्होने गुजरात विश्वविद्यालय में अध्यापन किया और वहाँ से १९९८ में सेवानिवृत्त हुए। गुजराती के अलावा उन्होने हिन्दी में भी लेखन कार्य किया है। इनके द्वारा रचित एक उपन्यास उपरवास कथात्रयी के लिये उन्हें सन् १९७७ में साहित्य अकादमी पुरस्कार (गुजराती) से सम्मानित किया गया।[१]
राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने उन्हें २०१५ के लिये ५१वाँ ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रदान किया। उनकी अब तक 80 से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। [२][३]
कृतियाँ
नवलकथा
वार्ता संग्रह
|
नाटक
एकांकी
विवेचन
|
कविता
रेखाचित्र
प्रवास वर्णन
धर्मचिंतन
संपादन
|
सम्मान
- कुमार चंद्रक
- उमास्नेहरश्मि पारितोषिक
- साहित्य अकादमी दिल्ली का पुरस्कार
- रणजितराम सुवर्णचंद्रक
- ज्ञानपीठ पुरस्कार (२०१५)
सन्दर्भ
- ↑ साँचा:cite web
- ↑ गुजराती लेखक रघुवीर चौधरी को ज्ञानपीठ पुरस्कार
- ↑ गुजराती लेखक रघुवीर चौधरी को ५१वाँ ज्ञानपीथ पुरस्कार स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। (वेबदुनिया)