चन्द्रशेखर कम्बार

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चन्द्रशेखर कम्बार
ಚಂದ್ರಶೇಖರ ಕಂಬಾರ
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चन्द्रशेखर कम्बार "आधुनिक तकनीकी दुनिया में कन्नड़" के विषय में बंगलौर में बात करते हुए
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मृत्यु स्थान/समाधिसाँचा:br separated entries
व्यवसायकवि, नाटककार, प्रोफेसर
राष्ट्रीयताभारत
उच्च शिक्षाकर्णाटक विश्व विद्यालय, धारवाड़ से पी०एच०डी[१]
अवधि/काल1956 – वर्तमान
विधाकथा-साहित्य
उल्लेखनीय सम्मानज्ञानपीठ
साहित्य अकादमी पुरस्कार
पद्म श्री
पम्पा पुरस्कार
जीवनसाथीसत्यभामा
सन्तानराजशेखर कम्बार, जयश्री कम्बार, गीता सतीश, चन्नम्मा कम्बार,

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चंद्रशेखर कंबार (साँचा:lang-kn; जन्म : २ जनवरी १९३७) एक कन्नड़ भाषा के कवि, नाटककार एवं लोकसाहित्यकार हैं। उन्होंने कन्नड़ भाषा में फिल्मों का निर्देशन भी किया है और वे हम्पी में कन्नड़ विश्वविद्यालय के संस्थापक कुलपति भी रहे हैं।[२] उनके उल्लेखनीय साहित्यिक योगदान के आलोक में उन्हें 2010 के लिए ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रदान करने की घोषणा की गई है।[३]

इनके द्वारा रचित एक नाटक सिरिसंपिगे के लिये उन्हें सन् १९९१ में साहित्य अकादमी पुरस्कार (कन्नड़) से सम्मानित किया गया।[४]

सन्दर्भ