सचिन तेंदुलकर

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सचिन तेंडुलकर
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सचिन तेंडुलकर विश्व कप ट्रॉफी के साथ
व्यक्तिगत जानकारी
पूरा नाम सचिन रमेश तेंडुलकर
जन्म साँचा:br separated entries
मृत्यु साँचा:br separated entries
उपनाम लिटिल , तेंदेल्या, क्रिकेट के भगवान,Master-Blaster,[१] मास्टर ब्लास्टर,[२] द मास्टर,[३][४] द लिटल चैम्पियन
कद साँचा:infobox person/height
बल्लेबाजी की शैली दायें हाथ
गेंदबाजी की शैली दायें हाथ लेग ब्रेक
भूमिका बल्लेबाज
अंतर्राष्ट्रीय जानकारी साँचा:infobox
घरेलू टीम की जानकारी
वर्षटीम
१९८८–२०१३ मुम्बई
२००८–२०१३ मुंबई इंडियंस (आईपीएल)
१९९२ यॉर्कशायर
साँचा:infobox cricketer/career
स्रोत : क्रिकइन्फो, १५ नवंम्बर २०१३

सचिन रमेश तेंडुलकर /ˌsʌɪn tɛnˈdlkər/ साँचा:nowrap Sachin Tendulkar, जन्म: 24 अप्रैल 1973) क्रिकेट के इतिहास में विश्व के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज़ में माने जाते हैं।[५] भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित होने वाले वह सर्वप्रथम खिलाड़ी और सबसे कम उम्र के व्यक्ति हैं।[६] राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित होने वाले पहले क्रिकेट खिलाड़ी हैं। सन् २००८ में वे पद्म विभूषण से भी पुरस्कृत किये जा चुके है।

सन् १९८९ में अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण के पश्चात् उन्होंने बल्लेबाजी में भी कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं। उन्होंने टेस्ट व एक दिवसीय क्रिकेट, दोनों में सर्वाधिक शतक अर्जित किये हैं। वे टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज़ हैं। इसके साथ ही टेस्ट क्रिकेट में १४००० से अधिक रन बनाने वाले वह विश्व के एकमात्र खिलाड़ी हैं। एकदिवसीय मैचों में भी उन्हें कुल सर्वाधिक रन बनाने का कीर्तिमान प्राप्त है। [७] उन्होंने अपना पहला प्रथम श्रेणी क्रिकेट मैच मुम्बई के लिये १४ वर्ष की आयु में खेला था। उनके अन्तर्राष्ट्रीय खेल जीवन की शुरुआत १९८९ में पाकिस्तान के विरुद्ध कराची से हुई।

2001 में, सचिन तेंदुलकर अपनी 259 पारी में 10,000 ओडीआई रन पूरा करने वाले पहले बल्लेबाज बने।[८] बाद में अपने करियर में, तेंदुलकर भारतीय दल का हिस्सा थे जिन्होंने २०११ क्रिकेट विश्व कप जीता, भारत के लिए छह विश्व कप के प्रदर्शन में उनकी पहली जीत। दक्षिण अफ्रीका में आयोजित टूर्नामेंट के 2003 संस्करण में उन्हें पहले "प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट" नाम दिया गया था। 2013 में, वे विस्डेन क्रिकेटर्स के अल्मनैक की 150 वीं वर्षगांठ को चिह्नित करने के लिए नामित एक अखिल भारतीय टेस्ट वर्ल्ड इलेवन में शामिल एकमात्र भारतीय क्रिकेटर थे। सचिन क्रिकेट जगत के सर्वाधिक प्रायोजित खिलाड़ी हैं और विश्व भर में उनके अनेक प्रशंसक हैं। उनके प्रशंसक उन्हें प्यार से भिन्न-भिन्न नामों से पुकारते हैं जिनमें सबसे प्रचलित लिटिल मास्टर व मास्टर ब्लास्टर है। क्रिकेट के अलावा वह अपने ही नाम के एक सफल रेस्टोरेंट के स्वामी  भी हैं।

सचिन तेंदुलकर भूतपूर्व राज्य सभा सांसद भी रह चुके हैं। सन् २०१२ में उन्हें राज्य सभा के सदस्य के रूप में नामित किया गया था।[९]

क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर पर एक बायोपिक फिल्म ‘सचिन : ए बिलियन ड्रीम्स’ बनाई जा चुकी है। इस फ़िल्म का टीज़र भी बहुत रोमांचक हैं। टीजर में सचिन को उन्हीं की कहानी सुनाते हुए देखेंगे जो एक शरारती बच्चे से एक हीरो बनकर उभरता है। ख़ुद सचिन तेंदुलकर का भी ये मानना है कि क्रिकेट खेलने से अधिक चुनौतीपूर्ण अभिनय करना है। सचिन – ए बिलियन ड्रीम्स’ का निर्माण श्रीकांत भासी और रवि भगचंदका ने किया है और इसका निर्देशन जेम्स अर्सकिन ने।

व्यक्तिगत जीवन (family life)

अंजलि व सचिन एक सार्वजनिक समारोह में

राजापुर के मराठी ब्राह्मण परिवार में जन्मे सचिन का नाम उनके पिता रमेश तेंदुलकर ने अपने चहेते संगीतकार सचिन देव बर्मन के नाम पर रखा था। सचिन के पिता मराठी स्कूल में शिक्षक थे। उनके बड़े भाई अजीत तेंदुलकर ने उन्हें क्रिकेट खेलने के लिये प्रोत्साहित किया था। सचिन के एक भाई नितिन तेंदुलकर और एक बहन सविताई तेंदुलकर भी हैं। 24 मई, 1995 के दिन सचिन ने डॉ. अंजलि महेता से शादी की थी, मूल गुजरात की डॉ. अंजलि बालरोग निष्णात है। सचिन और अंजलि दोनो पहली बार एयरपोर्ट पर मिले थे, उस वक्त अंजली को सचिन और क्रिकेट दोनों के बारे में कोई ज्यादा ज्ञान नही था। सचिन और अंजलि के दो बच्चें है, बड़ी बेटी सारा तेंदुलकर और बेटा अर्जुन तेंदुलकर है।[१०]

सचिन ने शारदाश्रम विद्यामन्दिर में अपनी शिक्षा ग्रहण की। वहीं पर उन्होंने प्रशिक्षक (कोच) रमाकान्त अचरेकर के सान्निध्य में अपने क्रिकेट जीवन का आगाज किया। तेज गेंदबाज बनने के लिये उन्होंने एम०आर०एफ० पेस फाउण्डेशन के अभ्यास कार्यक्रम में शिरकत की पर वहाँ तेज गेंदबाजी के कोच डेनिस लिली ने उन्हें पूर्ण रूप से अपनी बल्लेबाजी पर ध्यान केन्द्रित करने को कहा।

अन्य रोचक तथ्य

  • युवाकाल में सचिन अपने कोच के साथ अभ्यास करते थे। उनके कोच स्टम्प पर एक रुपये का सिक्का रख देते और जो गेंदबाज सचिन को आउट करता, वह सिक्का उसी को मिलता था और यदि सचिन बिना आउट हुए पूरे समय बल्लेबाजी करने में सफल हो जाते, तो ये सिक्का उनका हो जाता। सचिन के अनुसार उस समय उनके द्वारा जीते गये वे १३ सिक्के आज भी उन्हें सबसे ज्यादा प्रिय हैं।साँचा:citation needed
  • १९८८ में स्कूल के एक हॅरिस शील्ड मैच के दौरान साथी बल्लेबाज विनोद कांबली के साथ सचिन ने ऐतिहासिक ६६४ रनों की अविजित साझेदारी की। इस धमाकेदार जोड़ी के अद्वितीय प्रदर्शन के कारण एक गेंदबाज तो रोने ही लगा और विरोधी पक्ष ने मैच आगे खेलने से इनकार कर दिया। सचिन ने इस मैच में ३२० रन और प्रतियोगिता में हजार से भी ज्यादा रन बनाये।साँचा:citation needed
  • सचिन प्रति वर्ष २०० बच्चों के पालन पोषण की जिम्मेदारी हेतु अपनालय नाम का एक गैर सरकारी संगठन भी चलाते हैं।साँचा:citation needed
  • भारतीय टीम का एक अन्तर्राष्ट्रीय मैच ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध इन्दौर में ३१ मार्च २००१ को खेला गया था। तब इस छोटे कद के खिलाड़ी ने पहली बार १०,००० रनों का आँकड़ा पार करके इन्दौर के स्टेडियम में एक मील का पत्थर गाड़ दिया था।साँचा:citation needed

खेल पद्धति

तेंदुलकर क्रीज पर, डिलीवरी का सामना करने के लिए तैयार हो रहे हैं

सचिन तेंदुलकर क्रिकेट में बल्लेबाज़ी दायें हाथ से करते हैं किन्तु लिखते बाये हाथ से हैं। वे नियमित तौर पर बायें हाथ से गेंद फेंकने का अभ्यास करते हैं। उनकी बल्लेबाज़ी उनके बेहतरीन सन्तुलन और नियन्त्रण पर आधारित है। वह भारत की धीमी पिचों की बजाय वेस्ट इंडीज़ और ऑस्ट्रेलिया की सख्त व तेज़ पिच पर खेलना ज्यादा पसंद करते हैं[११]। वह अपनी बल्लेबाजी की अनूठी पंच शैली के लिये भी जाने जाते हैं।

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रशिक्षक जॉन ब्यूकैनन का कहना है कि तेंदुलकर अपनी पारी की शुरुआत में शॉर्ट गेंद को ज्यादा पसन्द करते हैं। उनका मानना यह भी है कि बायें हाथ की तेज गेंद तेंदुलकर की कमज़ोरी है।[१२] अपने कैरियर की शुरुआत में सचिन के बैटिंग की शैली आक्रामक हुआ करती थी। सन् २००४ से वह कई बार चोटग्रस्त भी हुए। इस वजह से उनकी बल्लेबाजी की आक्रामकता में थोड़ी कमी आयी। पूर्व ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी इयान चैपल के अनुसार तेंदुलकर अब पहले जैसे खिलाड़ी नहीं रहे। किन्तु २००८ में भारत के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर तेंदुलकर ने कई बार अपनी आक्रामक बल्लेबाज़ी का परिचय दिया।

तेंडुलकर नियमित गेंदबाज़ नहीं हैं, किन्तु वे मध्यम तेज, लेग स्पिन व ऑफ स्पिन गेंदबाज़ी में प्रखर हैं। वे कई बार लम्बी व देर से टिकी हुई बल्लेबाजों की जोड़ी को तोड़ने के लिये गेंदबाज़ के रूप में लाये जाते हैं। भारत की जीत पक्की कराने में अनेक बार उनकी गेंदबाज़ी का प्रमुख योगदान रहा है।[१३]

इंडियन प्रीमियर लीग और चैंपियंस लीग

ट्वेंटी 20 मैच में तेंदुलकर का रिकॉर्ड
  मैच रन सर्वाधिक शतक अर्द्धशतक औसत
टी20 अं[१४] 1 10 10 0 0 10.00
आईपीएल[१५] 78 2334 100* 1 13 34.83
चैंपियंस लीग ट्वेंटी20[१६] 13 265 69 0 1 20.38

2008 में उद्घाटन इंडियन प्रीमियर लीग ट्वेंटी -20 प्रतियोगिता में तेंदुलकर को अपने घरेलू मैदान में मुंबई इंडियंस के लिए आइकन खिलाड़ी और कप्तान बनाया गया था। एक आइकन खिलाड़ी के रूप में, वह $ 1,121,250 की राशि के लिए हस्ताक्षर किए गए, टीम के सनथ जयसूर्या में दूसरे सबसे ज्यादा भुगतान करने वाले खिलाड़ी की तुलना में 15% अधिक।

इंडियन प्रीमियर लीग के 2010 संस्करण में मुंबई इंडियंस टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंच गया। टूर्नामेंट के दौरान तेंदुलकर ने 14 पारियों में 618 रन बनाए, आईपीएल सीजन में शान मार्श के सर्वाधिक रन का रिकॉर्ड तोड़ दिया। उन्होंने कहा कि मौसम के दौरान अपने प्रदर्शन के लिए प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट घोषित किया गया था। उन्होंने 2010 आईपीएल पुरस्कार समारोह में सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज और सर्वश्रेष्ठ कैप्टन पुरस्कार भी जीता। सचिन ने कप्तान के रूप में दो अलग-अलग सत्रों में आईपीएल में 500 से अधिक रन बनाए हैं।

सचिन तेंदुलकर ने लीग के दूसरे संस्करण के 4 लीग मैच में मुंबई इंडियंस का नेतृत्व किया। उन्होंने पहले मैच में 68 और गुयाना के खिलाफ 48 रन बनाये। लेकिन शुरुआती दो मैचों की हार के बाद मुंबई इंडियंस सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई करने में नाकाम रहे। तेंदुलकर ने 135 रन बनाए।

2011 आईपीएल में, कोच्चि टस्कर्स केरल के खिलाफ, तेंदुलकर ने अपना पहला ट्वेंटी -20 शतक बनाया। उन्होंने 66 गेंदों पर नाबाद 100 रन बनाए। आईपीएल में 51 मैचों में उन्होंने 1,723 रन बनाये, जिससे उन्हें प्रतिस्पर्धा के इतिहास में दूसरा सबसे ज्यादा रन-स्कोरर बना। 2013 में, सचिन ने इंडियन प्रीमियर लीग से सेवानिवृत्त हुए,[१७] और वर्तमान में 2014 में उन्हें मुंबई इंडियंस टीम के 'आइकन' के रूप में नियुक्त किया गया है।

निम्नलिखित फैन

सचिन का एक प्रशंसक

तेंदुलकर के प्रशंसक सुधीर कुमार चौधरी ने भारत के सभी घरेलू खेलों के लिए टिकट का विशेषाधिकार प्राप्त किया तेंदुलकर के लगातार प्रदर्शन ने उन्हें दुनिया भर में एक प्रशंसक बनाया, जिसमें ऑस्ट्रेलियाई भीड़ भी शामिल थे, जहां तेंदुलकर ने लगातार शतक बनाए हैं। उनके प्रशंसकों द्वारा सबसे लोकप्रिय कहानियों में से एक है "क्रिकेट मेरा धर्म है और सचिन मेरा भगवान है"। क्रिकइन्फो ने अपने प्रोफाइल में बताया कि "... तेंदुलकर एक दूरी से, दुनिया में सबसे ज्यादा पूजा करने वाले क्रिकेटर हैं।" [1] 1998 में भारत के ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान मैथ्यू हेडन ने कहा, "मैंने भगवान को देखा है। 4 टेस्ट मैचों में भारत में। " हालांकि, भगवान पर, तेंदुलकर ने खुद कहा है कि" मैं क्रिकेट का ईश्वर नहीं हूं। मैं गलती करता हूं, भगवान नहीं करता है। " तेंदुलकर ने एक विशेष प्रदर्शन किया 2003 में बॉलीवुड की फिल्म स्टम्प्ड, खुद के रूप में प्रदर्शित हुई।

कई उदाहरण हैं जब तेंदुलकर के प्रशंसकों ने खेल में अपनी बर्खास्तगी पर अत्यधिक गतिविधियों की है। जैसा कि कई भारतीय समाचार पत्रों की रिपोर्ट में, एक व्यक्ति ने 100 वीं शताब्दी तक पहुंचने में तेंदुलकर की असफलता पर संकट के कारण खुद को फांसी दी थी।

मुंबई में घर पर, तेंदुलकर के प्रशंसक ने उन्हें एक अलग जीवन शैली का नेतृत्व करने के लिए प्रेरित किया। इयान चैपल ने कहा है कि वह जीवन शैली से निपटने में असमर्थ होंगे, तेंदुलकर को "विग पहनने और बाहर जाने और रात में ही फिल्म देखना" करने के लिए मजबूर होना पड़ा। टिम शेरिडन के साथ एक साक्षात्कार में, तेंदुलकर ने स्वीकार किया कि वह कभी-कभी रात की देर में मुंबई की सड़कों पर चुप ड्राइव के लिए चले गए थे, जब वह कुछ शांति और मौन का आनंद ले पाएंगे। तेंदुलकर की लोकप्रिय सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर में यूज़र नेम sachin_rt के साथ मई 2010 से मौजूद है।

क्रिकेट के कीर्तिमान

IPL सचिन तेंदुलकर के कीर्तिमान
Season Team Match Inning Run HS Ave SR 100 50 Four Six
2008 Mumbai Indians 7 7 188 65 31.33 106.21 0 1 26 2
2009 13 13 364 68 33.09 120.13 0 2 39 10
2010 15 15 618 89 47.54 132.62 0 5 86 3
2011 16 16 553 100 42.54 113.32 1 2 67 5
2012 13 13 324 74 29.45 114.49 0 2 39 4
2013 14 14 287 54 22.08 124.24 0 1 38 5
Total 78 78 2334 100 34.84 119.82 1 13 295 29
  • मीरपुर में १६ फरवरी २०१२ को बांग्लादेश के खिलाफ १०० वाँ शतक।
  • एकदिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट के इतिहास में दोहरा शतक जड़ने वाले पहले खिलाड़ी।
  • एकदिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय मुक़ाबले में सबसे ज्यादा (१८००० से अधिक) रन।
  • एकदिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय मुक़ाबले में सबसे ज्यादा ४९ शतक।
  • एकदिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय विश्व कप मुक़ाबलों में सबसे ज्यादा रन।
  • टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा (51) शतक[१८]
  • ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ५ नवम्बर २००९ को १७५ रन की पारी के साथ एक दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट में १७ हजार रन पूरे करने वाले पहले बल्लेबाज बने।
  • टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक रनों का कीर्तिमान।[१९]
  • टेस्ट क्रिकेट १३००० रन बनने वाले विश्व के पहले बल्लेबाज।
  • एकदिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय मुक़ाबले में सबसे ज्यादा मैन ऑफ द सीरीज।
  • एकदिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय मुक़ाबले में सबसे ज्यादा मैन ऑफ द मैच।
  • अन्तर्राष्ट्रीय मुक़ाबलो में सबसे ज्यादा ३०००० रन बनाने का कीर्तिमान।

कुछ अन्य उल्लेखनीय घटनायें

  • ५ नवम्बर २००९: अपना ४३५ वाँ मैच खेल रहे तेंदुलकर ने तब तक ४३४ पारियों में ४४.२१ की औसत से १७,००० रन बनाये थे जिसमें ४५ शतक और ९१ अर्धशतक शामिल हैं। तेंदुलकर के बाद एक दिवसीय क्रिकेट में सर्वाधिक रन श्रीलंका के सनथ जयसूर्या ने बनाये हैं। उनके नाम पर इस मैच से पहले तक १२,२०७ रन दर्ज़ थे। जयसूर्या ४४१ मैच खेल चुके है। अब तक ४०० से अधिक एकदिवसीय मैच केवल इन्हीं दो खिलाडि़यों ने खेले हैं।
  • तेंदुलकर ने अपने एक दिवसीय कैरियर में सर्वाधिक रन आस्ट्रेलिया के खिलाफ बनाये। उन्होंने विश्व चैम्पियन के खिलाफ ६० मैच में ३,००० से ज्यादा रन ठोंके जिसमें ९ शतक और १५ अर्धशतक शामिल हैं। श्रीलंका के खिलाफ भी उन्होंने सात शतक और १४ अर्धशतक की मदद से २४७१ रन बनाये लेकिन इसके लिये उन्होंने ६६ मैच खेले।
  • इस स्टार बल्लेबाज ने पाकिस्तान के खिलाफ ६६ मैच में २३८१ रन बनाये। इसके अलावा उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ १६५५, वेस्टइंडीज के खिलाफ १५७१, न्यूजीलैंड के खिलाफ १४६०, जिम्बाब्वे के खिलाफ १३७७ और इंग्लैंड के खिलाफ भी एक हजार से अधिक रन (१२७४) रन बनाये हैं।
  • तेंदुलकर ने घरेलू सरजमीं पर १४२ मैच में ४६.१२ के औसत से ५७६६ और विदेशी सरजमीं पर १२७ मैच में ३५.४८ की औसत से ४१८७ रन बनाये। लेकिन वह सबसे अधिक सफल तटस्थ स्थानों पर रहे हैं जहाँ उन्होंने १४०मैच में ६०५४ रन बनाये जिनमें उनका औसत ५०.८७ है। वह भारत के अलावा इंग्लैंड (१०५१), दक्षिण अफ्रीका (१४१४), श्रीलंका (१३०२) और संयुक्त अरब अमीरात (१७७८) की धरती पर भी एक दिवसीय मैचों में एक हजार रन बना चुके हैं।
  • पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन ने तेंदुलकर को सलामी बल्लेबाज के तौर पर भेजने की शुरुआत की थी जिसमें मुम्बई का यह बल्लेबाज खासा सफल रहा। ओपनर के तौर पर उन्होंने १२८९१ रन बनाए हैं। जहाँ तक कप्तानों का सवाल है तो तेंदुलकर सबसे अधिक सफल अजहर की कप्तानी में ही रहे। उन्होंने अजहर के कप्तान रहते हुए १६० मैच में ६२७० रन बनाये जबकि सौरभ गांगुली की कप्तानी में १०१ मैच में ४४९० रन ठोंके। हालांकि स्वयं की कप्तानी में वह अधिक सफल नहीं रहे और ७३ मैच में ३७.७५ के औसत से केवल २४५४ रन ही बना पाये।
  • २४ फ़रवरी २०१०: सचिन तेंदुलकर ने अपने एक दिवसीय क्रिकेट के ४४२ वें मैच में २०० रन बनाकर ऐतिहासिक पारी खेली। एक दिवसीय क्रिकेट के इतिहास में दोहरा शतक जड़ने वाले पहले खिलाड़ी बने।
  • तेंदुलकर १६० टेस्ट मैचों में भी अब तक १५००० रन बना चुके हैं। और इस तरह उनके नाम पर अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट में ३०,००० से ज्यादा रन और १०० शतक दर्ज़ हैं। तेंदुलकर ने अपने एक दिवसीय कैरियर में सर्वाधिक रन आस्ट्रेलिया के खिलाफ बनाये। उन्होंने विश्व चैंपियन टीम के खिलाफ ६० मैच में ३,००० से ज्यादा रन ठोंके जिसमें ९ शतक और १५ अर्धशतक शामिल हैं।
  • सचिन ने २००३ के वर्ल्ड कप में रिकॉर्ड ६७३ रन बनाए थे। तेंदुलकर के २००३ वर्ल्ड कप में प्रदर्शन के बारे में भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ ने कहाकि पूरे टूर्नामेंट के दौरान सचिन ने नेट में एक भी गेंद नहीं खेली थी। समय के हिसाब से अपनी तैयारियों में बदलाव करते रहते हैं।[२०]

तेंदुलकर क्रिकेट के मैदान में

साँचा:wideimage सचिन तेंदुलकर ने क्रिकेट कभी अपने लिये नहीं खेला। वह हमेशा ही अपनी टीम के लिये या उससे भी ज्यादा अपने देश के लिये खेले। उनके मन में क्रिकेट के प्रति अत्यधिक सम्मान का भाव रहा। उन्होंने आवेश में आकर कभी कोई टिप्पणी नहीं की। किसी खिलाड़ी ने अगर उनके खिलाफ कभी कोई टिप्पणी की भी तो उन्होंने उस टिप्पणी का जवाब जुबान से देने के बजाय अपने बल्ले से ही दिया।

सचिन जब भी बल्लेबाजी के लिये उतरे, उन्होंने मैदान पर कदम रखने से पहले सूर्य देवता को नमन किया। क्रिकेट के प्रति उनके लगाव का अन्दाज़ इसी घटना से लगाया जा सकता है कि विश्व कप के दौरान जब उनके पिताजी का निधन हुआ उसकी सूचना मिलते ही वह घर आये, पिता की अन्त्येष्टि में शामिल हुए और वापस लौट गये। उसके बाद सचिन अगले मैच में खेलने उतरे और शतक ठोककर अपने दिवंगत पिता को श्रद्धांजलि दी।

अच्छा क्रिकेट खेलने के लिये ऊँचे कद को वरीयता दी जाती है लेकिन छोटे कद के बावजूद लम्बे-लम्बे छक्के मारना और बाल को सही दिशा में भेजने की कला के कारण दर्शकों ने उन्हें लिटिल मास्टर का खिताब दिया जो बाद में सचिन के नाम का ही पर्यायवाची बन गया।

टेस्ट क्रिकेट से संन्यास

२३ दिसम्बर २०१२ को सचिन ने वन-डे क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा कि।[२१] लेकिन उससे भी बड़ा दिन तब आया जब उन्होंने टेस्ट क्रिकेट से भी संन्यास लेने की घोषणा की। इस अवसर पर उन्होंने कहा - "देश का प्रतिनिधित्व करना और पूरी दुनिया में खेलना मेरे लिये एक बड़ा सम्मान था। मुझे घरेलू जमीन पर २०० वाँ टेस्ट खेलने का इन्तजार है। जिसके बाद मैं संन्यास ले लूँगा।"[२२] उनकी चाहत के अनुसार उनका अन्तिम टेस्ट मैच वेस्टइण्डीज़ के खिलाफ मुम्बई के वानखेड़े स्टेडियम में ही खेला गया।[२३]

और जैसा उन्होंने कहा था वैसा ही किया भी। १६ नवम्बर २०१३ को मुम्बई के अपने अन्तिम टेस्ट मैच में उन्होंने ७४ रनों की पारी खेली। मैच का परिणाम भारत के पक्ष में आते ही उन्होंने ट्र्स्ट क्रिकेट को अलविदा! कह दिया।[२४]

सम्मान

  • भारत रत्न: १६ नवम्बर २०१३ को मुंबई में सचिन के क्रिकेट से संन्यास लेने के संकल्प के बाद ही भारत सरकार ने भी उन्हें देश के सबसे बड़े नागरिक सम्मान भारत रत्न देने की आधिकारिक घोषणा कर दी।[२५] ४ फ़रवरी २०१४ को राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में उन्हें भारत रत्न से सम्मनित किया गया।[२६] ४० वर्ष की आयु में इस सम्मान को प्राप्त करने वाले वे सबसे कम उम्र के व्यक्ति और सर्वप्रथम खिलाड़ी हैं।[६] गौरतलब है कि इससे पहले यह सम्मान खेल के क्षेत्र में नहीं दिया जाता था। सचिन को यह सम्मान देने के लिए पहले नियमों में बदलाव किया गया था।
  • राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित एकमात्र क्रिकेट खिलाड़ी हैं।
  • सन् २००८ में वे पद्म विभूषण से भी पुरस्कृत किये जा चुके है।

राष्ट्रीय सम्मान

अन्य सम्मान

  • 1997 - इस साल के विज्डन क्रिकेटर
  • 2002 - बराबरी की तेंदुलकर की उपलब्धि के उपलक्ष्य में डॉन ब्रैडमैन टेस्ट क्रिकेट में 'एस 29 शताब्दियों, मोटर वाहन कंपनी फेरारी में अपनी मंडूक करने के लिए उसे आमंत्रित सिल्वरस्टोन की पूर्व संध्या पर ब्रिटिश ग्रांड प्रिक्स एक प्राप्त करने के लिए, 23 जुलाई को फेरारी 360 मोडेना F1 दुनिया से चैंपियन माइकल शूमाकर
  • 2003 - 2003 क्रिकेट विश्व कप के प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट
  • 2004, 2007, 2010 - आईसीसी विश्व एक दिवसीय एकादश
  • 2009, 2010, 2011 - आईसीसी विश्व टेस्ट एकादश
  • 2010 - खेल और कम से पीपुल्स च्वाइस अवार्ड में उत्कृष्ट उपलब्धि एशियाई पुरस्कार, लंदन में
  • 2010 - विज़डन लीडिंग क्रिकेटर ऑफ द ईयर
  • 2010 - वर्ष के सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटर के लिए आईसीसी पुरस्कार, सर गारफील्ड सोबर्स ट्राफी
  • 2010 - एलजी पीपुल्स च्वाइस अवार्ड
  • 2010 - भारतीय वायु सेना द्वारा मानद ग्रुप कैप्टन की उपाधि
  • 2011 - बीसीसीआई द्वारा वर्ष के सर्वश्रेष्ठ भारतीय क्रिकेटर
  • 2011 - कैस्ट्रॉल वर्ष के इंडियन क्रिकेटर
  • 2012 - विज्डन इंडिया आउटस्टैंडिंग अचीवमेंट पुरस्कार
  • 2012 - सिडनी क्रिकेट ग्राउंड (एससीजी) की मानद आजीवन सदस्यता
  • 2012 - ऑस्ट्रेलिया के आदेश के मानद सदस्य, ऑस्ट्रेलियाई सरकार द्वारा दिए गए
  • 2013 - भारतीय पोस्टल सर्विस ने तेंदुलकर का एक डाक टिकट जारी किया और वह मदर टेरेसा के बाद दूसरे भारतीय बने जिनके लिये ऐसा डाक टिकट उनके अपने जीवनकाल में जारी किया गया।

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

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  2. साँचा:cite web
  3. साँचा:cite web
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  6. साँचा:cite web
  7.  साँचा:cite web 
  8. साँचा:cite web
  9. साँचा:cite news
  10. https://hindiverse.com/sachin-tendulkar-biography-in-hindi/साँचा:category handlerसाँचा:main otherसाँचा:main other[dead link]
  11. साँचा:cite web
  12. साँचा:cite web
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  14. साँचा:cite web
  15. साँचा:cite web
  16. साँचा:cite web
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बाहरी कड़ियाँ

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